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लेखक : देवाशिष बसु

आज का अखबार, लेख

Stocks: निवेशक नए मगर रवैया पुराना

इस स्तंभ में दो महत्त्वपूर्ण तथ्यों की चर्चा करते हैं। वर्ष 1993 में निजी म्युचुअल फंड कंपनियां स्थापित करने की अनुमति दी गई थी। पिछले 21 वर्षों के दौरान 2014 तक इन कंपनियों का शेयरों में कुल निवेश बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह निवेश इक्विटी फंड, बैलेंस्ड फंड और इक्विटी लिंक्ड सेविंग […]

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बाजार में कितनी प्रबल ‘मोदी प्रीमियम’ की अवधारणा

हाल ही में मैं एक सेवानिवृत बैंककर्मी के साथ बात कर रहा था जिन्होंने अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा शेयरों में निवेश किया है। वह भी देश में एक न्यायसंगत और समानता वाला समाज देखने की उम्मीद करने वाले कई विचारशील लोगों की तरह इस बात को लेकर चिंतित थे कि ‘देश में इस […]

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बाजार के लिए कम नहीं हुई हैं चुनौतियां

शेयर बाजार की चाल धारणा से तेज और सुस्त होती है। धारणा मजबूत रहती है तो निवेशक दिल खोलकर दांव लगाते हैं और जोखिम लेने से पीछे नहीं हटते हैं मगर जब यह नकारात्मक या कमजोर हो जाती है तो बाजार में निवेश की आमद कम हो जाती है। निवेशक जोखिम भरी परिसंपत्तियों से इतर […]

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अतार्किक विकल्प: बैंक-ऋणधारकों की मिलीभगत के बढ़े हैं मामले

लगभग दो वर्ष पहले मैंने सीऐंडसी टावर्स लिमिटेड (CCTL) से जुड़े एक मामले पर लेख लिखा था। उसने अप्रैल 2009 में अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) के लिए ग्रेटर मोहाली क्षेत्र विकास प्राधिकरण (जीएमएडीए) के साथ 20 वर्षों के लिए कन्सेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे। इस टर्मिनल में तीन बहुमंजिला इमारतें बनाने का प्रस्ताव था। […]

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अतार्किक विकल्प: आंकड़ों के जाल में उलझी आर्थिक वृद्धि

Indian Economy: भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर वृहद स्तर पर दो दृष्टिकोण हो सकते हैं। पहला यह कि देश 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। इस नजरिये को आकर्षक आर्थिक आंकड़ों से वजन दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि देश में संपन्नता बढ़ती जा रही है […]

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सरकार के हाथों में वृद्धि का पांसा

वर्ष 2022 में मुद्रास्फीति, उच्च ब्याज दरों और आर्थिक मंदी आदि के कारण विश्व स्तर पर जो निराशाजनक परिदृश्य बना वह 2023 में भी जारी रहा लेकिन मार्च तिमाही में परिदृश्य बदलता नजर आया। अमेरिका में मुद्रास्फीति की दर गत वर्ष जून के 9.1 फीसदी से कम होकर अब 3.2 फीसदी रह गई। यूरो क्षेत्र […]

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फिनफ्लुएंसर के खिलाफ कितने कारगर कदम

पिछले सप्ताह के अंत में बाजार नियामक सेबी ने दो छोटे चर्चा पत्र जारी किए जिनका मकसद वित्तीय इन्फ्लुएंसरों या फिनफ्लुएंसरों के अवैध तौर तरीकों पर लगाम लगाना है। सेबी के अनुसार ‘फिनइनफ्लुएंसर आमतौर पर ऐसे अपंजीकृत लोग या कंपनियां होते हैं जो अपने फॉलोअरों को विभिन्न वित्तीय मसलों पर लुभावनी सामग्री, जानकारी और सलाह […]

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Opinion: वै​श्विक अर्थव्यवस्था पर घने बादलों का साया

बीते चार महीनों में भारतीय बाजारों में अच्छी खासी तेजी देखने को मिली है, उधर अमेरिकी शेयर बाजारों में पूरे 2023 के दौरान जबरदस्त तेजी रही। निवेशकों ने उच्च ब्याज दर, कमजोर आ​र्थिक वृद्धि और विकसित देशों में उच्च ऋण दर जैसी वृहद आ​र्थिक दिक्कतों की अनदेखी की है। इसके बावजूद 2022 में मुख्य बाधा […]

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म्युचुअल फंड बाजार में हलचल मचाएगी जियो!

जियो फाइनैंशियल सर्विसेज मुकेश अंबानी की वह कंपनी है जो हाल ही में एक विलय से मुक्त हुई है। इस कंपनी के बारे में शायद ही किसी को कोई खास जानकारी है लेकिन माना यही जा रहा है कि यह 540 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय म्युचुअल फंड (एमएफ) कारोबार में उथलपुथल कर सकती है। […]

आज का अखबार, लेख

डिजिटल बैंकिंग पर जोर और परेशान होते ग्राहक

ग्राहकों की समस्या हल करने की पुख्ता व्यवस्था कायम किए बगैर डिजिटल की ओर बढ़ते समय हम ग्राहकों को ही सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है। बता रहे हैं देवाशिष बसु बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के अधिकारियों ने गत वर्ष कथित तौर पर फर्जी मोबाइल नंबरों का प्रयोग करके बैंक की नई ऐ​प्लिकेशन बॉब […]

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