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इथियोपिया ज्वालामुखी विस्फोट: राख के बादल से एयर इंडिया, अकासा और इंडिगो ने कई उड़ानें कीं रद्दछत्तीसगढ़ को मिला ₹6,826 करोड़ का निवेश प्रस्ताव, CM साय ने कहा: इससे बढ़ेगा राज्य का औद्योगिक विकासअमेरिकी टैरिफ के बावजूद नवंबर में भारत के वस्तु निर्यात में पिछले साल की तुलना में हुई बढ़ोतरीबॉन्ड से पूंजी जुटाने की रफ्तार धीमी, दिग्गज सरकारी कंपनियों ने उम्मीद से कम इश्यू जारी किएगैर-निगमित क्षेत्र में रोजगार और प्रतिष्ठानों की संख्या में मामूली बढ़ोतरी दर्ज, पिछली तिमाही की तुलना में थोड़ी रिकवरीउद्योग से कम रहेगी प्राइवेट बैंकों की ग्रोथ, बाजार हिस्सेदारी में लगातार दूसरे साल गिरावट की आशंका OIL इंडिया ने लागत घटाने के लिए 18 महीनों में ₹1,000 करोड़ की बनाई योजना, उत्पादन बढ़ाने पर रहेगा जोरआर्थिक अपराधियों के लिए खुल सकती है समझौते की राह!केकेआर और पीएसपी ने किया लाइटहाउस लर्निंग में निवेश, स्कूल नेटवर्क का विस्तार करने पर जोरRBI के आंकड़े: वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में ECB में शुद्ध आवक घटकर 8 अरब डॉलर पर

लेखक : देवाशिष बसु

आज का अखबार, लेख

जीडीपी ग्रोथ और कॉरपोरेट नतीजे दिखा रहे असली मांग की कमी

भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार ऐसे आंकड़े सामने ला रही है जो ज्यादातर वित्त मंत्रियों में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न कर देंगे। राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान के अनुसार वित्त वर्ष 2026 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है। आधार आंकड़ा 7.1 फीसदी है जो हालात बेहतर रहने पर […]

आज का अखबार, लेख

AI बूम या पुराना बुलबुला? अमेरिकी शेयर बाजार की तेजी क्यों लग रही है जानी-पहचानी

व्यापारिक तनावों या राजकोषीय दिक्कतों से बेपरवाह अमेरिकी शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब है। यह तेजी नई पीढ़ी के तकनीकी आशावाद की लहर पर सवार है जिसका नाम है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई)। सात बड़ी टेक कंपनियां यानी अल्फाबेट, एमेजॉन, ऐपल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया और टेस्ला इस समय एसऐंडपी 500 के बाजार पूंजीकरण में करीब […]

आज का अखबार, लेख

‘उपयोगी ज्ञान’ के जरिए विकसित भारत: ऐसी संस्कृति बनाना जो ज्ञान का सम्मान करे

कुछ दिनों पहले जोएल मोकिर, फिलिप एगियों और पीटर हॉविट को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया। मोकिर की दलील है कि समाज तब फलते-फूलते हैं जब वे उपयोगी ज्ञान का पोषण करते हैं, उसका विकास करते हैं और उसे प्रसारित करते हैं। एगियों और हॉविट ने समझाया कि कैसे ज्ञान तब अत्यधिक उत्पादक हो […]

आज का अखबार, लेख

निजी पूंजीगत व्यय सुस्त, वेतन वृद्धि की कमी से मांग को नहीं मिल रहा सहारा

अर्थशास्त्री कई दशकों से लगातार यह शिकायत करते रहे हैं कि हमारा राजस्व व्यय बहुत अधिक है और पूंजीगत व्यय पर्याप्त नहीं है। यह शिकायत अब कम से कम खत्म हो सकती है। पिछले 11 वर्षों में, नरेंद्र मोदी सरकार ने लगभग 54 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया है, जिसमें महामारी के बाद […]

आज का अखबार, लेख

ट्रंप का H-1B वीजा कदम: अमेरिकी कंपनियों के लिए महंगा, भारत की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर को एक नया बड़ा फैसला किया। उन्होंने आदेश दिया कि अब से अमेरिका के बाहर के विदेशी कर्मचारियों के लिए एच-1बी वीजा की सभी नई अर्जियों पर एक लाख डॉलर का शुल्क लगेगा। यह कदम कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखने से रोकने के लिए […]

आज का अखबार, लेख

GST 2.0 सुधार से अर्थव्यवस्था को नई दिशा या सिर्फ आंकड़ों का खेल, उपभोक्ताओं के लिए कितना फायदेमंद

भारत की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने 3 सितंबर को एक बैठक में इस कर प्रणाली में सरलीकरण के लिए 2017 के बाद का सबसे बड़ा बदलाव पेश किया। यह बदलाव 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएगा और इसके कारण देश में दो प्रमुख कर स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी होंगे। नई […]

अन्य समाचार

GST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगा

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में मौजूदा चार मुख्य दरें (5,12,18 और 28  फीसदी) अब दो मुख्य दरों 5   फीसदी और 18  फीसदी में तब्दील हो जाएंगी। तंबाकू जैसी हानिकारक वस्तुओं पर 40 फीसदी जीएसटी के अलावा अतिरिक्त शुल्क भी लगाया जाएगा। सरकार ने कहा कि इस कदम का मकसद अनुपालन सरल बनाना, […]

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Trump Tariff: क्या इस व्यापारिक उथलपुथल से हुए मंथन में अमृत जैसा कुछ निकल सकता है?

हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चुनिंदा भारतीय निर्यातों पर 25 फीसदी का शुल्क लगा दिया और बहुत जल्दी उन्होंने इसे बढ़ाकर 50 फीसदी करने की घोषणा कर दी क्योंकि भारत रूस से निरंतर कच्चे तेल का आयात कर रहा है। इस प्रकार का दंडात्मक शुल्क प्राय: शत्रु देशों पर लगाया जाता है। अगर […]

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डेरिवेटिव्स का भ्रम: जेन स्ट्रीट केस ने उजागर की भारत के F&O बाजार की खामियां

गत माह देश के नियामकों ने एक हाई फ्रीक्वेंसी वाली ट्रेडिंग फर्म, जेन स्ट्रीट, को कथित तौर पर बाजार में हेराफेरी करते हुए पकड़ा था। यह एक नियामकीय कामयाबी प्रतीत हो सकती है, लेकिन सच तो यह है कि इसने वर्षों की तेज वृद्धि के बाद भारत के डेरिवेटिव बाजार के मूल में मौजूद गहरी […]

आज का अखबार, लेख

अतार्किक विकल्प: चीनी आपूर्ति वर्चस्व- औद्योगिक नीति को पुनर्स्थापित करने की दरकार

पहले दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माताओं को मुश्किल में डाला गया था। अब चीन ने विशेष उर्वरकों पर रोक लगा दी है। भारत में आने वाली जर्मनी की सुरंग-बोरिंग मशीन कथित तौर पर चीन में फंसी हुई है जिसके लिए निर्यात मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा […]

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