
आर्थिक वृद्धि में असंतुलन और भ्रष्टाचार का संबंध
पिछले सप्ताह मैं रसोई का सामान बनाने वाली एक कंपनी के निदेशक से बातचीत कर रहा था। उन्होंने बताया कि इन दिनों रसोई में उपयोग होने वाले बर्तनों एवं अन्य उपकरणों की बिक्री अधिक नहीं हो रही है। रसोई का सामान बनाने वाली दूसरी कंपनियों की कमजोर बिक्री के आंकड़े भी कुछ ऐसा ही कहते […]

मजबूत हों संस्थान तो बेहतर हो विकास
गत सप्ताह ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत अपने प्रत्यक्ष कर कानूनों में सुधार की तैयारी कर रहा है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आय की बढ़ती असमानता को कम करने में मदद मिल सके। हालिया बजट में सरकार ने पहले ही डेट फंडों पर सामान्य आय कर दरों से कर लगाने का […]

ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करें बैंक
बैंक की गलती होने पर उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई और ग्राहकों को हर्जाना देने की व्यवस्था होनी चाहिए। इस विषय पर विस्तार से बता रहे हैं देवाशिष बसु एक ग्राहक के रूप में हमें सबसे खराब अनुभव बैंकों और वित्तीय सेवाओं से प्राप्त होता है। शेयर और बीमा निवेश योजनाओं को लेकर झूठे वादे, पारंपरिक […]

सार्वजनिक उत्तरदायित्व बीमा प्रावधान मजबूत हो
दिसंबर 2021 में एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी और उनकी पत्नी महाराष्ट्र के ठाणे में एक बैंक शाखा में गए थे। लॉकर रूम में बैंक अधिकारी कमजोर सीढ़ी से गिर पड़े। इस घटना में उन्हें काफी चोट आई और डॉक्टरों ने उन्हें शल्य चिकित्सा कराने का परामर्श दिया। जिस बैंक की शाखा में यह घटना हुई […]

अदाणी प्रकरण में मूल विषय पर नहीं हो रही बहस
अदाणी समूह पर अमेरिका की शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद प्रतिक्रियाओं का तांता लग गया है। इस रिपोर्ट के आने के बाद 25 जनवरी से अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में धड़ाधड़ बिकवाली शुरू हो गई थी। क्रोधित ‘राष्ट्रवादियों’ ने इस रिपोर्ट को भारत पर हमला तक करार दे दिया। […]

छोटे शेयरों से बड़ी कमाई की कहानी
शेयरों में निवेश करने वाले लोगों के लिए सावधानी से चुने गए कुछ शेयर समृद्धि की राह खोल सकते हैं। बैंक जहां सालाना 6-7 फीसदी ब्याज दे रहे हैं, वहीं कुछ शेयर ऐसे हैं जो हर कुछ वर्ष में 100 फीसदी या उससे अधिक बढ़ जाते हैं। बीते 10 वर्षों से अधिक समय में कुछ […]

फंसा कर्ज और ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता
जब तक सरकारी बैंकों का निजीकरण नहीं होगा नए सिरे से फंसे कर्ज का खतरा बरकरार रहेगा। बता रहे हैं देवाशिष बसु केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह राज्य सभा को बताया कि अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने बीते पांच वर्ष में 10 लाख करोड़ रुपये मूल्य का फंसा हुआ कर्ज बट्टे खाते में […]