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फ्लिपकार्ट और फोनपे पर रहेगा वॉलमार्ट का जोर

Last Updated- May 11, 2023 | 11:32 PM IST
Walmart

वॉलमार्ट के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) डग मैकमिलन भारत के दौरे पर हैं। निवेदिता मुखर्जी और एके भट्टाचार्य के साथ बातचीत में मैकमिलन ने संकेत दिया कि मल्टी-ब्रांड रिटेल की उनकी कोई तमन्ना नहीं है और फ्लिपकार्ट तथा फोनपे के साथ आपूर्ति और तकनीक पर ही उनका ध्यान है। उन्होंने दोनों कंपनियों के आईपीओ और चीन के मुकाबले भारतीय बाजार की तेज रफ्तार के बारे में भी बात की। मुख्य अंश:

ऐपल के टिम कुक के बाद महीने भर के भीतर भारत आने वाले आप दूसरे अमेरिकी सीईओ हैं। भारत के बारे में आप क्या सोचते हैं और वॉलमार्ट के आने के बाद 15 साल में यह देश कितना बदला है?

मैं बहुत उत्साह में हूं। मैं 2004 में पहली बार भारत आया था और उसके बाद से यहां आता रहा हूं। मुझे लगता है कि इस देश की स्थिति वाकई अच्छी है। वित्तीय सेवा और बुनियादी ढांचा समेत विभिन्न क्षेत्रों में यहां वास्तविक प्रगति हो रही है। हमारा मकसद भारत से निर्यात बढ़ाना है। 2020 में हमने लक्ष्य रखा कि 2027 तक भारत से निर्यात को 10 अरब डॉलर सालाना पर पहुंचाना है।

उस समय निर्यात इसके पांचवें हिस्से भर ही था, इसलिए छोटे से समय बहुत बड़ा लक्ष्य हासिल करना था। जब हमने विनिर्माताओं के साथ शुरुआत की तो उत्पाद बहुत कम थे। होम टेक्सटाइल में बड़ा मौका था। मगर अब होम टेक्सटाइल ही नहीं, परिधान, जूते, खिलौने, बाइसिकल आदि में बहुत मौके हैं। हमें तो अमेरिका के लिए मछली निर्यात करने वाला भी मिल गया। आज हमें ऐसे कारखाने चाहिए, जो समय पर बेहतरीन वस्तुएं तैयार कर सकें।

इस समय भारत में वॉलमार्ट की पहचान क्या है?

शायद आप बेहतर बता सकें। मेरे हिसाब से फ्लिपकार्ट हमारा मार्केटप्लेस कारोबार है, फोनपे वित्तीय सेवा कारोबार है। हमारे पास आपूर्तिकर्ता हैं और देश में करीब 10,000 तकनीकी विशेषज्ञ हमारे लिए काम करते हैं। इसलिए हमारी पहचान कई हैं।

फ्लिपकार्ट और फोनपे के आईपीओ के बारे में बताएं…

दोनों के आईपीओ आने ही हैं। मुझे खुशी है कि फोनपे का मुख्यालय भारत में है और इसका आईपीओ यहीं से आएगा। लेकिन समय का फैसला कंपनी के निदेशक मंडल को करना है।

आपने भारत से 2027 तक सालाना 10 अरब डॉलर का सामान लेने की बात दोहराई है। उसकी क्या तैयारी है?

मैंने कहा कि हमें ऐसा करने का भरोसा है मगर उसके लिए काफी कुछ करना है। हमने अपनी टीम को प्रेरित करने के लिए और भारत में लोगों को यह बताने के लिए लक्ष्य तय किया कि अपना कारोबार बढ़ाने के लिए हम वाकई गंभीर हैं। अब श्रेणियों की बढ़ी संख्या और राजमार्ग, गहरे जल के बंदरगाह आदि से इसे हासिल करना आसान है मगर काफी काम करना है।

10 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल करने के लिए आपको सरकार या नियामकों से किस तरह की मदद चाहिए?

सरकार ऐसे कई काम कर रही है, जो उद्यमियों और विनिर्माताओं के लिए मददगार हैं। बुनियादी ढांचे में निवेश उनमें सबसे अहम है। अब हमें ज्यादा से ज्यादा विनिर्माताओं तक पहुंचकर उन्हें साथ जोड़ना है। इसके लिए हमने ट्राइडेंट और वेलस्पन जैसी अपनी बड़ी आपूर्तिकर्ता कंपनियों को अमेरिका ले जाकर अपनी योजना पर उनसे बात की है। इस साल हम यहां दूसरे देशों जैसा कार्यक्रम भी करना चाहते हैं, जिसमें हमें नए आपूर्तिकर्ता मिल सकें।

आपके लिए रिटेल क्षेत्र में नियामकीय माहौल कभीकभार भ्रम में डालने वाला हो सकता है… क्या इसमें बेहतरी की जरूरत लगती है?

हम जिन देशों में काम करते हैं, वहां रिटेल के नियम अलग-अलग हैं। हम निष्पक्षता, पारदर्शिता, प्रक्रिया में भागीदारी और टिकाऊ नीतियां चाहते हैं।

भारत में आपके जितनी नियामकीय चुनौतियां किसी ने नहीं झेलीं। आप भारत में बड़े-बड़े रिटेल स्टोर खोलना चाहते थे मगर अब यहां फ्लिपकार्ट ही आपकी पहचान बन गई है। क्या अब भी बड़े रिटेल स्टोर खोलने की आपकी योजना है?

काम अच्छी तरह से बढ़ रहा है। पिछले कुछ साल में पूरी दुनिया में ई-कॉमर्स छा गया और हमारा भी हर देश में ई-कॉमर्स कारोबार है। उनमें से कई देशों में फ्लिपकार्ट की तरह हमारे मार्केटप्लेस हैं। इसलिए ई-कॉमर्स, फ्लिपकार्ट और फोनपे कारोबार से हम खुश हैं। हमारा ध्यान निवेश और स्थानीय टीमों की मदद करने पर है। स्थानीय टीम फैसले लेती है और हम उसकी मदद करते हैं।

क्या वॉलमार्ट अब भी भारत में मल्टी-ब्रांड रिटेल कंपनी बनना चाहती है?

हम फ्लिपकार्ट और फोनपे से खुश हैं और हमारा ध्यान उन्हीं पर है।

16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण करने के बाद यहां निवेश की वॉलमार्ट की क्या योजना है?

जितना जरूरी होगा हम निवेश करेंगे। फ्लिपकार्ट और फोनपे में शुरुआती निवेश 16 अरब डॉलर था और उसके बाद भी कई बार काफी निवेश किया गया। हमने कहा है कि अंत में आईपीओ आएगा और उस समय कई और निवेशक भी हिस्सेदारी कर पाएंगे। हम यहां लंबे समय के लिए हैं और फ्लिपकार्ट तथा फोनपे को बड़ी तादाद में निवेशकों का साथ दिलाना चाहते हैं। कारोबार को ऊपर ले जाने में छोटे निवेशकों की भी भागीदारी होनी चाहिए।

जब आपने फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण किया तो शेयरधारक बहुत चिंतित थे। क्या अब चिंता दूर हो गई है और क्या सौदा महंगा रहा?

सौदा बहुत अच्छा रहा और यहां निवेश करके हम बहुत खुश हैं। हां, निवेश चक्र के कारण शुरुआत में वॉलमार्ट के निवेशकों के मन में सवाल थे। साल बीतने के साथ ही वॉलमार्ट समुदाय को समझ आ गया है कि ये कारोबार शानदार हैं और हमने सही समय पर पुख्ता योजना के साथ निवेश किया था। उन्हें भारत के बाहर भी फ्लिपकार्ट और फोनपे के फायदे दिख रहे हैं। फ्लिपकार्ट दक्षिण अफ्रीका में ई-कॉमर्स कारोबार शुरू करने में मदद कर रही है और फोनपे से धोखाधड़ी पहचानने की सेवा में मदद मिल रही है। हम 20 देशों में काम कर रहे हैं और जानकारी के आदान-प्रदान में फ्लिपकार्ट तथा फोनपे हमारी मदद कर रही हैं।

वॉलमार्ट के सीएफओ ने हाल ही में कहा था कि भारत इस साल चीन को पछाड़कर सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार बन जाएगा। आप कुछ विस्तार से बता सकते हैं?

भारत बहुत तेज रफ्तार से बढ़ रहा है मगर यहां अलग तरह का कारोबार है। यहां बिकने वाले सामान के कुल मूल्य के आंकड़े आते हैं मगर चीन में असली कमाई के आंकड़े होते हैं। इसलिए दोनों की तुलना नहीं हो सकती। बहरहाल भारत में कारोबार के लिहाज से ही नहीं बल्कि लोगों की नियुक्ति और उत्पादों की आपूर्ति में भी बहुत संभावनाएं हैं।

जब आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे तो उनसे क्या कहेंगे?

इस हफ्ते मैं सबसे यही कहूंगा कि हम अच्छे साझेदार बनाना चाहते हैं, हम सबकी मदद करते हुए कारोबार करना चाहते हैं।

First Published - May 11, 2023 | 11:32 PM IST

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