
नजर आने लगी है GST की छाप, पिछले दो वर्षों में कर संग्रह में अच्छा खासा इजाफा
पांच वर्ष के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि GST में टिकाऊ वृद्धि दिखने लगी है। हालांकि अभी भी इसमें कई कमजोरियां हैं और इसे कई नीतिगत चुनौतियों का सामना करना है। बता रहे हैं ए के भट्टाचार्य बीते दो वर्षों में सरकार के कर संग्रह में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। यही वह […]

अब लंबे Ads दिखाएगा YouTube, स्किप करने का नहीं मिलेगा विकल्प
मौजूदा समय में जब हर चीज एक क्लिक पर उपलब्ध है। टीवी पर यूट्यूब और अन्य ऐप्स देखना खासा लोकप्रिय हो गया है। वैसे ज्यादातर ऐप्स के आपको सब्सक्रिप्सन प्लान लेने होते हैं। वहीं YouTube पूरी तरह से फ्री है। यही वजह है कि YouTube विज्ञापन दिखाकर अपनी आमदनी करता है। लेकिन इसी बीच YouTube […]

समृद्ध राज्य और चुनावी रेवड़ियों का चलन
कर्नाटक में 224 सीटों वाली विधानसभा के लिए मतदान हो चुका है और आज उनके नतीजे आ रहे हैं। मतदान के पहले कुछ सप्ताहों के दौरान सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और दो मुख्य विपक्षी दलों कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के बीच गहन चुनावी लड़ाई देखने को मिली। इन दलों के चुनावी घोषणापत्र […]

फ्लिपकार्ट और फोनपे पर रहेगा वॉलमार्ट का जोर
वॉलमार्ट के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) डग मैकमिलन भारत के दौरे पर हैं। निवेदिता मुखर्जी और एके भट्टाचार्य के साथ बातचीत में मैकमिलन ने संकेत दिया कि मल्टी-ब्रांड रिटेल की उनकी कोई तमन्ना नहीं है और फ्लिपकार्ट तथा फोनपे के साथ आपूर्ति और तकनीक पर ही उनका ध्यान है। उन्होंने दोनों कंपनियों के आईपीओ और […]

निर्यात के वास्तविक लक्ष्य और विदेश व्यापार नीति
केंद्र सरकार की पिछले माह घोषित नई विदेश व्यापार नीति पर विशेषज्ञों और निर्यात समुदाय ने अलग-अलग टिप्पणियां की हैं। बहरहाल, इस नई नीति का एक अहम पहलू जिस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया वह है सरकार की यह मान्यता कि नई नीति से निर्यातकों को आने वाले वर्षों में लाभ होगा। नई नीति […]

कैसे सुनिश्चित होगी संसदीय छान-बीन?
गत माह 2023-24 के केंद्रीय बजट को संसद में जिस प्रकार बिना किसी चर्चा के पारित करना पड़ा उस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नाखुशी जाहिर की है। लोकसभा ने 23 मार्च को बजट को मंजूरी प्रदान की जिसमें सालाना 45 लाख करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया। इसे पारित करने के […]

सुधार के जोखिम का आवश्यक है प्रबंधन
कर्नाटक सरकार ने हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया जिस पर लोगों का ध्यान नहीं गया। उसने राज्य के श्रम कानूनों में संशोधन किया जिसके बाद वहां के उद्योग काम के घंटों को मौजूदा 9 से बढ़ाकर 12 घंटे प्रति दिन कर सकते हैं। इसके साथ ही ओवरटाइम की अवधि भी महीने के 75 […]

रूस से बढ़ी तेल आपूर्ति के बीच बेहतर हों नीति
बीते कुछ महीनों में रूस के कच्चे तेल का आयात तेजी से बढ़ने के साथ ही देश की तेल अर्थव्यवस्था में भी महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है। हालांकि ऐसा लगता नहीं कि इन बदलावों ने ऐसी किसी बहस को जन्म दिया हो कि सरकार तथा तेल कंपनियों को कीमतों के निर्धारण की वर्तमान व्यवस्थाओं और प्रणालियों […]

One year of Russia Ukraine war: संकट का प्रबंधन
करीब एक साल पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद डर जताया जा रहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने कम से कम तीन खास क्षेत्रों में बड़ी चुनौतियां होंगी। ऊंची मुद्रास्फीति के खतरे उन लोगों के सामने नई चुनौतियां खड़ी करेंगे, जिन पर भारत की मौद्रिक नीति संभालने का जिम्मा है। जिंस खास […]

मनमोहन सिंह की बुनियाद पर खड़ी मोदी की योजनाएं
करीब तीन महीने में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल के दसवें वर्ष में प्रवेश करेंगे। मई 2024 के अंत में प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल मनमोहन सिंह के बराबर हो जाएगा जिन्होंने 2004 से 2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का नेतृत्व किया था। ऐसे में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच तुलना […]