Opinion: राजकोषीय प्रदर्शन सुधारने के लिए खर्च में कटौती से इतर उपाय अपनाने की जरूरत
केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष कर संग्रह में बीते कुछ वर्षों में काफी इजाफा हुआ है और वित्त मंत्रालय भी इससे उत्साहित है, जो स्वाभाविक भी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के विश्लेषण के अनुसार 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में प्रत्यक्ष करों की हिस्सेदारी 6.64 फीसदी रही, जो 24 सालों का उच्चतम स्तर […]
एमटीएनएल को स्टेट बैंक की चेतावनी का अर्थ
भारतीय स्टेट बैंक ने बकाया कर्ज की वसूली के लिए एमटीएनएल को जो नोटिस दिया है, वह इस दूरसंचार कंपनी के स्वामित्व में बदलाव का अवसर प्रदान करता है। बता रहे हैं ए के भट्टाचार्य पिछले सप्ताह महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) खबरों में थी। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने […]
तीसरी मोदी सरकार के सौ दिन से निकले संकेत
गत 9 जून को सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पिछले सप्ताह पूरे हो गए। इस बार 100 दिन के कामकाज का जश्न पिछली मोदी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल के जश्न से कितना अलग था? जाहिर है इन आयोजनों में पहले 100 दिन की बड़ी उपलब्धियों […]
बढ़ती पारदर्शिता और राजकोषीय सूझबूझ: बजट में वह अहम जानकारी जिसकी कर दी गई अनदेखी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश किया और संसद ने उसे 8 अगस्त को मंजूरी दे दी। इस बजट में वित्त मंत्री ने एक नई और अहम जानकारी दी, जिसकी लगभग अनदेखी ही कर दी गई। यह जानकारी या खुलासा बजट के व्यय दस्तावेज के वक्तव्य क्रमांक 27-ए […]
लैटरल एंट्री और UPS: दो निर्णयों के बहाने मोदी सरकार की शासन शैली में बदलाव की कहानी
नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के आरंभ में ही देश का फौलादी ढांचा कहलाने वाली अफसरशाही के बारे में दो निर्णय लिए। पहला निर्णय विपक्ष के विरोध के कारण हड़बड़ी में वापस ले लिया गया और दूसरे का खास विरोध ही नहीं हुआ। पहला निर्णय था अफसरशाही में लैटरल एंट्री यानी सीधी भर्ती […]
राजनीतिक और आर्थिक अलगाव सही नहीं, सार्वजनिक क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वसनीय नीति की जरूरत
अगर आपको इस बात का सबूत चाहिए कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र से संबंधित नीतियों में सूक्ष्म किंतु महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है तो पिछले सप्ताह लोक सभा में पेश किया गया नया संशोधन विधेयक काफी होगा। यह सही है कि सैद्धांतिक तौर पर सरकार अपने उस पुराने निर्णय पर अटल […]
नए कैबिनेट सचिव बनने जा रहे टी वी सोमनाथन ने काबिलियत के दम पर हासिल किया शिखर, कुछ ऐसा रहा सफर
आजाद भारत के अब तक के इतिहास में टी वी सोमनाथन मात्र दूसरे ऐसे वित्त सचिव हैं जो कैबिनेट सचिव बनेंगे। कैबिनेट सचिव यानी अफसरशाही का सबसे वरिष्ठ और सबसे ताकतवर पद। इससे पहले फरवरी 1985 में पी के कौल वित्त सचिव से कैबिनेट सचिव बनने वाले पहले अफसरशाह थे। यानी एक अन्य वित्त सचिव […]
बजट विद बीएस: द फाइन प्रिंट- राजकोषीय कुशलता के साथ वृद्धि पर जोर
मुंबई में बुधवार को आयोजित ‘बजट विद बीएस: द फाइन प्रिंट’ कार्यक्रम में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सोमनाथन ने बजट से जुड़े सवालों के जवाब दिए और रोजगार योजना, पूंजीगत लाभ इंडेक्सेशन तथा राजकोषीय रोडमैप पर सरकार के दृष्टिकोण […]
Union Budget 2024: विवेकशील, साहसी और समझदारी भरा बजट, घोषणाओं में दिखा वित्त मंत्री का राजकोषीय विवेक
Budget 2024: नरेंद्र मोदी सरकार के अपने छठे पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दिखाया कि वह राजकोषीय विवेक, साहस और राजनीतिक समझदारी सब रखती हैं। उनका राजकोषीय विवेक न केवल 2024-25 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य कम करके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 फीसदी तक लाने में नजर आता […]
राजस्व बढ़ाने पर देना होगा ध्यान
मोदी सरकार के बीते 10 साल के कार्यकाल में बजट का प्रदर्शन कैसा रहा? इस सवाल का एक जवाब यह होगा कि उनकी तुलना पिछली सरकारों के बजट से की जाए। परंतु एक अन्य तरीका यह भी होगा कि मोदी सरकार के बजट की आपस में ही तुलना की जाए। मौजूदा संदर्भ में ऐसा करना […]