देश भर में घरेलू उड़ानों की बुकिंग करने वाले ज्यादातर यात्रियों का कहना है कि 6 दिसंबर के बाद भी एयरलाइंस सरकार की तय की गई किराया सीमा का पालन नहीं कर रही हैं। कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल्स के एक सर्वे में यह बात सामने आई है। इस सर्वे में शामिल लगभग 10 में से 6 यात्रियों ने बताया कि उन्होंने किराए की इस सीमा को तोड़ते हुए कई मामले देखे।
दरअसल, 3 से 6 दिसंबर के बीच टिकटों के दाम अचानक बहुत बढ़ गए थे। यात्रियों की शिकायतों के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 6 दिसंबर को अस्थायी तौर पर किराए की अधिकतम सीमा लगा दी। इसके तहत इकोनॉमी क्लास की नॉन-स्टॉप घरेलू उड़ानों के लिए बेस किराया 500 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 7,500 रुपये, 500 से 1,000 किलोमीटर के लिए 12,000 रुपये, 1,000 से 1,500 किलोमीटर के लिए 15,000 रुपये और 1,500 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा के लिए 18,000 रुपये तक रखा गया। टैक्स और एयरपोर्ट चार्ज अलग से लगते हैं। सरकार ने कहा कि यह कदम अस्थायी है, ताकि एयरलाइंस अपनी सामान्य क्षमता बहाल करें और ज्यादा दाम वसूली रोकी जा सके।
लोकलसर्किल्स ने पूरे देश में 291 जिलों के यात्रियों से बात की। इस सर्वे में 25,519 जवाब आए, जिनमें बड़े शहरों के अलावा छोटे कस्बों और गांवों के लोग भी शामिल थे। जब पूछा गया कि एयरलाइंस किराए की सीमा मान रही हैं या नहीं, तो 59 फीसदी ने कहा कि उन्होंने कुछ या कई बार उल्लंघन के मामले पाए। सिर्फ 21 फीसदी यात्रियों को लगा कि हर बार नियम का पालन हुआ, बाकी अनिश्चित रहे।
पिछले हफ्ते से लोकलसर्किल्स को सैकड़ों शिकायतें मिल रही हैं कि तय सीमा से ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। यात्रियों का कहना है कि बुकिंग करते समय अभी भी ऊंचे दाम दिख रहे हैं।
इस बीच बड़ी एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने दावा किया कि वे नियमों का पालन कर रही हैं। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा कि उनकी बुकिंग सिस्टम में कैप्ड किराए पूरी तरह अपडेट हो चुके हैं। एयर इंडिया ने बताया कि सिस्टम अपडेट होने के कारण इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। दोनों ने बदलाव या कैंसिलेशन फीस माफ करने और व्यस्त रूटों पर अतिरिक्त उड़ानें जोड़ने की घोषणा की।
एयर इंडिया ने यह भी कहा कि ट्रांजिशन पीरियड में ज्यादा पैसे देने वाले यात्रियों को रिफंड दिया जाएगा।
किराया बढ़ने की मुख्य वजह इंडिगो की उड़ानें रद्द होना था। इंडिगो ने दिल्ली से सभी घरेलू उड़ानें और मुंबई, बेंगलुरु जैसे अन्य एयरपोर्ट से कई उड़ानें कैंसिल कर दीं। कंपनी ने कहा कि इसके पीछे कई अप्रत्याशित ऑपरेशनल दिक्कतें हैं, लेकिन बड़ा कारण DGCA के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियम हैं, जो पायलट और क्रू की सुरक्षा के लिए बनाए गए।
व्यस्त यात्रा के मौसम में यह सर्वे बताता है कि किराए की सीमा को सही से लागू करने में अभी काफी दिक्कतें हैं। यात्रियों को उम्मीद है कि निगरानी बढ़ेगी, ताकि नियमों का पालन हो।