ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने शुक्रवार को कहा कि कॉरपोरेट आय में सुधार और अनुकूल आर्थिक रुझानों के बल पर 2026 में उभरते बाजारों के बीच भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। पिछले एक साल में भारतीय बाजार का प्रदर्शन कमजोर रहा है। ब्रोकरेज ने बेंचमार्क निफ्टी 50 के 2026 के अंत तक 28,300 के स्तर पर पहुंचने का लक्ष्य बताया है। इसका मतलब है मौजूदा स्तर से 10 फीसदी की वृद्धि।
निफ्टी 2025 अब तक 9.5 फीसदी उछला है। यह सूचकांक पिछले छह तिमाहियों में कमजोर आय, विदेशी निवेशकों की रिकॉर्ड निकासी, अमेरिका के ऊंचे टैरिफ और महंगे मूल्यांकन के कारण एशियाई और व्यापक उभरते बाजारों के समकक्षों से पीछे है।
जेफरीज के अनुसार 2026 में बाज़ार को तेजी देने वाला एक प्रमुख कारक निरंतर घरेलू निवेश होगा। म्युचुअल फंडों, व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी), बीमा कंपनियों, पेंशन फंडों, भविष्य निधि, वैकल्पिक निवेश फंडों और प्रत्यक्ष इक्विटी से हर महीने औसतन 7 से 8 अरब डॉलर का निवेश आता रहा है।
जेफरीज का अनुमान है कि रुपया, जो 2025 में पहले ही लगभग 5 फीसदी कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुका है, अगले छह से 12 महीनों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले करीब 90 रुपये के आसपास बना रहेगा। जेफरीज ने कहा कि कम चालू खाता घाटा और अपेक्षाकृत मजबूत पूंजी निवेश से भुगतान संतुलन सकारात्मक बना रहेगा जिससे मुद्रा को स्थिर करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह भी कहा कि रुपये पर दबाव का सबसे बुरा दौर खत्म हो चुका है।
सेक्टर के विश्लेषण के आधार पर जेफरीज ने ऋणदाता, ऑटोमोबाइल, सीमेंट, आतिथ्य, दूरसंचार और संपत्ति क्षेत्रों में ओवरवेट रुख अपनाया है। उसने स्टेपल, आईटी, औद्योगिक और फार्मा क्षेत्रों में अंडरवेट रुख अपनाया है जबकि ऊर्जा क्षेत्र में तटस्थ रुख है।
जेफरीज की 2026 के लिए 10 अग्रणी पसंदीदा कंपनियों में निजी ऋणदाता ऐक्सिस बैंक, दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल और ऑटोमोबाइल निर्माता महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और टीवीएस मोटर शामिल हैं।