आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (आईप्रू) ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कमजोर प्रदर्शन दर्ज किया है। कंपनी का सालाना प्रीमियम इक्विलेंट (एपीई) एक साल पहले के मुकाबले 3 फीसदी घटकर 3,500 करोड़ रुपये रह गया है।
यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं (यूलिप) में गिरावट की वजह से कंपनी पर यह दबाव पड़ा है। यूलिप का एपीई में 43 प्रतिशत योगदान है। हालांकि कई विश्लेषकों ने कंपनी के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग बनाए रखी है। माना जा रहा है कि नकारात्मक खबरों का असर शेयर पर दिख चुका है। नए व्यवसाय की वैल्यू (वीएनबी) का मार्जिन वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में सुधर कर 22.7 फीसदी हो गया जो एक साल पहले की तुलना में 120 आधार अंक और तिमाही आधार पर 150 आधार अंक अधिक है।
वित्त वर्ष 2025 में एम्बेडेड वैल्यू 13 फीसदी बढ़ी और ‘एम्बेडेड वैल्यू ऑपरेटिंग प्रॉफिट’ (ईवीओपी) वृद्धि सालाना आधार पर 10 फीसदी रही। वित्त वर्ष 2025 के लिए एपीई सालाना आधार पर 15 फीसदी बढ़कर 10,410 करोड़ रुपये रहा।
संपूर्ण वीएनबी चौथी तिमाही में 2 फीसदी बढ़कर 800 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2025 के लिए वीएनबी 2,370 करोड़ रुपये (6 फीसदी तक अधिक) और मार्जिन 22.8 फीसदी रहा। आईप्रू के वित्त वर्ष 2025 के लिए 24 फीसदी के शुरुआती वीएनबी मार्जिन अनुमान के अनुरूप नहीं रहे और मार्जिन में गिरावट दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कंपनी ने शेयरधारकों के कर बाद लाभ (पीएटी) को 122 फीसदी बढ़ाकर 390 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया जो अनुमान के मुकाबले बेहतर है। वित्त वर्ष 2025 के लिए पीएटी 39 फीसदी बढ़कर 1,190 करोड़ रुपये हो गया।
प्रबंधन को बाजार हालात स्थिर होने की उम्मीद है। एपीई वृद्धि की तुलना में वीएनबी वृद्धि पर ध्यान दिया गया है, जो ग्रुप टर्म योजनाओं के पुनर्मूल्यन और यूलिप में ऊंचे मार्जिन को बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा है। एपीई वृद्धि के लिए कोई खास अनुमान तय नहीं किया गया है। लेकिन न्यूनतम लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 में इसके 15 फीसदी की उद्योग वृद्धि के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ोतरी करना है।
कंपनी का सकल प्रीमियम वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 11 फीसदी बढ़कर 16,830 करोड़ रुपये रहा और पूरे वित्त वर्ष 2025 के लिए यह 15 फीसदी बढ़कर 49,850 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। रिन्यूअल प्रीमियम 9 फीसदी बढ़कर 9,210 करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में एपीई पर यूलिप में 3 फीसदी कमजोरी और नॉन-पार सेगमेंट में 16 फीसदी गिरावट की वजह से दबाव पड़ा। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में एक नई गारंटीड योजना की पेशकश से नॉन-पार सेगमेंट में अच्छी तेजी आई। कंपनी को ग्रुप बिजनेस और प्रोटेक्शन बिजनेस में 115 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि के सहारे संपूर्ण गिरावट को कुछ हद तक भरपाई करने में मदद मिली। नॉन-लिंक्ड व्यवसाय की ऊंची भागीदारी और यूलिप के बढ़ते योगदान की वजह से वीएनबी मार्जिन 120 आधार अंक बढ़कर 22.7 फीसदी रहा।
रिटेल प्रोटेक्शन और एन्युटी में रुझान अलग अलग दिखे। रिटेल प्रोटेक्शन में 26.5 फीसदी तेजी आई जबकि एन्युटी खंड को 57.8 फीसदी की गिरावट का सामना करना पड़ा। कमीशन खर्च 1,580 करोड़ रुपये पर सपाट रहे जबकि परिचालन खर्च परिचालन दक्षता पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की वजह से 8 फीसदी घट गया। कुल खर्च 33 फीसदी घटकर 14,970 करोड़ रुपये रह गया।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के पास संतुलित वितरण मिश्रण है और वह बैंकाश्योरेंस चैनल में विपरीत नियमनों के आगे टिकी रह सकती है। एजेंसी और डायरेक्ट चैनलों में 20 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।