वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में अभी तक आए कंपनियों के नतीजों से पता चलता है कि लागत घटने और मार्जिन में सुधार के बावजूद कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि नरम रही है। अभी तक 175 कंपनियों ने नतीजे जारी किए हैं। इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 3.8 फीसदी बढ़ा जो पिछली 17 तिमाही में सबसे धीमी वृद्धि है। इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री 8.5 फीसदी बढ़ी है जबकि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इसमें 8.1 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में बिक्री में 11 फीसदी वृद्धि हुई थी।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में इन कंपनियों का परिचालन खर्च 2.3 फीसदी बढ़ा। कंपनियों का कुल परिचालन मुनाफा 11.7 फीसदी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी करने वाली कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 1.19 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 1.15 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 1.14 लाख करोड़ रुपये था। इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री बढ़कर 9.46 लाख करोड़ रुपये रही जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 8.71 लाख करोड़ रुपये थी।
अभी मुख्य रूप से निजी क्षेत्र के ऋणदाता और आईटी कंपनियों के नतीजे आए हैं। कुल शुद्ध मुनाफे में इन दोनों क्षेत्रों की कंपनियों की हिस्सेदारी 69 फीसदी और कुल बिक्री में योगदान 52 फीसदी है। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में बैंक, वित्त और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र के मुनाफे और आय में नरमी देखी गई। हमारे नमूने में शामिल 44 बीएफएसआई कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 4.9 फीसदी बढ़ा है, जो जून 2021 के बाद सबसे धीमी वृद्धि है। बीएफएसआई कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री इस दौरान 9.6 फीसदी बढ़ी जो 14 तिमाही में सबसे धीमी वृद्धि है।
हालांकि निजी क्षेत्र के ऋणदाता-आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कुल मुनाफा वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान दिया। बीएफएसआई को छोड़ दें तो नतीजे जारी करने वाली बाकी कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में महज 3 फीसदी बढ़ा है जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में मुनाफा 4.7 फीसदी बढ़ा था।