Gold ETF 2023: देश के कुल 15 गोल्ड ETF (Gold Exchange Traded Fund) में दिसंबर 2023 के दौरान 88.31 करोड़ रुपये का निवेश (inflow) हुआ। जबकि पिछले महीने यानी नवंबर के दौरान यह राशि 337.37 करोड़ रुपये थी। पूरे कैलेंडर ईयर 2023 के दौरान भारत में गोल्ड ईटीएफ में 2,923.81 करोड़ रुपये का नेट (शुद्ध) निवेश हुआ। जो पिछले कैलेंडर ईयर 2022 के मुकाबले 6 गुना ज्यादा है।
कैलेंडर ईयर 2022 के दौरान 11 गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में कुल 458.79 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
तिमाही आधार पर देखें यह लगातार तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर है जब गोल्ड ईटीएफ में निवेश दर्ज किया गया। अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश हुआ था। जबकि इससे पहले लगातार तीन तिमाहियों के दौरान गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली थी।
Sovereign Gold Bond: सब्सक्रिप्शन के मामले में 66वें गोल्ड बॉन्ड ने बनाया रिकॉर्ड!
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार 2023 में सिर्फ दो महीने यानी जनवरी और मार्च के दौरान गोल्ड ईटीएफ से निकासी (outflow) दर्ज की गई। जनवरी और मार्च के दौरान क्रमश 199.43 करोड़ रुपये और 266.57 करोड़ रुपये की निकासी हुई। जबकि अन्य 10 महीनों के दौरान निवेश हुआ। अगस्त के दौरान तो निवेश बढ़कर 17 महीने के हाई लेवल पर पहुंच गया। अगस्त के दौरान गोल्ड ईटीएफ में 1028.06 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। अगस्त के बाद अक्टूबर दूसरा सबसे बेहतरीन महीना रहा जब गोल्ड ईटीएफ में 841.23 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
जानकारों के अनुसार सोने की कीमतों में तेजी के आसार के बीच गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा है। अमेरिका में मार्च 2024 से ब्याज दरों में कटौती की संभावना से जहां दिसंबर के बाद जबरदस्त तेजी आई। वहीं उससे पहले केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने की लगातार हो रही खरीदारी, ग्लोबल लेवल पर महंगाई दर के ऊंची बने रहने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से भी सोने को सपोर्ट मिला। भू-राजनीतिक तनाव खासकर इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष के मद्देनजर भी निवेश के सुरक्षित विकल्प के तौर पर येलो मेटल की मांग बढ़ गई।
कैलेंडर ईयर 2023 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश/निकासी (inflow/outflow)
जनवरी : -199.43 करोड़ रुपये
फरवरी: +165.42 करोड़ रुपये
मार्च: -266.57 करोड़ रुपये
अप्रैल: +124.54 करोड़ रुपये
मई: +103.12 करोड़ रुपये
जून: +70.32 करोड़ रुपये
जुलाई: +456.15 करोड़ रुपये
अगस्त: +1,028.06 करोड़ रुपये
सितंबर: +175.29 करोड़ रुपये
अक्टूबर: +841.23 करोड़ रुपये
नवंबर: +337.37 करोड़ रुपये
दिसंबर: +88.31 करोड़ रुपये
(स्रोत: AMFI)
दिसंबर में निवेश क्यों पड़ा फीका?
–कीमतों में तेजी
दिसंबर के दौरान गोल्ड ईटीएफ में निवेश में कमी की वजह कीमतों में रिकॉर्ड तेजी रही। ग्लोबल कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी के बीच घरेलू बाजार में 4 दिसंबर 2023 को सोने की कीमतों ने एमसीएक्स (MCX) पर रिकॉर्ड बनाया था। उस दिन इंट्राडे ट्रेडिंग में बेंचमार्क फरवरी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बढ़कर 64,063 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई (new all-time high) पर पहुंच गया था। अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट तो इससे भी आगे जाकर आज 64,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड हाई तक चला गया था।
इससे पहले MCX पर सोने का बेंचमार्क फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट 5 अक्टूबर को 56,075 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चला गया था।
अंतरराष्ट्रीय मार्केट (global market) में भी उसी दिन सोना अपने उच्चतम स्तर पर दिखा। स्पॉट गोल्ड (spot gold) इंट्राडे ट्रेडिंग में बढ़कर 2,135.39 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई तक चला गया। इससे पहले 2020 में इसने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई बनाया था।
इसी तरह यूएस फरवरी गोल्ड फ्यूचर्स भी 2,152.30 की रिकॉर्ड ऊंचाई तक जा पहुंचा। जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,089.2 का रिकॉर्ड हाई बनाया था।
इजरायल पर हमास के हमले से ठीक एक दिन पहले यानी 6 अक्टूबर को इंटरनेशनल मार्केट में स्पॉट गोल्ड 1,809.50 डॉलर प्रति औंस के अपने 7 महीने के निचले स्तर तक चला गया था।
-सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की तरफ भी शिफ्ट हुए निवेशक
दिसंबर के दौरान 66वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की लॉन्चिंग की वजह से भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश प्रभावित हुआ। लॉन्ग-टर्म में निवेश के लिहाज से यह बॉन्ड गोल्ड ईटीएफ के मुकाबले बेहतर है। क्योंकि गोल्ड बॉन्ड को अगर मैच्योरिटी तक होल्ड करते हैं तो आपको कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। साथ ही आरबीआई (RBI) इस बॉन्ड पर 2.5 फीसदी सालाना ब्याज भी देती है। जो गोल्ड ईटीएफ के साथ नहीं है। हालांकि लिक्विडिटी के मामले में गोल्ड ईटीएफ को नि:संदेह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के ऊपर बढ़त है। ।
देश के 66वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) यानी मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी सीरीज (2023-24, Series III ) को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला और इस बॉन्ड में खरीदारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। यह गोल्ड बॉन्ड 18 से 22 दिसंबर 2023 के बीच 6,199 रुपये प्रति यूनिट (1 ग्राम = 1 यूनिट) के इश्यू प्राइस पर सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध था। जबकि सब्सक्राइबर्स को 28 दिसंबर 2023 को जारी किए गए।
आरबीआई (RBI) से 1 जनवरी 2024 तक के लिए प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी सीरीज के लिए रिकॉर्ड 12106807 यूनिट (12.11 टन सोने की वैल्यू के बराबर) की खरीदारी की गई। इससे पहले सबसे ज्यादा 11673960 यूनिट (11.67 टन) की खरीदारी 65वें गोल्ड बॉन्ड यानी मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी सीरीज (2023-24, Series II) के लिए हुई थी।
ग्लोबल लेवल पर आउटफ्लो अभी भी जारी
गोल्ड की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड ईटीएफ में निवेश रफ्तार नहीं पकड़ सका है। इससे पहले जब 2020 में सोने ने रिकॉर्ड बनाया था तो कीमतों को सबसे ज्यादा सपोर्ट इन्वेस्टमेंट डिमांड यानी गोल्ड ईटीएफ से मिला था। लेकिन स्थिति फिलहाल अलग है। कीमतों में तूफानी तेजी तो है लेकिन इन्वेस्टमेंट डिमांड सुस्त पड़ी है। मार्च-मई 2023 की अवधि को निकाल दें तो अप्रैल 2022 से इन्वेस्टमेंट डिमांड लगातार नेगेटिव जोन में है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के आंकड़े भी इसी बात की ओर इशारा करते हैं। WGC की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल लेवल पर लगातार छठे महीने नवंबर के दौरान गोल्ड ईटीएफ से निकासी (outflow) जारी रही। हालांकि यह अक्टूबर के मुकाबले बेहद कम रही।
इससे पहले 2020 में जब सोने की कीमतों ने 2020 में रिकॉर्ड बनाया था, गोल्ड ईटीएफ में निवेश 49.4 बिलियन डॉलर (892.1 टन) बढ़ा था। हालांकि उसके बाद 2021 और 2022 में यह क्रमश: 8.9 बिलियन डॉलर (188.8 टन) और 2.9 बिलियन डॉलर (109.5) टन घटा। मौजूदा कैलेंडर ईयर के 11 महीनों के दौरान गोल्ड ईटीएफ से कुल 13.7 बिलियन डॉलर (234.8 टन) की निकासी हो चुकी है।
Gold ETF flows year-wise (tonnes/ USD)
2018 : +3.9 बिलियन डॉलर (+70.2 टन)
2019 : +19.6 बिलियन डॉलर (+403.6 टन)
2020 : +49.4 बिलियन डॉलर (+892.1 टन)
2021 : -8.9 बिलियन डॉलर (-188.8 टन)
2022 : -2.9 बिलियन डॉलर (-109.5)
2023 (Jan- Nov) : -13.7 बिलियन डॉलर (-234.8 टन)
(Source: World Gold Council)
नवंबर के दौरान ग्लोबल लेवल पर गोल्ड ईटीएफ से 0.9 बिलियन डॉलर (9.4 टन सोने की वैल्यू के बराबर) की निकासी हुई जबकि अक्टूबर में 2.1 बिलियन डॉलर (36.5 टन) की निकासी की गई थी। सितंबर, अगस्त, जुलाई और जून के दौरान क्रमश: 3.2 बिलियन डॉलर (58.7 टन), 2.5 बिलियन डॉलर (45.7 टन), 2.3 बिलियन डॉलर (34.7 टन) और 3.7 बिलियन डॉलर (55.9 टन) की निकासी की गई थी।
इससे पहले मई में गोल्ड ईटीएफ में 1.7 बिलियन डॉलर (19.3 टन सोने) का शुद्ध निवेश (inflow) हुआ था। मार्च और अप्रैल में भी गोल्ड ईटीएफ में निवेश क्रमश: 1.9 बिलियन (32.1 टन) और 0.8 बिलियन डॉलर (15.4 टन) बढ़ा था। हालांकि इससे पहले अप्रैल 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक लगातार 11 महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेश घटा था। इस तरह से देखें तो मौजूदा कैलेंडर ईयर के 11 महीनों में 3 महीने छोड़कर बाकी 8 महीनों के दौरान गोल्ड ईटीएफ में निवेश घटा।