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Fiscal Deficit: अप्रैल-नवंबर में राजकोषीय घाटा बढ़कर 52.5%! जानें सरकार के ताजा आंकड़े

अप्रैल-नवंबर में सरकार ने ₹14.43 लाख करोड़ का टैक्स कलेक्शन किया, जो सालाना लक्ष्य का 56% है। पिछले साल इसी अवधि में यह ₹14.36 लाख करोड़ था।

Last Updated- December 31, 2024 | 6:24 PM IST
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भारत का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 के पहले आठ महीनों (अप्रैल-नवंबर) में ₹8.47 लाख करोड़ तक पहुंच गया। यह पूरे साल के अनुमान का 52.5% है। हालांकि, सरकार का खर्च और रेवेन्यू कलेक्शन दोनों की ही रफ्तार धीमी है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

टैक्स कलेक्शन: अप्रैल-नवंबर में सरकार ने ₹14.43 लाख करोड़ का टैक्स कलेक्शन किया, जो सालाना लक्ष्य का 56% है। पिछले साल इसी अवधि में यह ₹14.36 लाख करोड़ था।

कुल खर्च: इस अवधि में कुल सरकारी खर्च ₹27.41 लाख करोड़ रहा, जो सालाना लक्ष्य का 57% है। पिछले साल यह ₹26.52 लाख करोड़ था।

पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर): इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च में गिरावट देखी गई है। इस साल अब तक ₹5.13 लाख करोड़ खर्च किए गए, जो सालाना लक्ष्य का 46.2% है। पिछले साल इसी अवधि में यह ₹5.86 लाख करोड़ था।

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राष्ट्रीय चुनावों के कारण खर्च की रफ्तार धीमी रही है। पूंजीगत खर्च के वार्षिक लक्ष्य से कम रहने की आशंका है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कम खर्च की वजह से राजकोषीय घाटा GDP के 4.9% के लक्ष्य से कम हो सकता है।

सरकार के ये आंकड़े चुनावी साल के दबाव और खर्च में धीमी चाल को दिखाते हैं। अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले महीनों में वित्तीय मोर्चे पर सरकार की क्या रणनीति होती है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published - December 31, 2024 | 5:33 PM IST

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