Wedding Season 2025: इस साल शादियों के सीजन में बंपर कारोबार होने का अनुमान है। इस सीजन में लाखों शादियां होने की संभावना है। अगले महीने फिर से शादियों का सीजन शुरू होने जा रहा है। जिसमें लाखों करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है क्योंकि इस दौरान शादियों से संबंधित उत्पादों की जमकर खरीदारी होगी। साथ ही शादियों से संबंधित सेवाओं के कारोबार में भी वृद्धि होने का अनुमान है। शादियों पर होने वाले कारोबार से सरकार को करीब 75,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
प्रमुख कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आगामी शादी सीजन में लाखों शादियां होने का अनुमान लगाया है। कैट की अनुसंधान शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी (CRTDS) ने अनुमान लगाया है कि आगामी शादी सीजन 1 नवंबर से 14 दिसंबर 2025 के दौरान देश भर में करीब 46 लाख शादियां होंगी। हालांकि इस सीजन में शादियां पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम होंगी। 2024 में इस सीजन में 48 लाख शादियां हुई थी। 2023 में यह आंकड़ा 38 लाख और 2022 में 32 लाख था।
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इस साल शादियों की संख्या भले पिछले साल से थोड़ी कम हो। लेकिन इनके कारोबार में कमी नहीं आने वाली है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस वर्ष शादियों की संख्या पिछले वर्ष से थोड़ी कम है, लेकिन प्रति शादी खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जिससे इस साल शादियों के कारोबार में इजाफा होने का अनुमान है। इसकी वजह बढ़ती आय, कीमती धातुओं की कीमतों में वृद्धि और त्योहारी सीजन में उपभोक्ता विश्वास का बढ़ना है। खंडेलवाल ने कहा कि इस साल 46 लाख शादियों से 6.50 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है, जो पिछले साल की 48 लाख शादियों से 5.90 लाख करोड़ रुपये के कारोबार से अधिक है। 2023 में 48 लाख शादियों से कारोबार 4.74 लाख करोड़ और 2022 में 32 लाख शादियों से 3.75 लाख रुपये करोड़ का कारोबार हुआ था। दिल्ली में 4.8 लाख शादियों से 1.8 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है।
कैट के मुताबिक 6.5 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित शादी खर्च में से वस्त्र एवं साड़ियों पर 10 फीसदी, आभूषण 15 फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल्स 5 फीसदी, सूखे मेवे व मिठाई पर 5 फीसदी, किराना व सब्जियों पर 5 फीसदी, गिफ्ट आइटम पर 4 फीसदी, अन्य सामान पर 6 फीसदी खर्च होगा। वहीं सेवाओं के क्षेत्र में इवेंट मैनेजमेंट पर 5 फीसदी, कैटरिंग पर 10 फीसदी, फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी पर 2 फीसदी, यात्रा व आतिथ्य पर 3 फीसदी, पुष्प सजावट पर 4 फीसदी, म्यूजिकल ग्रुप पर 3 फीसदी, लाइट एंड साउंड पर 3 फीसदी तथा अन्य सेवाओं पर 3 फीसदी खर्च होगा।
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शादियों के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। खंडेलवाल ने कहा कि शादी सीजन 2025 से 1 करोड़ से अधिक अस्थायी और अंशकालिक रोजगार सृजन की संभावना है। जिससे डेकोरेटर, कैटरर, फ्लोरिस्ट, कलाकार, ट्रांसपोर्टर और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के लोग सीधे लाभान्वित होंगे। वस्त्र, ज्वेलरी, हैंडीक्राफ्ट, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे एमएसएमई क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि डिजिटल और आधुनिक ट्रेंड्स को भी शादी समारोहों में खूब अपनाया जा रहा है। अब 1 से 2 फीसदी शादी बजट डिजिटल कंटेंट निर्माण और सोशल मीडिया कवरेज पर खर्च होता है। ऑनलाइन निमंत्रण प्लेटफॉर्म और एआई-आधारित प्लानिंग टूल्स में 20 से 25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। परिवार अब विदेशी स्थलों के बजाय भारतीय डेस्टिनेशन को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर गर्व झलकता है।