बीमा क्षेत्र में हाल ही में किए गए जीएसटी सुधारों को देश में बीमा को और अधिक किफायती तथा समावेशी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया गया है। चार जीवन बीमा कंपनियों के प्रमुखों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2025 में कहा कि बीमा क्षेत्र में जीएसटी छूट से प्रीमियम कम करने, खर्च उठाने की क्षमता बढ़ाने तथा बीमा को जीवन की अनिवार्य आवश्यकता के रूप में अपनाने पर सरकार द्वारा जोरदार रूप से ध्यान दिए जाने का संकेत मिलेगा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के मनोजित साहा के साथ बातचीत में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के प्रबंध निदेशक रत्नाकर पटनायक ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि इससे (जीएसटी छूट से) बीमा क्षेत्र को बढ़ने में मदद मिलेगी, बीमा किफायती हो जाएगा। लेकिन साथ ही केवल जीएसटी छूट से बीमा की पहुंच बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी। यह निश्चित रूप से सुविधा प्रदान करेगा, लेकिन यह अपने आप में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए काफी नहीं है।’
सितंबर की शुरुआत में जीएसटी परिषद ने सभी व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर पूरी तरह से कर छूट का ऐलान किया था और बीमे की पहुंच बढ़ाने के लिए उनके पुनर्बीमा को भी छूट दी गई है।
बजाज लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी तरुण चुघ ने कहा, ‘इससे निश्चित रूप से कीमतें कम करने और लोगों तक पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी। बीमा कोई ऐसा उत्पाद नहीं है जिसे लोग खड़े होकर कल ही खरीद लेंगे। मैं कहूंगा कि सितंबर में कुछ समय के लिए ऐसा हुआ था। कुछ दिनों के लिए ऐसा हुआ भी था। यह एक अच्छा संकेत है। लेकिन हमें ग्राहकों के मन में यह बात हमेशा ताजा रखनी होगी, यह सुनिश्चित करना होगा कि हम इसे हर घर तक पहुंचाएं, उन्हें कीमतें कम करने और बीमा राशि बढ़ाने के फायदों के बारे में बताएं।’
बीमा कंपनियों ने कहा कि इस जीएसटी छूट के साथ-साथ उन्हें लोगों को शिक्षित करना होगा और उन्हें खर्च उठाने की क्षमता के बारे में बताना होगा। जीएसटी मुख्य रूप से सुरक्षा योजनाओं की लागत का महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस राहत के बाद खर्च करने की क्षमता में वृद्धि का प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है। इसके अलावा पहुंच बढ़ाने के लिए, उत्पाद नवाचार, क्रॉस-सेलिंग के अधिक अवसर और वितरण में बदलाव की भी आवश्यकता है।
बीमा कंपनियों का यह भी मानना है कि यह सुरक्षा उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ-साथ अन्य मूल्यवर्धित सेवाएं प्रदान करने का एक शानदार अवसर है। कोटक लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी महेश बालासुब्रमण्यन के अनुसार, ‘जहां तक पुश प्रोडक्ट से पुल प्रोडक्ट में बदलने की बात है, तो हर वित्तीय सेवा व्यवसाय में एक प्रमुख उत्पाद रहा है, जो ग्राहकों को हासिल करने वाला इंजन होता है। मुझे लगता है कि हमारे मामले में यह समय टर्म इंश्योरेंस का है। हम इस अवसर का लाभ उठाकर टर्म इंश्योरेंस को फीडर प्रोडक्ट बना सकते हैं, जहां हम सभी टर्म इंश्योरेंस की पृष्ठभूमि में ग्राहकों को जोड़ते हैं और फिर देखते हैं कि क्या हम क्रॉस-सेल और अप-सेल कर सकते हैं।’
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अनूप बागची ने कहा, ‘जीवन बीमा के संबंध में इस तरह का उत्साह और इस तरह की सकारात्मक चर्चा पहली बार हो रही है। यह तीव्रता इसलिए आई है क्योंकि खर्च उठाने की क्षमता में सुधार हुआ है और खर्च उठाने की 18 प्रतिशत क्षमता इस क्षमता में बड़ा बदलाव है। ऐसे चैनल जो मध्यस्थ नहीं हैं, जो ऑनलाइन हैं, जहां ग्राहक आते हैं, हम सभी, हम निश्चित रूप से 30-50 प्रतिशत बढ़ा हुआ ट्रैफिक देख रहे हैं।’