महाराष्ट्र में कर्जमाफी की मांग को लेकर जारी नागपुर में किसानों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी है। आंदोलनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को बंद किया हुआ है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग नागपुर को हैदराबाद से जोड़ता है। प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रेनें रोकने की धमकी दी है और रेल रोकने के लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंच भी गए हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू काडू से अपील की कि धरना प्रदर्शन करने के बजाय वह सरकार के साथ किसानों के मुद्दों पर चर्चा करें। क्योंकि धरना प्रदर्शन से जनता को असुविधा होगी और जिसका फायदा निहित स्वार्थों द्वारा उठाए जाने की आशंका होती है।
किसानों का आरोप है कि बार-बार वादा करने के बावजूद सरकार किसानों की कर्जमाफी नहीं कर रही है। साथ ही सूखे की समस्या से जूझ रहे किसानों को भी सरकार ने पर्याप्त मदद नहीं की है। बच्चू कडु ने कहा कि हमारे किसान कर्ज में डूब रहे हैं। अगर राज्य सरकार के पास किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पैसे नहीं हैं तो केंद्र सरकार को इसमें मदद करनी चाहिए। वादा किया गया था सोयाबीन की फसल के छह हजार रुपये दिए जाएंगे और हर फसल पर 20 प्रतिशत बोनस दिया जाएगा। मध्य प्रदेश में इस समय भावांतर योजना चल रही है, लेकिन यहां ऐसी कोई योजना नहीं है।
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महाराष्ट्र में एक भी फसल को पूरा दाम नहीं मिल रहा है और मुख्यमंत्री के पास किसानों से मिलने का समय ही नहीं है। कर्जमाफी की मांग भी है। अभी एक से डेढ़ लाख किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और एक लाख और आ रहे हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के मुद्दों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया है। आंदोलन से पहले हमने एक बैठक बुलाई थी और आश्वासन दिया था कि बातचीत के जरिए संभावित समाधान निकाला जा सकता है। बच्चू काडू ने शुरुआत में सहमति जताई थी लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि वह बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे जिसके कारण बैठक रद्द कर दी गई। राज्य मंत्री चन्द्रशेखर बावनकुले ने भी काडू से संपर्क किया है और मांगों पर चर्चा करने की सरकार की इच्छा व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने (काडू) कई मुद्दे उठाए हैं जिनका समाधान आंदोलन से नहीं हो सकता। बातचीत के बाद ही कोई रोडमैप तैयार किया जा सकता है। इसलिए हमने उन्हें फिर से बैठक के लिए आमंत्रित किया है।
काडू से विरोध प्रदर्शन से बचने की अपील करते हुए, फडणवीस ने कहा कि सड़क जाम से मरीजों समेत आम जनता को परेशानी हो रही है। मेरी उनसे अपील है कि वे व्यवधान पैदा करने के बजाय हमसे बात करने आएं। ऐसे आंदोलनों में कभी-कभी निहित स्वार्थी तत्व घुसपैठ कर हिंसा फैलाते हैं, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। सरकार रेल रोको जैसे विरोध प्रदर्शनों की अनुमति नहीं देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने पहले ही किसानों के लिए 32,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर दी है। कर्ज माफी की मांग पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर विचार के लिए पहले ही एक समिति गठित कर दी है। फिलहाल हमारी प्राथमिकता भारी बारिश से नुकसान झेलने वाले किसानों की मदद करना है। हमने कभी नहीं कहा कि हम कृषि कर्ज माफी के खिलाफ हैं। सरकार किसानों से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।