facebookmetapixel
भारत में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध, ‘जीरो-ट्रस्ट मॉडल’ बनेगा BFSI सेक्टर की ढालयोगी सरकार की बड़ी पहल, बुंदेलखंड को मिलेगा अपना एयरपोर्ट; बीडा बनेगा यूपी का नया औद्योगिक हबअमेरिकी टैरिफ का विकल्प खोजने में लगे कपड़ा कारोबारीMaharashtra: सोयाबीन, मूंग और उड़द की MSP पर खरीद शुरू; किसानों के लिए पंजीकरण खुलेसबसे बुरा दौर अब पीछे छूटा, लेकिन माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के लिए लिक्विडिटी सपोर्ट बेहद जरूरीITC Q2 Results: सितंबर तिमाही में मुनाफा मामूली बढ़कर ₹5186 करोड़, रेवेन्यू में हल्की गिरावटवेडिंग सीजन में जमकर होगी खरीदारी, 46 लाख शादियों से ₹6.50 लाख करोड़ के कारोबार का अनुमानट्रंप ने दी भारत को बड़ी राहत, चाबहार पोर्ट पर अमेरिकी प्रतिबंधों से मिली 6 महीने की छूटCBDC लॉन्च करने की जल्दी नहीं, प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर जारी रहेगा सख्त रुख: RBI डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर₹88 का लेवल टच करेगा Navratna PSU Stock! Q2 नतीजों के बाद मोतीलाल ओसवाल ने दी BUY की सलाह

ट्रंप ने चीन पर टैरिफ 57% से घटाकर 47% किया, साउथ कोरिया में जिनपिंग से मुलाकात के बाद फैसला

बैठक से पहले ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर चीन फेंटानिल से जुड़ी तस्करी पर कार्रवाई नहीं करता, तो अमेरिका टैरिफ को 100% तक बढ़ा सकता है।

Last Updated- October 30, 2025 | 11:50 AM IST
Trump-Jinping
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दक्षिण कोरिया बुसान में मुलाकात की। फोटो: पीटीआई

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने चीनी सामान पर लगने वाले टैरिफ को 57 फीसदी से घटाकर 47 फीसदी करने का फैसला किया है। यह फैसला उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई बैठक के बाद लिया, जिसमें दोनों नेताओं ने फेंटानिल तस्करी को रोकने पर चर्चा की। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि यह फैसला दोनों देशों के बीच रचनात्मक वार्ता के बाद लिया गया है।

ट्रंप ने कहा, “मैंने दरें घटाने का निर्णय लिया क्योंकि बातचीत सकारात्मक रही। हमें वह 100% टैरिफ बढ़ाने की ज़रूरत नहीं पड़ी।”

बैठक से पहले ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर चीन फेंटानिल से जुड़ी तस्करी पर कार्रवाई नहीं करता, तो अमेरिका टैरिफ को 100% तक बढ़ा सकता है। हालांकि, वार्ता के बाद उन्होंने कहा कि ऐसा करने की आवश्यकता नहीं रही और अब दोनों देश आर्थिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

6 साल बाद ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दक्षिण कोरिया बुसान में गुरुवार को (स्थानीय समयानुसार) एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। यह दोनों नेताओं की 6 साल बाद पहली बैठक थी। ट्रंप ने शी को ‘बेहद सख्त वार्ताकार’ बताया और कहा कि वह ‘एक महान देश के महान नेता’ भी हैं। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वे अमेरिका-चीन संबंधों को बेहतर बनाने को लेकर पॉजिटिव हैं।

ट्रंप ने बैठक से पहले कहा, “राष्ट्रपति शी एक महान नेता हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए अविश्वसनीय काम किया है। भले ही हमारे बीच पहले मतभेद रहे हों, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर दुनिया को और स्थिर और समृद्ध बना सकते हैं।” यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब दोनों देशों के बीच व्यापार, तकनीक और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य प्रभाव को लेकर तनाव बना हुआ है।

चीन संबंध बेहतर करने को तैयार

वार्ता के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वे ट्रंप के साथ मिलकर चीन-अमेरिका संबंधों की मजबूत नींव बनाने के लिए काम जारी रखने को तैयार हैं। भले ही दोनों देशों के बीच हर बात पर सहमति न हो, लेकिन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच समय-समय पर मतभेद होना स्वाभाविक है।

व्हाइट हाउस में दूसरे कार्यकाल के लिए वापसी के बाद से ट्रंप ने आक्रामक रूप से शुल्क (टैरिफ) लगाए और इसके जवाब में चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए, जिसके चलते यह बैठक आवश्यक हो गयी थी। दोनों देशों में यह स्वीकार किया है कि कोई भी पक्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता क्योंकि इसका असर उनके अपने आर्थिक हितों पर पड़ेगा।

बैठक से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिया कि ट्रंप चीन से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 100 फीसदी टैरिफ लगाने की अपनी हालिया धमकी पर अमल नहीं करेंगे। वहीं, चीन ने भी रेयर अर्थ पर निर्यात नियंत्रण में ढील देने और अमेरिका से सोयाबीन खरीदने की इच्छा दिखाई है।

First Published - October 30, 2025 | 11:50 AM IST

संबंधित पोस्ट