भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के विकास में संतुलित रुख अपनाना जारी रखेगा और स्पीड से ज्यादा सावधानीपूर्वक मूल्यांकन को प्राथमिकता देगा। मुंबई में आयोजित बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2025 में गुरुवार को डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने कहा कि आरबीआई प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने सख्त रुख पर कायम है।
सीबीडीसी को अपनाने की गति पर एक सवाल का जवाब देते हुए शंकर ने कहा कि भारत टेक्नोलॉजी और ऑपरेशन दोनों स्तरों पर अपनी डिजिटल करेंसी के पायलट कार्यक्रमों का विस्तार करने के लिए तैयार है, लेकिन वह इसे जल्दबाजी में पूरी तरह से शुरू नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा, “कई देश सीबीडीसी पर प्रयोग कर रहे हैं। हम जल्दबाजी में या फूल स्केल पर इसे लॉन्च नहीं करना चाहते क्योंकि वैश्विक स्तर पर हर कोई अभी शुरुआत ही कर रहा है। इसके उपयोग के मामले अब भी बहुत अलग और सीमित हैं।”
डिप्टी गवर्नर ने जोर देकर कहा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अब भी सीबीडीसी (CBDC) के व्यापक मैक्रोइकोनॉमिक और नीतिगत प्रभावों का विश्लेषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हर देश यह देखने की प्रतीक्षा कर रहा है कि सीबीडीसी का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है, ताकि वे अपनी नीतियों के साथ उसे एडजस्ट कर सकें। शुरुआत से ही हम कह रहे हैं कि हमें कोई जल्दबाजी नहीं है। तकनीक, उपयोग के मामलों और प्रोग्रामेबिलिटी के लिहाज से हम लगभग पूरी तरह तैयार हैं।”