facebookmetapixel
BFSI Summit : ‘नए दौर के जोखिमों’ से निपटने के लिए बीमा उद्योग ने ज्यादा सहयोगभारत में प्राइवेट इक्विटी बनी FDI की सबसे बड़ी ताकत, रोजगार बढ़ाने में निभा रही अहम भूमिकाबढ़ते करोड़पतियों, वित्तीयकरण से वेल्थ मैनेजमेंट में आ रही तेजी; BFSI समिट में बोले उद्योग विशेषज्ञसाइबर सिक्योरिटी पर शिक्षित करना लंबी प्रक्रिया, ‘जीरो-ट्रस्ट मॉडल’ बनेगा सुरक्षा कवचडिजिटल परिसंपत्ति नीति पर रफ्तार बनाए भारत, BFSI समिट में एक्सपर्ट्स ने कहानकदी संकट के बाद माइक्रोफाइनैंस सेक्टर में दिखे सुधार के शुरुआती संकेत, इंडस्ट्री को गारंटी फंड से उम्मीदेंजीएसटी में कटौती से खर्च उठाने की क्षमता में होगा इजाफाविदेशी बाजारों में कदम बढ़ाने को तैयार भारतीय फिनटेक! सीमा पार भुगतान चुनौतियों का समाधान जरूरीनियामक के तौर पर खुलेपन को तरजीह: BFSI समिट में बोले अजय सेठडॉलर को हटाना नहीं, बल्कि जोखिम घटाना है रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण का मकसद : आरबीआई डिप्टी गवर्नर टी. रवि शंकर

6 साल बाद ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- ‘वे एक महान नेता हैं’

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वे ट्रंप के साथ मिलकर चीन-अमेरिका संबंधों की मजबूत नींव बनाने के लिए काम जारी रखने को तैयार हैं।

Last Updated- October 30, 2025 | 9:57 AM IST
Trump Jinping meeting
यूएस प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गुरुवार (स्थानीय समयानुसार) को दक्षिण कोरिया के बुसान में मुलाकात हुई। फोटो: पीटीआई

Trump Jinping meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दक्षिण कोरिया बुसान में गुरुवार को (स्थानीय समयानुसार) एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। यह दोनों नेताओं की 6 साल बाद पहली बैठक थी। ट्रंप ने शी को ‘बेहद सख्त वार्ताकार’ बताया और कहा कि वह ‘एक महान देश के महान नेता’ भी हैं। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वे अमेरिका-चीन संबंधों को बेहतर बनाने को लेकर पॉजिटिव हैं।

ट्रंप ने बैठक से पहले कहा, “राष्ट्रपति शी एक महान नेता हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए अविश्वसनीय काम किया है। भले ही हमारे बीच पहले मतभेद रहे हों, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर दुनिया को और स्थिर और समृद्ध बना सकते हैं,” यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच व्यापार, तकनीक और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य प्रभाव को लेकर तनाव बना हुआ है।

गुरुवार को बैठक से ठीक पहले ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि यह बैठक ‘‘जी2’’ होगी यानी अमेरिका और चीन की विश्व की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं के रूप में पहचान। जैसे जी7 और जी20 औद्योगिक देशों के समूह हैं। हालांकि, अन्य वैश्विक शिखर सम्मेलनों की तरह यह बैठक किसी आलीशान जगह पर नहीं बल्कि एक साधारण इमारत में हो रही, जो बुसान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक सैन्य अड्डे पर स्थित है। बैठक बुसान (दक्षिण कोरिया) में हो रही है, जो ग्वांगझू से लगभग 76 किमी दक्षिण में स्थित है।

ग्वांगझू एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन का मुख्य आयोजन स्थल है। ट्रंप का हेलिकॉप्टर स्थानीय समयानुसार सुबह 10:20 बजे उतरा, जबकि 10 मिनट बाद एयर चाइना का विमान भी वहां पहुंचा। दोनों देशों के अधिकारी इस हफ्ते की शुरुआत में कुआलालंपुर में मिले थे ताकि इस बैठक की रूपरेखा तैयार की जा सके।

Trump Jinping Meeting: व्यापार और स्थिरता पर चर्चा

अधिकारियों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच बातचीत में टैरिफ (शुल्क) घटाने, संवाद बहाल करने, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और साइबर सुरक्षा सहयोग के लिए संयुक्त ढांचा तैयार करने पर चर्चा हुई। इसके अलावा, दोनों ने उत्तर कोरिया और दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय स्थिरता पर भी बात की।

व्हाइट हाउस में दूसरे कार्यकाल के लिए वापसी के बाद से ट्रंप ने आक्रामक रूप से शुल्क (टैरिफ) लगाए और इसके जवाब में चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए, जिसके चलते यह बैठक आवश्यक हो गयी थी। दोनों देशों में यह स्वीकार किया है कि कोई भी पक्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता क्योंकि इसका असर उनके अपने आर्थिक हितों पर पड़ेगा।

बैठक से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिया कि ट्रंप चीन से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 100 फीसदी टैरिफ लगाने की अपनी हालिया धमकी पर अमल नहीं करेंगे। वहीं, चीन ने भी रेयर अर्थ पर निर्यात नियंत्रण में ढील देने और अमेरिका से सोयाबीन खरीदने की इच्छा दिखाई है।

दक्षिण कोरिया जाते समय ‘एयर फोर्स वन’ में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वह फेंटानिल उत्पादन से जुड़े शुल्क में कमी करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम उस दर को घटाएंगे क्योंकि मुझे विश्वास है कि वे (चीन) हमें फेंटानिल की समस्या से निपटने में मदद करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं।’’

जिनपिंग ने कहा- यूएस के साथ संबंध बेहतर करने को तैयार

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वे ट्रंप के साथ मिलकर चीन-अमेरिका संबंधों की मजबूत नींव बनाने के लिए काम जारी रखने को तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि भले ही दोनों देशों के बीच हर बात पर सहमति न हो, लेकिन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच समय-समय पर मतभेद होना स्वाभाविक है।

शी जिनपिंग ने बताया कि दोनों देशों की आर्थिक और व्यापारिक टीमों ने मुख्य चिंताओं पर शुरुआती सहमति बना ली है और इस पर आगे बढ़े हैं, जिससे उनकी आज की बैठक के लिए सकारात्मक माहौल तैयार हुआ।

बंद दरवाजे वाली बैठक के दौरान शी जिनपिंग ने ट्रंप की गाजा में शांति लाने के प्रयासों और वैश्विक संघर्षों को सुलझाने की कोशिशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देश “महाशक्तियों के रूप में अपनी जिम्मेदारी साझा कर सकते हैं और मिलकर शांति के लिए और अधिक उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।” शी ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि बीजिंग का विकास और ट्रंप का “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA)” विजन एक-दूसरे के साथ तालमेल में आगे बढ़ सकते हैं।

ट्रंप ने टैरिफ में कटौती के संकेत दिए, बीजिंग ने राहत की मांग की

बुधवार को ट्रंप ने कहा कि वे चीनी उत्पादों पर लगाए गए 20% टैरिफ को घटाने की उम्मीद कर रहे हैं, जो फेंटानिल (Fentanyl) रासायनिक तत्वों के निर्यात से जुड़ा है। उन्होंने संकेत दिया कि नई दर से चीन को क्षेत्र के अन्य विनिर्माण देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलेगी।

फेंटानिल पर टैरिफ में यह कमी 100% शुल्क लगाने की वाशिंगटन की योजना को रद्द करने के साथ लागू की जाएगी। यह वह कदम था जिसे ट्रंप ने 1 नवंबर से लागू करने की धमकी दी थी। ट्रंप प्रशासन से यह भी उम्मीद की जा रही है कि वह चीनी जहाजों पर लगाए गए शुल्क और फीस में कमी की घोषणा करेगा।

इसके अलावा, चीन वाशिंगटन से यह भी आग्रह करने वाला है कि वह उस नियम को वापस ले, जिसके तहत ब्लैकलिस्टेड कंपनियों की 50% या उससे अधिक स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों पर भी उसी तरह के प्रतिबंध लागू किए जाते हैं। यह नियम निर्यातकों के लिए कम्प्लायंस और जांच की जटिलता को बढ़ा रहा है।

2019 के बाद पहली बैठक

ट्रंप और शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात जून 2019 में G20 शिखर सम्मेलन (ओसाका, जापान) में हुई थी। उस समय दोनों देशों ने टूटे हुए व्यापार वार्ता को फिर शुरू करने पर सहमति जताई थी। तब से अब तक, वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच संबंधों में टैरिफ विवाद, सेमीकंडक्टर पाबंदियां और वैश्विक गठबंधनों की प्रतिस्पर्धा जैसी वजहों से कई बार तनाव देखा गया।

(इनपुट: एजेंसियां)

First Published - October 30, 2025 | 9:57 AM IST

संबंधित पोस्ट