केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भूटान गई हैं। उनके साथ वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग से प्रतिनिधिमंडल भी गया है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और वित्तीय सहयोग को मजबूत करना है।
मंत्रालय से जारी बयान के अनुसार 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक की यह यात्रा आपसी विश्वास, सम्मान और साझा विकास लक्ष्यों के लिहाज से भूटान के साथ स्थायी साझेदारी के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है।
वित्त मंत्री के दौरे की शुरुआत ऐतिहासिक सांगेन चोकोर मठ की यात्रा के साथ हुई है। इस मठ की स्थापना 1765 में हुई थी और इस समय 100 से ज्यादा बौद्ध भिक्षु यहां रह कर अध्ययन कर रहे हैं। वित्त मंत्री यहां भारत सरकार द्वारा समर्थित कुरिछु जलविद्युत संयंत्र बांध और पावरहाउस जैसी प्रमुख परियोजनाओं समेत ग्यालसुंग अकादमी और भूटान के दूसरे सबसे पुराने और दूसरे सबसे बड़े पुनाखा द्ज़ोंग का दौरा भी करेंगी।
अपने तय कार्यक्रमों के अनुसार वित्त मंत्री भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे से भी मुलाकात करेंगी। वह आर्थिक और वित्तीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भूटान के वित्त मंत्री लेकी दोरजी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करने वाली हैं।
आधिकारिक कार्यक्रमों में द्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा भूटान के ऊर्जा क्षेत्र पर प्रस्तुतियां, 21वीं सदी का आर्थिक रोडमैप, द्रुक पंजाब नैशनल बैंक और बैंक ऑफ भूटान द्वारा देश के बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र पर नवीनतम और गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना पर ब्रीफिंग शामिल हैं।