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भारत की 4 कंपनियों को मिला चीन से ‘रेयर अर्थ मैग्नेट’ आयात लाइसेंस, वाहन उद्योग को मिलेगी राहत

इन कंपनियों ने आवश्यक अंतिम उपयोगकर्ता प्रमाणपत्र जमा कर दिए हैं क्योंकि चीन की निर्यात नियंत्रण व्यवस्था के तहत यह अनिवार्य है

Last Updated- October 30, 2025 | 11:38 PM IST
rare-earth magnet

भारत की कुछ कंपनियों को चीन से दुर्लभ खनिज मैग्नेट (रेयर अर्थ मैग्नेट) आयात करने का लाइसेंस मिला है। विदेश मंत्रालय ने आज इसकी पु​ष्टि की है। कम से कम चार कंपनियों कॉन्टिनेंटल इंडिया, डीई डायमंड, हिताची और जे उशिन ने चीन से दुर्लभ मैग्नेट के आयात के लिए लाइसेंस प्राप्त किए हैं। इन कंपनियों ने आवश्यक अंतिम उपयोगकर्ता प्रमाणपत्र जमा कर दिए हैं क्योंकि चीन की निर्यात नियंत्रण व्यवस्था के तहत यह अनिवार्य है। इसके जरिये यह निर्धारित होता ​है कि आयातित सामग्री को अमेरिका नहीं भेजा जाएगा या रक्षा उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात की भी पुष्टि की कि अमेरिका ने भारत को चाबहार बंदरगाह परियोजना पर प्रतिबंधों से छह महीने की छूट दी है। चाबहार परियोजना पर अमेरिकी प्रतिबंध में यह छूट 29 अक्टूबर से प्रभावी हो गई है। भारत ने इस परियोजना के विकास में मदद की है।

दुर्लभ मैग्नेट के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम पुष्टि करते हैं कि कुछ भारतीय कंपनियों को चीन से दुर्लभ मैग्नेट के आयात के लिए लाइसेंस प्राप्त हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत इस बात का आकलन कर रहा है कि दुर्लभ मैग्नेट पर अमेरिका और चीन के बीच बनी सहमति का हमारे देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

इससे पहले दक्षिण कोरिया के बुसान में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वार्ता के बाद पेइचिंग ने दुर्लभ खनिज (रेयर अर्थ) निर्यात नियंत्रण के अपने नवीनतम दौर को एक वर्ष के लिए रोकने पर सहमति व्यक्त की। यह नियंत्रण 8 नवंबर से प्रभावी होना था।

अब तक जिन चार कंपनियों को दुर्लभ मैग्नेट आयात के लाइसेंस मिले हैं, वे भारत के वाहन विनिर्माताओं के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। चीन द्वारा दुर्लभ मैग्नेट के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से वाहन क्षेत्र पर व्यापक असर पड़ा है। दुर्लभ मैग्नेट इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण के साथ-साथ विंड टर्बाइन, स्मार्टफोन, विमान और हथियारों के निर्माण के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।

अगस्त के मध्य में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान भारत ने दुर्लभ मैग्नेट निर्यात पर प्रतिबंधों का मुद्दा उठाया था। चीनी ने दुर्लभ मैग्नेट और उर्वरकों के निर्यात को बहाल करने का वादा किया था। इसके बाद चीन ने भारतीय कंपनियों से अंतिम उपयोग प्रमाणपत्र मांगे थे।

First Published - October 30, 2025 | 11:32 PM IST

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