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अस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट दुनिया के लिए बना है भारत: अरुंधति भट्टाचार्य

भट्टाचार्य ने कहा, यह बहुत ही अनिश्चित दुनिया है। लेकिन एक बात मैं आपको बता दूं, जहां भारत के पास एक बड़ा फायदा है, वह यह कि हम वीयूसीए दुनिया के लिए बने हैं।

Last Updated- October 30, 2025 | 11:39 PM IST
Arundhati Bhattacharya

सेल्सफोर्स की सीईओ अरुंधति भट्टाचार्य ने बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2025 में सीटीओ लंच के दौरान कहा कि अनिश्चित समय में भारत अस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट यानी वीयूसीए दुनिया के लिए बना है।

भट्टाचार्य ने कहा, यह बहुत ही अनिश्चित दुनिया है। लेकिन एक बात मैं आपको बता दूं, जहां भारत के पास एक बड़ा फायदा है, वह यह कि हम वीयूसीए दुनिया के लिए बने हैं। हम अनिश्चितता को अपनी ताकत मानकर आगे बढ़ने में सक्षम हैं। और वैसे इसकी सबसे बड़ी परीक्षा (जिसका जिक्र हम आजकल बिल्कुल नहीं करते) थी नोटबंदी। यह सबसे बड़ी परीक्षा थी और हमने इसे बखूबी पास किया।

वह टर्टलमिंट के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी प्राजक्त देवलसी के एक सवाल का जवाब दे रही थीं, जिसमें उन्होंने पूछा था कि भारत ऐसे वैश्विक परिदृश्य में कैसे आगे बढ़ सकता है, जब अधिकांश तकनीकी आपूर्ति श्रृंखला अमेरिकी कंपनियों द्वारा नियंत्रित है।

उन्होंने कहा, आपको यह समझने के लिए और क्या चाहिए कि हम इस दुनिया के लिए तैयार हैं। यह दुनिया अनिश्चितता से भरी है। हर दिन कुछ न कुछ अनिश्चितता आती रहेगी, लेकिन मुझे लगता है कि हम इसका सामना करने में पूरी तरह सक्षम हैं, जो अच्छी बात है। क्योंकि ऐसे कई देश हैं, जो ऐसी अनिश्चितता का सामना नहीं कर पाते।

श्रीमन वेल्थ और श्रीराम ग्रुप के कार्यकारी निदेशक और सीटीओ (कैपिटल मार्केट बिजनेस) पुनीत अस्थाना द्वारा लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए भट्टाचार्य ने कहा, मुझे बहुत सारे इन-हाउस एलएलएम का निर्माण होता नहीं दिख रहा है। लेकिन लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि मौजूदा एलएलएम के इस्तेमाल की लागत कैसे कम की जा सकती है। इसलिए यह देखना होगा कि यह इन-हाउस होगा या मौजूदा स्थापित कंपनियों द्वारा या खुद नई कंपनियों द्वारा दिया जाएगा। लागत कम करने के लिए बहुत बड़ी कोशिश हो रही है क्योंकि जब तक आप इसे कम नहीं करेंगे, आपके पास बहुत कम उपयोगकर्ता होंगे।

भट्टाचार्य ने कहा, यह आपको उस तरह का पोषण नहीं देगा, न ही अंततः आपके मूल्यांकन को कोई आधार देगा। अगर आप उन मूल्यांकन को सही ठहराने जा रहे हैं तो दुनिया के ज्यादातर लोग उनका इस्तेमाल करते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि लागत कम किए बिना इन कंपनियों के मूल्यांकन को एक सीमा से आगे उचित नहीं ठहराया जा सकता। अन्यथा, इन मूल्यांकनों को एक सीमा से आगे उचित ठहराना संभव नहीं है और जब तक लागत कम नहीं होती, दुनिया के ज्यादातर लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

इसके अलावा, एमेजॉन पे के सीओओ महावीर जिंदल द्वारा कंपनियों के मूल्यांकन पर उठाई गई चिंताओं पर बात करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि यह उत्साह उचित नहीं है। भट्टाचार्य ने कहा, इसलिए मैं मूल्यांकन के बारे में कुछ नहीं कहूंगी। मैं इसे विशेषज्ञों पर छोड़ती हूं। मैं बस इतना कहूंगी कि हालांकि बहुत ज्यादा उत्साह दिख रहा है पर आपको ज़मीन पर टिके रहने की जरूरत है। हो सकता है कि यह उत्साह उचित न हो, लेकिन इस पर गंभीरता से विचार करना और इसमें गंभीरता से हिस्सा लेना चिंताजनक है।

First Published - October 30, 2025 | 11:36 PM IST

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