केंद्र सरकार के कर्मचारी, खासकर लोअर लेवल वाले, आठवीं पे कमीशन से अपनी तनख्वाह में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। अभी तो कमीशन की सिफारिशें आने के बाद ही साफ तस्वीर बनेगी, लेकिन फिटमेंट फैक्टर से कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सैलरी कितनी बढ़ सकती है।
फिटमेंट फैक्टर वो नंबर होता है जो मौजूदा बेसिक पे पर गुणा करके नई बेसिक सैलरी निकाली जाती है। पहले की पे कमीशनों में ये लगातार बढ़ता रहा है। छठी पे कमीशन में ये 1.86 था, जबकि सातवीं में 2.57 तक पहुंच गया। इस बार भी एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है कि ये कितना हो सकता है।
PSL एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर्स के सीनियर एसोसिएट विवेक जोशी का मानना है कि महंगाई के रुझान और सरकारी खजाने की सीमाओं को देखते हुए 2.0 से 2.5 के बीच का फिटमेंट फैक्टर ज्यादा व्यावहारिक लगता है। उनका कहना है कि सातवीं पे कमीशन से काफी ज्यादा ऊपर जाना बजट के लिए मुश्किल हो सकता है।
दूसरी तरफ नेक्सडिग्म के डायरेक्टर-पेरोल सर्विसेस रामचंद्रन कृष्णमूर्ति ज्यादा उम्मीद रखते हैं। वे 2.7 से 3.0 के दायरे की बात करते हैं। उनका तर्क है कि करीब एक दशक बाद महंगाई को देखते हुए अगर सिर्फ 2.57 ही दोहराया गया तो असल में तनख्वाह की बढ़त बहुत कम रह जाएगी।
कुछ और एक्सपर्ट बीच का रास्ता बताते हैं। कर्मा मैनेजमेंट ग्लोबल कंसल्टिंग सॉल्यूशंस के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ विजन ऑफिसर प्रतीक वैद्य कहते हैं कि सरकारी बजट की तंगी और 2016 के मुकाबले कम DA बेस को देखते हुए 1.9 से 2.3 के बीच रहना ज्यादा संभव है।
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सातवीं पे कमीशन में लेवल 1 का न्यूनतम बेसिक पे 18,000 रुपये है, जबकि लेवल 5 में ये 29,200 रुपये तक जाता है। अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर लगाने पर नतीजे काफी अलग निकलते हैं। मिसाल के तौर पर, लेवल 1 वाले कर्मचारी का बेसिक पे 1.92 फैक्टर पर करीब 34,560 रुपये, 2.15 पर 38,700 रुपये और 2.57 पर 46,260 रुपये तक पहुंच सकता है।
कृष्णमूर्ति बताते हैं कि फिटमेंट फैक्टर का फायदा सिर्फ बेसिक पे तक सीमित नहीं रहता। इससे हाउस रेंट अलाउंस, आने वाले DA इजाफे, पेंशन और सालाना इंक्रीमेंट पर भी चक्रवृद्धि असर पड़ता है। उनकी मिसाल के मुताबिक, लेवल 1 वाले को 1.92 फैक्टर पर शहर और अलाउंस के हिसाब से महीने में 12,000 से 14,000 रुपये तक की बढ़त मिल सकती है, जबकि 2.57 पर ये 20,000 से 22,000 रुपये तक हो सकती है।
कमीशन कब लागू होगा, ये भी अनिश्चित है। सिंहानिया एंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर रोहित जैन कर्मचारियों को चेताते हैं कि बड़े एरियर की उम्मीद में कर्ज लेने से बचें। अगर कमीशन आगे की तारीख से लागू हुआ तो एरियर कम या जीरो भी हो सकते हैं।
DA 50 फीसदी पार कर चुका है, इसलिए जैन की सलाह है कि बच्चों की शिक्षा अलाउंस या ज्यादा ग्रेच्युटी सीमा जैसे फायदे अभी क्लेम कर लें, इंतजार न करें।
पेंशनर्स के लिए भी दांव बड़े हैं। ज्यादा फिटमेंट फैक्टर से पेंशन हमेशा के लिए बढ़ जाती है, लेकिन सरकारी खर्च भी लंबे समय तक बढ़ता है। इसलिए एक्सपर्ट्स को लगता है कि बहुत ज्यादा उछाल की बजाय संतुलित बढ़ोतरी ही होगी।
अभी साफ कुछ नहीं है, इसलिए सलाह यही है कि बजट पुरानी सातवीं पे कमीशन वाली संरचना मानकर बनाएं। बीच-बीच में आने वाले DA इजाफे को बचत में लगाएं, नई देनदारियां बढ़ाने में नहीं।