facebookmetapixel
हाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण कियासड़क हादसे में मौतें 30 वर्ष में सबसे ज्यादा, प्रति 1 लाख की आबादी पर 12.5 मौतें हुईंछोटी कारों को छूट पर नहीं बनी सहमति, SIAM ने BEE को कैफे-3 और कैफे-4 मसौदे पर अंतिम टिप्पणियां सौंपीJK Tyre का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में निर्यात हिस्सेदारी को 20% तक पहुंचाने का, यूरोपीय बाजारों पर फोकस

TaxPayers को बड़ी राहत! अब 15 जनवरी तक लेट फीस के साथ फाइल कर सकेंगे ITR, नोट कर लें जरूरी डीटेल्स

5 लाख रुपए से कम आय वालों को 1,000 रुपए लेट फीस देनी होगी, और यदि आय 5 लाख से अधिक है तो 5,000 लेट फीस देनी होगी।

Last Updated- December 31, 2024 | 1:02 PM IST
Income

टैक्सपेयर्स लेट फीस के साथ अब इनकम टैक्स 15 जनवरी 2025 तक भर सकते हैं। सरकार ने बिलेटेड/रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की तारीख को 31 दिसंबर से बढ़ाकर 15 जनवरी कर दिया है।

बता दें वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (बिना किसी लेट फीस के) बहुत पहले ही समाप्त हो चुकी है।

लेट फीस के साथ भरना होगा ITR 

अगर आपने 31 दिसंबर 2024 तक ITR फाइल नहीं किया तो आपको अब लेट फीस से साथ 15 जनवरी 2025 तक फाइल करने का अवसर है। यदि आपकी आय 5 लाख रुपए से कम है तो आपको 1,000 रुपए लेट फीस देनी होगी, और यदि आय 5 लाख से अधिक है तो 5,000 लेट फीस देनी होगी।

किसे भरना चाहिए कौन-सा ITR फॉर्म

ITR-1: यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है जो निवासी हैं (सामान्य तौर पर निवासी नहीं होने के अलावा) जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, जिनकी आय सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से है, और कृषि आय 5,000 रुपये तक है।

ITR-2: यह फॉर्म उन व्यक्तियों और HUFs के लिए है जिनकी किसी बिजनेस या किसी पेशे के लाभ और आय से कोई कमाई नहीं है।

ITR-3: आयकर रिटर्न फॉर्म 3 को व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स और HUFs द्वारा चुना जाता है जो किसी पेशे या किसी बिजनेस के मालिक होने से आय अर्जित करते हैं। वो टैक्सपेयर्स जिनकी आय किसी अनलिस्टिड शेयर में निवेश से हुई है, किसी कंपनी के पार्टनर हैं, किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या बिजनेस का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है, इस फॉर्म को भर सकते हैं।
ITR-4: आयकर रिटर्न फॉर्म 4 उन व्यक्तियों, HUFs और फर्मों (LLP के अलावा) के लिए है जो निवासी हैं और जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, और किसी बिजनेस या पेशे से आय अर्जित करते है, जिसकी गणना धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत की जाती है। इसके अतिरिक्त, करदाता की कृषि आय 5,000 तक नहीं होनी चाहिए।

ITR-5: आयकर रिटर्न फॉर्म 5 संस्थाओं के लिए होता है। ऐसे संस्थान जो फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड हैं।

ITR-6: यह टैक्स फाइलिंग फॉर्म धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली संस्थाओं के अलावा कंपनियों के लिए है।

IT रेट घटाने की तैयारी में सरकार: रिपोर्ट

भारत सरकार फरवरी के बजट में 15 लाख रुपये सालाना तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स में कटौती पर विचार कर रही है। इसका मकसद मध्यम वर्ग को राहत देना और खर्च बढ़ाना है, क्योंकि धीमी आर्थिक बढ़त और महंगाई ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। यह जानकारी दो सरकारी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दी।

सूत्रों ने बताया कि टैक्स कटौती के आकार पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इस पर अंतिम निर्णय 1 फरवरी को बजट के करीब लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स दरें कम होने से ज्यादा लोग नई प्रणाली को अपनाएंगे, जो सरल है। भारत को इनकम टैक्स का बड़ा हिस्सा उन लोगों से मिलता है, जिनकी आय 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक है। इन पर 30% की टैक्स दर लागू होती है।

First Published - December 31, 2024 | 12:49 PM IST

संबंधित पोस्ट