Editorial: मौद्रिक नीति का मार्ग और शेयर बाजारों में तेजी
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने अपनी दो दिवसीय बैठक के बाद यह संकेत देकर शेयर बाजारों में तेजी ला दी कि वह इस वर्ष नीतिगत ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की कटौती के मार्ग पर बनी रहेगी। इस वर्ष मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान में इजाफे के बावजूद ऐसा किया जा […]
Editorial: एजेंडे से गायब प्रदूषण, भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में गौरवान्वित होता रहा है लेकिन दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से एक होने की छवि उस पर कहीं अधिक भारी पड़ रही है। स्विस संगठन आईक्यूएयर द्वारा विश्व स्तर पर हवा की गुणवत्ता को लेकर जो रिपोर्ट जारी की […]
Editorial: MSME में निर्यात का अवसर और विकास का इंजन
सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र में यह संभावना है कि वह निर्यात को बढ़ावा देकर तथा देश की आर्थिक गतिविधियों में योगदान करके देश के विकास के इंजन की भूमिका निभा सके। बहरहाल देश के निर्यात में इसकी हिस्सेदारी कम हो रही है और यह वित्त वर्ष 20 के 49.77 फीसदी से कम […]
Editorial: EV आयात नीति की चुनौतियां
देश के वाहन उद्योग के लिए एक अहम नई नीतिगत दिशा तय करते हुए सरकार ने यह घोषणा की है कि अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) निर्माता भारत में अपने विनिर्माण को लेकर सरकार के समक्ष कुछ प्रतिबद्धता जताते हैं तो उन्हें आयात कर में राहत प्रदान की जा सकती है। खासतौर पर भारत में उन […]
Editorial: आचार संहिता की चुनौती
एक महीने से कुछ अधिक समय के भीतर देश में दूसरे सबसे लंबे आम चुनावों का सिलसिला आरंभ हो जाएगा। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र का बड़ा उत्सव होगा। भारत जैसे विशाल भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता वाले देश के लिए इस पंचवर्षीय आयोजन का पैमाना कभी कम नहीं था। 2024 के […]
Editorial: RBI की लोकपाल योजना और वित्तीय जागरूकता की जरूरत
भारतीय रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना अपनी शुरुआत से ही उपभोक्ताओं के संरक्षण और विनियमित संस्थाओं को सुरक्षित कार्य व्यवहार अपनाने तथा उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, भुगतान प्रणाली के प्रतिभागियों और ऋण सूचना कंपनियों जैसी विनियमित संस्थाओं के विरुद्ध […]
Editorial: एक देश, एक चुनाव
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय समिति, जिसकी स्थापना सरकार के तीनों स्तरों पर एक साथ चुनाव की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए की गई थी, उसने सर्वसम्मति से इस विचार का समर्थन किया है और गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजी गई रिपोर्ट में इसकी अनुशंसा की है। […]
Editorial: मुद्रा प्रबंधन में नई चुनौतियां
हाल के वर्षों में भारत के आर्थिक प्रबंधन की सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक, बाहरी मोर्चे पर स्थिरता रही है। यह अहम बात है क्योंकि भारत चालू खाते के घाटे से जूझ रहा है और वैश्विक बचत पर निर्भर है। हालांकि, कई बड़े केंद्रीय बैंकों द्वारा नीतिगत दरों में तीव्र और समन्वित तरीके से […]
Editorial: स्पेक्ट्रम की नीलामी सकारात्मक कदम
केंद्र सरकार ने एक सकारात्मक कदम उठाते हुए यह घोषणा की है कि 20 मई से दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू होगी। साल 2022 में हुई पिछली नीलामी में बिना बिके रह गए आवृत्ति बैंडों की लगभग पूरी श्रृंखला इस बार फिर बिक्री के लिए रखी जाएगी। इससे दूरसंचार कंपनियों को यह अवसर मिलेगा कि […]
चुनावी बॉन्ड: न्यायालय ने समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध खारिज कर सही कदम उठाया
चुनावी बॉन्ड का ब्योरा देने के लिए और समय मांग रहे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई ) का अनुरोध खारिज करके सर्वोच्च न्यायालय ने सही कदम उठाया है। चुनावी बॉन्ड जारी करने की जिम्मेदारी सरकारी क्षेत्र के बैंक एसबीआई की ही है और बैंक ने 12 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 के बीच खरीदे गए […]









