
पेट्रोल और डीजल के दाम: पारदर्शी कीमतों की जरूरत
भारत में पंपों पर पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें निर्धारित करने की प्रणाली जटिल है। भारतीय वाहन चालक जून 2022 में एक लीटर डीजल के लिए 100 रुपये से अधिक कीमत दे रहे थे जबकि अंतरराष्ट्रीय कीमत 170 डॉलर प्रति बैरल थी। इस समय वैश्विक कीमतें पहले से आधी रह गई हैं जबकि वाहन चालकों […]

भारतीय सेना: क्षमता विकसित करने में तेजी की दरकार
दिल्ली में पिछले पखवाड़े भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सालाना आयोजन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षा उद्योग के शीर्ष लोगों से यह विनती करते नजर आए कि वे भविष्य की तकनीकों पर काम करें ताकि भारत को एक ‘अनुयायी से नेतृत्वकर्ता’ में बदला जा सके। यह पहला अवसर नहीं था जब उन्होंने ऐसा किया। […]

Odisha train accident: खतरे के संकेत
ओडिशा में हुए दशक के सबसे बड़े रेल हादसे ने भारतीय रेलवे की गलत प्राथमिकताओं की समस्या को एक बार फिर रेखांकित कर दिया है। वह समस्या है सुरक्षा और रखरखाव के बजाय वंदे भारत ट्रेन और बुलेट ट्रेन परियोजनाओं में निवेश को तरजीह देना। यद्यपि अभी विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा है लेकिन रेल मंत्री […]

हरित अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव लाने वाली पहल
जिस सप्ताह नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ उसी समय भारत की शीर्ष तेल निर्यातक कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की तरफ से ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी घोषणा हुई। ओएनजीसी ने कहा कि वह वर्ष 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में 1 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना को कार्य […]

आर्थिक वृद्धि के आंकड़े: बेहतर प्रदर्शन पर कुछ सवाल
जनवरी-मार्च तिमाही तथा 2022-23 के पूरे वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े सुखद आश्चर्य लेकर आए हैं। ये आंकड़े मुझ समेत सभी विश्लेषकों के पूर्वानुमानों से बेहतर हैं। ध्यान रहे कि गत दिसंबर में अपनी बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अनुमान जताया था कि जनवरी-मार्च तिमाही […]

सेबी के इस बड़े कदम से अब बढ़ेगी पारदर्शिता
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक मशविरा पत्र जारी किया है। यह पत्र न्यूनतम सार्वजनिक अंशधारिता (MPS) को संभावित रूप से निष्फल बनाने तथा प्रेस नोट 3 (पीएन3) को विफल बनाने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) मार्ग का दुरुपयोग रोकने के मकसद से एफपीआई द्वारा अतिरिक्त खुलासे जरूरी बनाने के विषय पर […]

2022-23 में भारत के प्रदर्शन में सुधार, चुनौती बरकरार
वर्ष 2022-23 में भारत के आर्थिक प्रदर्शन ने बाजार को चौंका दिया। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़े बताते हैं कि 2022-23 में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.2 फीसदी बढ़ा। पहले इसमें 7 फीसदी वृद्धि के अनुमान लगाए गए थे। वृद्धि के अनुमान से बेहतर आंकड़े मोटे तौर पर वित्त वर्ष […]

जैव-ईंधन का अर्थशास्त्र
सरकार ने पेट्रोल में एथनॉल की मात्रा बढ़ाकर 20 प्रतिशत (ई20) करने की समयसीमा अब 2025 कर दी है। पहले उसने 2030 तक यह लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई थी। सरकार को अपने इस निर्णय पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। नीतियों का विश्लेषण करने वाली निजी संस्था ऑर्कस ने पिछले सप्ताह […]

US Debt Crisis: जोखिम मुक्त नहीं ऋण सीमा बढ़ाना
अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन और अमेरिकी संसद के निचले सदन (प्रतिनिधि) सभा के अध्यक्ष ने घोषणा की है कि वे ऋण सीमा बढ़ाने पर ‘सैद्धांतिक रूप’ से सहमत हो गए हैं। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का बहुमत है। अमेरिका में सरकार वैधानिक रूप से तय एक सीमा से अधिक ऋण नहीं […]

सूचीबद्ध होने में लगने वाला समय कम करने के लिए ‘सूचीबद्धता समयसीमा’
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सार्वजनिक निर्गमों के सूचीबद्ध होने में लगने वाला समय कम करने के संबंध में एक विमर्श पत्र जारी किया है। इस विमर्श पत्र के अनुसार सेबी का मानना है कि अगर सूचीबद्धता प्रक्रिया वर्तमान में टी+6 दिनों (टी निर्गम बंद होने की तिथि है) से घटाकर टी+3 कार्य […]