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लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: फेड की मामूली दर कटौती से बाजार में उछाल, 2026 में नीति मतभेद बढ़ने के संकेत

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (एफओएमसी) ने बुधवार को नीतिगत ब्याज दर 25 आधार अंक घटाकर 3.5 से 3.75 फीसदी के दायरे में कर दी। इस तरह, नीतिगत ब्याज दर घटाने के मौजूदा चरण में कुल 175 आधार अंक की कटौती हो चुकी है। चूंकि, दर घटाने को लेकर […]

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Editorial: आईपीओ बाजार को घरेलू निवेशकों से मिला दम

प्राथमिक बाजार के लिहाज से मौजूदा साल काफी दमदार रहा है। अनुमान के मुताबिक दिसंबर की शुरुआत तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) के माध्यम से 1.77 लाख करोड़ रुपये (लगभग 20 अरब डॉलर) जुटाए जा चुके हैं। यह रकम पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी अधिक है। कई आईपीओ के लिए तो अत्यधिक आवेदन आए […]

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Editorial: सौर ऊर्जा क्षेत्र में सुधार जरूरी, केवल क्षमता बढ़ना काफी नहीं

भारत स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। देश में कुल स्थापित बिजली क्षमता का 50 फीसदी से अधिक हिस्सा अब गैर-जीवाश्म स्रोतों पर आधारित है। देश ने यह लक्ष्य समय से पांच वर्ष पहले ही हासिल कर लिया है। मजबूत नीतिगत समर्थन के दम पर घरेलू मॉड्यूल विनिर्माण में विस्तार के […]

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Editorial: इंडिगो संकट ने खोली उद्योग की खामियां — नियम पालन में तंत्रगत नाकामी उजागर

इंडिगो में उत्पन्न संकट उस बड़ी उथल-पुथल को दर्शाता है जो कंपनी क्षेत्र में बड़ी समस्याओं का कारण रही है। किंगफिशर एयरलाइंस से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएलएफएसएल) तक में मचे बवाल की जड़ भी इसी से जुड़ी हुई है। इनमें कई स्तरों (कार्यकारी प्रबंधन और निदेशकमंडल के साथ-साथ क्षेत्रीय नियामक) पर […]

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Editorial: पुतिन की भारत यात्रा ने दिखाया रणनीतिक स्वायत्तता का दम

यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की पहली भारत यात्रा की हर तरफ चर्चा हुई। इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच एक ऐसे रिश्ते की मजबूती का प्रदर्शन किया है जो तेजी से बदलते भू-राजनीतिक हालात और मौजूदा परिस्थितियों में भी अडिग रहा है जबकि भारत और रूस दोनों […]

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Editorial: भूजल के लिए सुसंगत नीति जरूरी, प्रदूषक पदार्थों से बढ़ी चिंता

पिछले कुछ वर्षों में भूजल पर भारत की निर्भरता और बढ़ गई है। देश में लगभग 85 प्रतिशत ग्रामीण परिवार अभी भी पेय जल के स्रोत के रूप में इसी पर निर्भर हैं और सिंचाई से जुड़े लगभग दो-तिहाई कार्य जलभृतों (एक्विफर) से पूरे होते हैं। भूजल का इस्तेमाल लगातार बढ़ने के साथ ही उसकी […]

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Editorial: इंडिगो संकट के सबक, पायलटों की कमी से मानव संसाधन प्रबंधन पर उठे सवाल

देश की सबसे अधिक बाजार हिस्सेदारी वाली विमानन कंपनी इंडिगो को नई पायलट रोस्टर नीतियों के कारण बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिसने मानव संसाधन प्रबंधन पर अवांछित रोशनी डाली है। मानव संसाधन प्रबंधन इस उद्योग में कुशल और सुरक्षित संचालन के केंद्र में है। हालांकि विमानन कंपनी ने देशव्यापी अव्यवस्था के […]

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Editorial: कमजोर रुपया निर्यात में मददगार, लेकिन भुगतान संतुलन पर बढ़ रहा दबाव

रुपये ने बुधवार के कारोबार में 90 प्रति डॉलर का मनोवैज्ञानिक स्तर लांघ दिया है। वर्ष की शुरुआत से अब तक वह 5 फीसदी से अधिक गिर चुका है। बहरहाल जरूरी है कि रुपये के अवमूल्यन को व्यापक वृहद आर्थिक घटनाओं के साथ जोड़कर देखा जाए और नीति निर्माता तथा दूसरे भागीदार रुपये के किसी […]

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अहितकर वस्तुओं पर नए उपकर: राजस्व सुरक्षा की कोशिश या राज्यों की चिंता बढ़ाने वाला कदम?

केंद्र सरकार ने इस सप्ताह संसद में दो विधेयक पेश किए। इनसे उसे चुनिंदा अहितकर वस्तुओं पर कर लगाने का अधिकार मिलेगा। एक तरह से देखा जाए तो यह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों को दुरुस्त करने के बाद तार्किक कदम है। सितंबर में जीएसटी परिषद ने निर्णय लिया था कि वह मोटे तौर […]

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Editorial: अरावली पर संकट गहराया, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ेगा खनन

धूल से होने वाला भीषण प्रदूषण और तेजी से कम होता हुआ भूजल स्तर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर के समक्ष मौजूद सबसे प्रमुख चुनौती है। सर्वोच्च न्यायालय का विगत 21 नवंबर का निर्णय इन समस्याओं को और बढ़ा सकता है तथा इस क्षेत्र के पर्यावास को गंभीर चुनौती पेश कर सकता है। […]

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