facebookmetapixel
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अलर्ट: फर्जी डोनेशन क्लेम पर टैक्सपेयर्स को मिलेगा SMS और ईमेलदिल्ली की हवा फिर बिगड़ी, AQI 450 के करीब पहुंचते ही GRAP स्टेज-4 के सभी नियम पूरे NCR में लागूकिराया सीमा के बाद भी मनमानी? 10 में 6 यात्रियों ने एयरलाइंस पर नियम तोड़ने का आरोप लगायाCorporate Actions: बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से भरपूर रहने वाला है अगला हफ्ता, निवेशकों के लिए अलर्ट मोडDividend Stocks: महारत्न PSU अपने निवेशकों को देने जा रही 50% का डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेPhD वाला गरीब, 10वीं फेल करोड़पति! रॉबर्ट कियोसाकी ने बताया आखिर पैसा कहां चूक जाता हैLionel Messi in India: मेसी को देखने आए फैंस भड़के, FIR दर्ज; ममता ने जांच का आदेश दियाबिहार में नए विभागों का बंटवारा: नीतीश ने सिविल एविएशन अपने पास रखा, संजय टाइगर को युवा रोजगार विभागTier-2 और Tier-3 में स्वास्थ्य पॉलिसी की बढ़त, ₹10-15 लाख कवरेज की मांग बढ़ीMutual Fund Tips: साल के अंत में पोर्टफोलियो का रिव्यू क्यों जरूरी, एक्सपर्ट्स से आसान भाषा में समझें

लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: अरावली पर संकट गहराया, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ेगा खनन

धूल से होने वाला भीषण प्रदूषण और तेजी से कम होता हुआ भूजल स्तर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर के समक्ष मौजूद सबसे प्रमुख चुनौती है। सर्वोच्च न्यायालय का विगत 21 नवंबर का निर्णय इन समस्याओं को और बढ़ा सकता है तथा इस क्षेत्र के पर्यावास को गंभीर चुनौती पेश कर सकता है। […]

आज का अखबार, ताजा खबरें, संपादकीय

Editorial: पहली छमाही में GDP के मजबूत प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को मिली ताकत

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर ने सभी अनुमानों का धता बता दिया। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आकंड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में स्थिर कीमतों पर 8.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई। इस दमदार प्रदर्शन की बदौलत पहली छमाही […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

संदेसरा बंधुओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उठे बड़े सवाल

सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक निर्णय में कहा है कि अहमदाबाद की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के भगोड़े प्रवर्तक नितिन और चेतन संदेसरा अगर 17 दिसंबर तक 5,100 करोड़ रुपये की राशि जमा करते हैं तो उनके खिलाफ सभी आपराधिक मामले बंद कर दिए जाएं। यह आदेश उन कारोबारियों के साथ व्यवहार को लेकर […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: IMF की रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की विभिन्न देशों की रिपोर्ट, जो बुधवार को जारी की गई, भारत की वृहद आर्थिक स्थिरता को दर्शाती है और नीतिगत चर्चा के लिए कुछ उपयोगी संकेत प्रदान करती है। आईएमएफ का अनुमान है कि चालू वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.6 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वर्ष 2026-27 में वृद्धि दर […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: दिसंबर में ब्याज दर कटौती की उम्मीदें बढ़ीं

नीतिगत ब्याज दर में कटौती को लेकर बाजार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। जानकारी के मुताबिक कई संस्थाओं ने इस उम्मीद में अपनी धन जुटाने की योजनाओं को स्थगित कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस सप्ताह एक साक्षात्कार में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अक्टूबर की […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

कैफे-3 मानकों पर नई बहस: क्या छोटी कारों को मिलेगी छूट?

वित्त वर्ष 28 से 32 के बीच लागू होने जा रहे कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल इफीशिएंसी के तीसरे संस्करण (कैफे 3) को लेकर सरकार के मसौदा मानकों ने देश के वाहन उद्योग में बड़ी कारों की तुलना में छोटी कारों को प्रोत्साहन देने की नई बहस छेड़ दी है। मौजूदा विवाद की रूपरेखा ऐसे निहितार्थों से […]

संपादकीय

Editoial: भारत–चीन संबंधों का नए सिरे से आकलन जरूरी

सीमा पर अपेक्षाकृत शांति, भू-राजनीतिक माहौल में बदलाव और देश की अपनी आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हाल के महीनों में इस बात पर चर्चा काफी बढ़ी है कि भारत को चीन के साथ अपने रिश्तों का नए सिरे से आकलन करना चाहिए। खासतौर पर व्यापार और निवेश के क्षेत्र में। चीन को […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: चार श्रम संहिताएं लागू, श्रम बाजार में बड़े बदलाव की शुरुआत

केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह उन चार श्रम संहिताओं को लागू कर दिया जो देश के श्रम बाजार नियमन को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं। इसी समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार संहिताएं उन विशिष्ट प्रावधानों के लिए लागू हो गई हैं जहां आगे नियम निर्माण की आवश्यकता नहीं है। […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला वापस, पर्यावरण मंजूरियों पर फिर खुली बहस

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मई 2025 के अपने फैसले को इस सप्ताह वापस लेने से पर्यावरणीय स्वीकृतियों के पुनरावलोकन का रास्ता फिर से खुल सकता है। यह भारत के पर्यावरणीय विनियमन में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव को दर्शाता है। इससे पहले के मामलों, मसलन कॉमन कॉज बनाम भारत संघ के मामले में यह स्पष्ट किया गया था […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

सोलहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट जमा: आय में अंतर और बढ़ते कर्ज की खाई पाटना जरूरी

सोलहवें वित्त आयोग ने इस सप्ताह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, हालांकि उम्मीद है कि इसे 2026 के बजट सत्र में संसद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। सोलहवें वित्त आयोग की अनुशंसाएं अप्रैल 2026 से शुरू होने वाले पांच वर्ष के लिए होंगी। ये अनुशंसाएं […]

1 2 3 4 91