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अब मे​क्सिको का 50% टैरिफ, 1 जनवरी से लागू होंगी नई दरें; निर्यातकों की बढ़ेगी मु​श्किल

मेक्सिको सरकार ने चीन, भारत, थाईलैंड सहित जिन एशियाई देशों के साथ उसका कोई व्यापार करार नहीं है,  उनके 1,400 से अधिक उत्पादों पर 5- 50% के बीच शुल्क लगाने की घोषणा की है

Last Updated- December 11, 2025 | 10:53 PM IST
Trade

मेक्सिको सरकार ने भारतीय उत्पादों के देश में निर्यात पर 50 फीसदी तक शुल्क लगाने का आज फैसला किया। अमेरिकी द्वारा लगाए गए ऊंचे शुल्क से जूझ रहे भारतीय निर्यातकों को मेक्सिको का यह कदम एक और बड़ा झटका है। मेक्सिको सरकार ने चीन, भारत, थाईलैंड सहित जिन एशियाई देशों के साथ उसका कोई व्यापार करार नहीं है,  उनके 1,400 से अधिक उत्पादों पर 5 से 50 फीसदी के बीच शुल्क लगाने की घोषणा की है।

ये शुल्क 1 जनवरी, 2026 से लागू होंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, रसायन, इंजीनियरिंग वस्तुओं, वाहन, धातुएं आदि उत्पादों पर इस शुल्क का असर पड़ेगा। मेक्सिको का कहना है उसने घरेलू उद्योग की सुरक्षा के लिए शुल्क बढ़ाने का निर्णय किया है।

सरकार और निर्यातक वर्तमान में इस घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह कदम चीन को निशाना बनाने के लिए उठाया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका में इस बारे में चर्चा हुई है कि चीनी सामान को मेक्सिको के माध्यम से अमेरिकी बाजार में भेजा जा रहा है।

निर्यातकों के संगठन फियो के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने कहा, ‘मेक्सिको का निर्णय गलत समय पर आया है। हम अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों से अभी जूझ रहे हैं और अब मेक्सिको भी भारत के निर्यात पर शुल्क बढ़ाने जा रहा है।’ सहाय ने कहा, ‘उद्योग मेक्सिको के साथ एक व्यापार समझौते की उम्मीद कर रहा है और अगर ऐसा होता है तो हमें शुल्क से राहत मिल सकती है क्योंकि उच्च शुल्क उन देशों पर लगाए जाएंगे जिनके पास मेक्सिको के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं है।’

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान मेक्सिको का भारत के कुल निर्यात में केवल 1.3 फीसदी हिस्सा था, जो 5.75 अरब डॉलर है। आंकड़ों पर करीब से नजर डालने से पता चला कि इंजीनियरिंग वस्तुओं का ज्यादा निर्यात होता है और कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी करीब 3.5 अरब डॉलर है।

मेक्सिको को होने वाले निर्यात में एक तिहाई हिस्सा वाहन और कलपुर्जों का है। ऐसे में शुल्क वृद्धि से मारुति सुजूकी, फोक्सवैगन ग्रुप, ह्युंडै मोटर इंडिया और निसान सहित अन्य कार विनिर्माताओं के करीब 1 अरब डॉलर के निर्यात पर असर पड़ सकता है। कारों पर शुल्क 20 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी होने की आशंका को देखते हुए कार विनिर्माताओं ने पहले ही मेक्सिको को निर्यात की अपनी रणनीति पर विचार शुरू कर दिया है।

भारत की एक प्रमुख कार निर्यातक कंपनी ने कहा, ‘हम भारत से मेक्सिको को बड़ी मात्रा में निर्यात करते हैं। हालांकि एक बहुराष्ट्रीय कंपनी होने के नाते, हम विविधता लाते हुए मेक्सिको निर्यात की भरपाई अन्य देश से कर सकते हैं।’ दक्षिण अफ्रीका और सऊदी अरब के बाद मेक्सिको भारत का तीसरा सबसे बड़ा कार निर्यात बाजार है। मारुति सुजूकी और ह्युंडै मोटर इंडिया ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।

रॉयटर्स के अनुसार वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम ने नवंबर में भारत के वाणिज्य मंत्रालय से आग्रह किया था कि वह भारत से भेजे जाने वाले वाहनों पर शुल्क में ‘यथास्थिति बनाए रखने’ के लिए मेक्सिको पर दबाव डाले। रॉयटर्स ने उल्लेख किया कि भारत से मेक्सिको भेजे जाने वाली कुल कार में 50 फीसदी हिस्सा स्कोडा का है।’

भारत से मेक्सिको मुख्य रूप से छोटी कारों का निर्यात होता है। मेक्सिको में हर साल बेचे जाने वाले 15 लाख यात्री वाहनों में से लगभग दो-तिहाई आयात किए जाते हैं और कुल बिक्री में भारतीय निर्यात की हिस्सेदारी करीब 6.7 फीसदी है।

(साथ में एजेंसियां)

First Published - December 11, 2025 | 10:44 PM IST

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