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लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख

अनिश्चितता बढ़ाती मुद्रास्फीति

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी माह में 6.52 फीसदी के साथ तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इसके साथ ही यह दर एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तय दायरे से ऊपर निकल गई और इस बात ने अधिकांश विश्लेषकों को चौंका दिया। इस इजाफे की एक बड़ी […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

आईटी में मंदी की आशंका

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में कर्मचारियों की नियु​क्ति में आ रहा धीमापन एक चेतावनी है। इस बात के पर्याप्त प्रमाण और आंकड़े मौजूद हैं कि इस क्षेत्र में मंदी की दस्तक है। ऐसे में यह चिंता बढ़ रही है कि वै​श्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाओं में नजर आ रही मंदी आईटी सेवाओं की मांग को भी […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

कोरम का प्रश्न

यह सच है कि विश्व बैंक की कारोबारी सुगमता रैंकिंग को प्रक्रियागत अनियमितताओं के कारण बंद कर दिया गया है लेकिन सरकार ने कहा है कि वह इस दिशा में अपना ध्यान निरंतर केंद्रित रखेगी ताकि देश में निवेश का माहौल तैयार किया जा सके। परंतु हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया गया जो […]

आज का अखबार, लेख

‘बाजार की गतिविधियों में सरकार के हस्तक्षेप अक्सर अनचाहे परिणाम’

बाजार की गतिविधियों में सरकार का हस्तक्षेप अक्सर अनचाहे परिणाम लेकर आता है। बाजार प्रतिभागियों का लक्ष्य अपने प्रतिफल को अधिक से अधिक करना होता है और जरूरी नहीं कि यह बात हमेशा सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के साथ तालमेल में हो। इस संदर्भ में ताजा उदाहरण है बिजली से चलने वाले वाहनों (EV) […]

आज का अखबार, लेख

नीतिगत गुंजाइश बरकरार

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की अपनी अंतिम बैठक में नीतिगत रीपो दर में 25 आधार अंक का इजाफा करके इसे 6.5 फीसदी कर दिया। स्टैंडिंग डिपॉजिट सुविधा और मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दरों को भी इसी के अनुरूप समायोजित करके क्रमश: 6.25 फीसदी और 6.75 फीसदी कर दिया गया। यह […]

आज का अखबार, बजट, लेख

Budget 2023 : एग्रीकल्चर सेक्टर को समर्थन

केंद्रीय बजट में 2023-24 के लिए कृ​षि के वास्ते जिस पैकेज का प्रस्ताव किया गया है उसका लक्ष्य प्रमुख तौर पर उन कार्यक्रमों और संस्थानों को आगे बढ़ाने का है जो इस क्षेत्र को वृद्धि प्रदान करने वाले संभावित कारकों की भूमिका निभा सकते हैं। लक्ष्य यह है कि कृ​षि उत्पादन में इजाफा किया जाए […]

लेख, संपादकीय

एक और इजाफा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की इस वित्त वर्ष की अंतिम बैठक सोमवार को आरंभ हो गई। इस बार समिति को अपेक्षाकृत कठिन निर्णय लेना है। चूंकि मुद्रास्फीति की दर तीन तिमाहियों से अ​धिक समय से तय दायरे की ऊपरी सीमा से भी अ​धिक रही है तो इसका अर्थ यही हुआ […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

देरी से लिया गया निर्णय

आ​खिरकार केंद्र सरकार ने वोडाफोन आइडिया में 33 फीसदी हिस्सेदारी लेने का निर्णय ले ही लिया है। इसके साथ ही वह वित्तीय संकट से जूझ रही इस दूरसंचार कंपनी में 33 फीसदी की हिस्सेदार बन जाएगी। प्रथमदृष्टया यह सकारात्मक घटना लगती है। बहरहाल, सरकार ने इस निर्णय को लेने में जो देरी की उसने दूरसंचार […]

आज का अखबार, बजट, संपादकीय

बदलना होगा तरीका

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। इस बजट में पूंजीगत व्यय के लिए रखे गए सार्वजनिक फंड में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली। जैसा कि उन्होंने कहा यह लगातार तीसरा बजट है जिसमें सरकार ने पूंजीगत व्यय में इजाफा किया है। इसके लिए 10 लाख करोड़ […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

बचत नहीं निवेश

वित्त मंत्री हर वर्ष केंद्रीय बजट की प्रस्तुति के बाद शुरुआती प्र​तिक्रियाओं के प्रबंधन में सिद्धहस्त हो चुके हैं। इससे शेयर बाजारों और टीवी स्टूडियो में भी हल्काफुल्का उत्साह पैदा होता है और जब तक वह ठंडा होता है, लोग बजट के बारीक अध्ययन से निकले संदेशों की अनदेखी करके आगे बढ़ चुके होते हैं। […]

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