Editorial: घरेलू खपत में परिवर्तन, उत्पादकों के लिए संकेत
सरकार ने गत सप्ताह घरेलू खपत व्यय सर्वेक्षण के कुछ नतीजे जारी किए। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अगस्त 2022 से जुलाई 2023 के बीच 2.60 लाख परिवारों में खपत को लेकर एक व्यापक सर्वेक्षण किया। बीते एक दशक में यह पहला ऐसा सर्वेक्षण है जिसके नतीजे सार्वजनिक किए गए हैं। हालांकि 2017-18 में भी ऐसा […]
Editorial: बेहतर अनुपालन की जरूरत
सर्वोच्च न्यायालय ने सुधार का एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार को निर्देश दिया है कि वह वनों की व्यापक ‘शब्दकोश परिभाषा’ के लिए सन 1996 में सर्वोच्च न्यायालय के ही दो सदस्यीय पीठ की परिभाषा का पालन करे। ताजा निर्णय तीन सदस्यीय पीठ ने वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) में संशोधन के खिलाफ दाखिल की […]
Editorial: रूस-यूक्रेन युद्ध और नाटो की पहेली
आज यानी शनिवार 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले को दो वर्ष पूरे हो रहे हैं। लेकिन कीव (यूक्रेन की राजधानी), मॉस्को और ब्रसेल्स (यूरोपीय संघ और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो का मुख्यालय) में सबकी नजरें नवंबर में होने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों पर लगी हुई हैं। इन चुनावों में […]
Editorial: सरकार का खर्च कम करने पर जोर, क्या पड़ेगा अर्थव्यवस्था पर असर?
इस माह के आरंभ में पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने और बाहरी उधारी को सीमित करने पर नए सिरे से जोर दिया। वित्त वर्ष 25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.1 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा गया है जो वित्त वर्ष […]
Editorial: क्रायोजेनिक इंजन और ISRO का अगला चरण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गत शनिवार को तीसरी पीढ़ी का मौसम संबंधी उपग्रह इनसैट-3डीएस सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सराहा गया। यह उपग्रह मौसम के पूर्वानुमान की भारत की क्षमता बढ़ाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी इंजन के समस्यामुक्त प्रदर्शन से रोमांचित थी। उपग्रह को ले जाने वाले जीएसएलवीएफ14 रॉकेट में […]
Editorial: पांच फसलों पर MSP के प्रस्ताव को नकारकर किसानों ने गंवाया अवसर
किसान प्रतिनिधियों ने गेहूं और चावल से इतर पांच फसलों के बाजारयोग्य अधिशेष को अगले पांच वर्ष तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के सरकार के प्रस्ताव को नकारकर एक अवसर गंवा दिया है। वे इसे स्वीकार करके प्रदर्शनकारियों की अतिवादी मांगों एवं केंद्र सरकार की राजकोषीय क्षमताओं के बीच एक मध्य मार्ग निकाल […]
Editorial: जापान और यूनाइटेड किंगडम की अर्थव्यवस्था में मंदी और वैश्विक खतरे
गत सप्ताह दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं जापान और यूनाइटेड किंगडम ने कहा कि लगातार दो तिमाहियों से उनके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि ऋणात्मक है। आमतौर पर अर्थशास्त्री इसे अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का संकेत मानते हैं। इसकी वजह से जापान शायद सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में नीचे फिसल जाए। जर्मनी […]
Editorial: तीसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजों से मिल रहा उत्साहवर्धक संकेत
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2023) में आए 3,233 सूचीबद्ध कंपनियों के नतीजे बताते हैं कि खपत अभी भी कम है लेकिन सुधार के कुछ संकेत हैं और कॉर्पोरेट निवेश में सुधार हो रहा है। विशुद्ध बिक्री में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में केवल सात फीसदी का इजाफा हुआ […]
Editorial: केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा और भविष्य
भारतीय रिजर्व बैंक 2022 के उत्तरार्द्ध से ही प्रायोगिक स्तर पर केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) जारी कर रहा है। खुदरा क्षेत्र में ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित सीबीडीसी-आर को एक सीमित उपयोगकर्ता समूह (सीयूजी) के बीच जारी किया गया था जिसमें भाग लेने वालों में ग्राहक और व्यापारी शामिल हैं। प्रायोगिक तौर पर जारी […]
Editorial: चुनावी चंदे में पारदर्शिता और सुधार का अवसर
सर्वोच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों के संवैधानिक पीठ ने देश में चुनावी चंदे में आवश्यक पारदर्शिता लाने वाला निर्णय सुनाते हुए छह वर्ष पुरानी चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए उस पर रोक लगा दी। उसने अपने निर्णय में कहा कि यह बॉन्ड संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में निहित सूचना के अधिकार का […]
 
         
    









