वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के अंत में केंद्र का राजकोषीय घाटा वार्षिक लक्ष्य का 36.5% रहा। लेखा महानियंत्रक (CGA) ने यह आंकड़े शुक्रवार को जारी किए। सीजीए के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अब तक राजकोषीय स्थिति नियंत्रित दायरे में बनी हुई है।
पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में राजकोषीय घाटा 2024-25 के बजट अनुमान का 29 प्रतिशत था। राजकोषीय घाटा सरकार के व्यय और राजस्व के बीच का अंतर होता है। मौजूदा कीमतों पर 2025-26 की अप्रैल-सितंबर अवधि में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 5,73,123 करोड़ रुपये रहा।
केंद्र का अनुमान है कि 2025-26 के दौरान राजकोषीय घाटा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतिशत यानी 15.69 लाख करोड़ रुपये रहेगा। सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार को सितंबर 2025 तक 16.95 लाख करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां हुईं जो 2025-26 के बजट में अनुमानित कुल प्राप्तियों का 49.6 प्रतिशत है। इसमें 12.29 लाख करोड़ रुपये का कर राजस्व (केंद्र को शुद्ध), 4.6 लाख करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व और 34,770 करोड़ रुपये की गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।
