गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में सुधार की केंद्र सरकार की हालिया कवायद से कृषि, ऑटो, बीमा और इलेक्ट्रॉनिक समेत कई अन्य सेक्टर्स को बड़ी राहत मिली है। हालांकि, मोबाइल फोन खरीदने वालों को इस कदम से कोई फायदा नहीं मिलेगा। जीएसटी काउंसिल ने मोबाइल फोन पर टैक्स रेट 18 फीसदी ही रखने का फैसला किया है। यानी स्मार्टफोन की कीमतें फिलहाल जस की तस बनी रहेंगी।
वहीं दूसरी और जीएसटी काउंसिल ने TV, AC, डिशवॉशर समेत कई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया है।
एयर कंडीशनर: 1-1.5 टन इन्वर्टर मॉडल (कीमत लगभग ₹30,000) ₹3,000-3,500 तक सस्ता हो सकता है।
डिशवॉशर: ₹50,000 के मॉडल पर लगभग ₹5,000 तक की बचत संभव है।
टेलीविजन: ₹30,000 के टीवी पर लगभग ₹3,000 की कमी आ सकती है।
इसी तरह मॉनिटर और प्रोजेक्टर पर भी अब सिर्फ 18 फीसदी जीएसटी देना होगा।
स्मार्टफोन निर्माता लंबे समय से मोबाइल फोन पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की मांग कर रहे थे। उनका तर्क है कि इससे मांग बढ़ेगी और डिवाइस आम लोगों के लिए ज्यादा किफायती हो जाएंगे।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) का कहना है कि मोबाइल फोन अब लग्जरी प्रोडक्ट नहीं रहे, बल्कि शिक्षा, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और सरकारी सेवाओं तक पहुंच के लिए जरूरी साधन बन गए हैं। इंडस्ट्री बॉडी का मानना है कि टैक्स रेट में कटौती से निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा।
ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं पर बदल हुई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। लेकिन सिगरेट, चबाने वाला तंबाकू, जर्दा, साबुत तंबाकू और बीड़ी पर अभी पुरानी दरें और सेस ही लागू रहेंगे। ये तब तक जारी रहेंगे जब तक पेंडिंग मुआवजा सेस का कर्ज पूरी तरह नहीं चुका दिया जाता।
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बुधवार रात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST 2.0 का ऐलान किया। नए जीएसटी स्ट्रक्चर में अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी होगा। इसके अलावा लग्जरी और सिन प्रोडक्ट्स के लिए 40 फीसदी टैक्स रेट होगा। जीएसटी में 12 फीसदी और 28 फीसदी का स्लैब खत्म हो गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया है।