Offline Digital Rupee: मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑफलाइन डिजिटल रुपया (e₹) लॉन्च किया। यह सुविधा ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट की कमी के बावजूद भुगतान करने की सुविधा देती है, जैसे डिजिटल नकद का अनुभव।
डिजिटल रुपया या e₹ भारत का सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है, जो असली रुपया का डिजिटल रूप है। इसे सीधे RBI जारी करता है और यह बैंक द्वारा प्रदान किए गए सुरक्षित डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है।
e₹ का उपयोग करने वाले पैसे को तुरंत भेज या प्राप्त कर सकते हैं, और इसके लिए हर लेनदेन पर बैंक खाता होना जरूरी नहीं है। e₹ वॉलेट से UPI QR कोड स्कैन कर वाणिज्यिक भुगतान भी किया जा सकता है।
अभी 15 बैंक रिटेल CBDC पायलट में हैं और आम लोगों के लिए डिजिटल वॉलेट उपलब्ध करा रहे हैं:
SBI: eRupee by SBI
ICICI Bank: Digital Rupee by ICICI Bank
IDFC First Bank: IDFC First Bank Digital Rupee
YES Bank: Yes Bank Digital Rupee
HDFC Bank: HDFC Bank Digital Rupee
Union Bank of India: Digital Rupee by UBI
Bank of Baroda: Bank of Baroda Digital Rupee
Kotak Mahindra Bank: Digital Rupee by Kotak Bank
Canara Bank: Canara Digital Rupee
Axis Bank: Axis Mobile Digital Rupee
IndusInd Bank: Digital Rupee by IndusInd Bank
PNB: PNB Digital Rupee
Federal Bank: Federal Bank Digital Rupee
Karnataka Bank: Karnataka Bank Digital Rupee
Indian Bank: Indian Bank Digital Rupee
यूजर्स इन ऐप्स को Google Play Store या Apple App Store से डाउनलोड कर, रजिस्टर कर, व्यक्ति से व्यक्ति और व्यापारी भुगतान के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। वॉलेट में कोई फीस, मिनिमम बैलेंस या ब्याज नहीं लगता, और अगर मोबाइल खो जाए तो वॉलेट रिकवर किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: भारत में CBDC अपनाने की प्रक्रिया में वाणिज्यिक बैंक अभी भी सिस्टम कर रहे हैं विकसित
e₹ की सबसे खासियत इसका ऑफलाइन फीचर है, जो दूरदराज और ग्रामीण इलाकों के लिए बनाया गया है:
टेलीकॉम-सहायता प्राप्त ऑफलाइन भुगतान: न्यूनतम नेटवर्क सिग्नल की जरूरत।
NFC आधारित टेप भुगतान: बिना इंटरनेट या सिग्नल के काम करता है।
इससे लेनदेन तुरंत हो जाते हैं, बिना बैंक खाता एक्सेस किए।
e₹ प्रोग्रामेबल फीचर्स के साथ आता है, जिससे फंड्स को खास उद्देश्यों, समय सीमा, स्थान या व्यापारी श्रेणी तक सीमित किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल पहले से कुछ सरकारी योजनाओं में हो रहा है:
गुजरात की G-SAFAL योजना: कृषि इनपुट्स तक सीमित।
आंध्र प्रदेश की DEEPAM 2.0 योजना: एलपीजी सब्सिडी।
यह फीचर कॉर्पोरेट भुगतान, लक्षित ऋण और सब्सिडी योजनाओं में भी मदद कर सकता है।
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI), जैसे आधार, UPI और DigiLocker ने वित्तीय समावेशन बढ़ाया और फिनटेक नवाचार के लिए मजबूत आधार बनाया।
Digital Rupee इस ढांचे में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो फिनटेक इकोसिस्टम के साथ सुरक्षित, तेज और प्रभावी वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराता है।
RBI का मानना है कि e₹ डिजिटल इकॉनमी को मजबूत करने का एक जरिया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां इंटरनेट कम है। ऑफलाइन और प्रोग्रामेबल फीचर्स के साथ भारत दुनिया के पहले देशों में से एक बन गया है, जहां CBDC का इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकता है।