बाजार में तेजी के माहौल से ब्रोकरेज फर्मों के पास नए खाते खुलने की रफ्तार मजबूत हुई है। जुलाई में 29 लाख नए डीमैट खाते (demat account) दो डिपॉजिटरीज सीडीएसएल व एनएसडीएल के पास खुले, जो जनवरी 2022 के बाद का सर्वोच्च स्तर है। ट्रेडिंग करने और शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए इन खातों की जरूरत होती है।
अब कुल डीमैट खातों की संख्या 12.35 करोड़ हो गई है। जुलाई में जुड़े नए खाते मासिक आधार पर 26 फीसदी ज्यादा हैं और पिछले 12 महीने के औसत 20 लाख के मुकाबले करीब 50 फीसदी अधिक है।
जुलाई में भारतीय इक्विटी बेंचमार्क ने कई सत्रों में नई ऊंचाई को छुआ। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के मजबूत निवेश के दम पर बेंचमार्क सेंसेक्स 2.8 फीसदी चढ़ा जबकि निफ्टी में 2.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। साथ ही जून तिमाही में उत्साहजनक आय और ब्याज दरों में बढ़ोतरी का चक्र सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने की उम्मीद का भी इस पर असर पड़ा।
निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 8 फीसदी चढ़ा जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में जुलाई में करीब 6 फीसदी का इजाफा हुआ। एफपीआई ने 33,994 करोड़ रुपये की खरीदारी की और पांच महीने की अपनी खरीदारी का आंकड़ा 1.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया।
सैमको सिक्योरिटीज के सीईओ जिमित मोदी ने कहा, डीमैट खातों में बढ़ोतरी में सबसे ज्यादा योगदान व्यापक बाजारों में तेजी का है। मार्च के निचले स्तर से मिड, स्मॉल और माइक्रो कैप सेगमेंट में भी तेजी दर्ज हुई है।
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कई खुदरा निवेशकों ने देखा है कि उनकी पोर्टफोलियो कंपनियों ने नई ऊंचाई को छू लिया। अप्रैल में हमने सबसे निचले स्तर में से एक पर इसे देखा था और अब यह सर्वोच्च स्तर पर है। एकमात्र अंतर पिछले तीन महीने में व्यापक बाजारों में आई तेजी और सेंटिमेंट में आया सुधार है।
बेहतर आईपीओ बाजार और बीएसई की तरफ से नए डेरिवेटिव अनुबंधों की दोबारा पेशकश, इसका आकार घटाना और एक्सपायरी के नए चक्र ने नए निवेशकों को आकर्षित करने में योगदान किया। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम भी निवेशकों को खींच रहा है। जुलाई में चार आईपीओ आए और कुल 2,212 करोड़ रुपये जुटाए गए।
ट्रेडजिनि के सीओओ त्रिवेश डी. ने कहा, ऐतिहासिक तौर पर नए खुदरा निवेशकों की भागीदारी बाजारों में तेजी के सर्वोच्च स्तर के दौरान देखी गई। अर्थव्यवस्था के मजबूत फंडामेंटल की महत्ता और अंतर्निहित कंपनियों के काफी सकारात्मक बने रहने का असर नए डीमैट खातों के खुलने के तौर पर नजर आया।
मोदी ने कहा कि नए खाते खुलने की रफ्तार 25 से 30 लाख के दायरे में बनी रहेगी, जब तक कि बाजारों में कोई बड़ी गिरावट नहीं आती।
उन्होंने कहा कि नए खाते मौजूदा निवेशक भी खुलवा रहे हैं ताकि वे ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट को अलग-अलग कर सकें, ऐसे में जरूरी नहीं है कि सभी खाते नए निवेशकों के हों। कई बार निवेशक बैकअप रखते हैं और कई बार आयकर के मकसद से। लोग अपना निवेश एक खाते में रखते हैं जबकि ट्रेडिंग दूसरे खाते में करते हैं।
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डीमैट खातों में जुड़ाव इससे प्रभावित हो सकती है कि क्या बाजारों में तेजी और आईपीओ की रफ्तार टिकाऊ रहेगी। आईपीओ ज्यादा शानदार दिख रहा है क्योंकि करीब 10 कंपनियां अगस्त में संचयी तौर पर 8,000 करोड़ रुपये जुटाने जा रही हैं।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि हाल में सूचीबद्धता पर मिले लाभ को देखते हुए आईपीओ को लेकर निवेशकों का सेंटिमेंट सकारात्मक हो गया है। कई लोग अपने परिवार के सदस्यों के लिए नए खाते खुलवा रहे हैं ताकि आईपीओ आवंटन में उन्हें बेहतर मौका मिल सके।
तकनीक के इस्तेमाल ने डीमैट व ट्रेडिंग खाता खोलना निवेशकों के लिए आसान बना दिया है। कोविड के बाद से डीमैट खातों की संख्या में तीन गुना उछाल की सबसे बड़ी वजहों में से एक यह भी है। मार्च 2020 में डीमैट खातों की संख्या महज 4.09 करोड़ थी।