सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक सर्वे में सामने आया है कि पिछले दो महीने से अधिक समय में अस्पतालों में भर्ती होने के श्वसन संक्रमण के 50 फीसदी मामले H3N2 इनफ्लुएंजा के हैं।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एक जनवरी से 20 मार्च के बीच H3N2 के कुल 1,161 मामले आये हैं जो मौसमी इन्फ्लुएंजा वायरस का उपस्वरूप है।
उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर मामलों में खांसी और बुखार के लक्षण हैं। मंत्री ने कहा कि H3N2 वायरल श्वसन संक्रमण है और इसके उपचार में एंटीबायोटिक की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी श्वसन संबंधी संक्रमण में कई बार बैक्टीरियल संक्रमण भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवा लेने की सलाह दे सकते हैं।
मंत्री ने जो आंकड़े जवाब में साझा किये, उसके अनुसार दिल्ली में H3N2 के सबसे ज्यादा 370 मामले दर्ज किये गये जिसके बाद महाराष्ट्र में 184, राजस्थान में 180 और कर्नाटक में 134 मामले हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय हालात पर नजर रख रहा है और H3N2 समेत इन्फ्लुएंजा मामलों के प्रबंधन में राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों का समर्थन करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं।