facebookmetapixel
अमर सुब्रमण्य बने Apple AI के वाइस प्रेसिडेंट, जॉन जियानएं​ड्रिया की लेंगे जगहमारुति सुजूकी ने देशभर में 2,000 से अधिक ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित कर इलेक्ट्रिक वाहन नेटवर्क किया मजबूतNLCAT ने व्हाट्सऐप और मेटा के डेटा-शेयरिंग मामले में स्पष्टीकरण याचिका पर सुनवाई पूरी कीरुपया 90 के करीब पहुंचा: RBI की दखल से मामूली सुधार, एशिया में सबसे कमजोर मुद्रा बनासुप्रीम कोर्ट फरवरी में करेगा RIL और उसके साझेदारों के कृष्णा-गोदावरी D6 गैस विवाद पर अंतिम सुनवाईसूरत संयंत्र में सुची सेमीकॉन ने शुरू की QFN और पावर सेमीकंडक्टर चिप पैकेजिंगपुतिन की भारत यात्रा: व्यापार असंतुलन, रक्षा सहयोग और श्रमिक गतिशीलता पर होगी अहम चर्चाविमानन सुरक्षा उल्लंघन: DGCA जांच में एयर इंडिया के अधिकारियों को डी-रोस्टर किया गया‘संचार साथी’ पर सरकार का नया स्पष्टीकरण: ऐप हटाने की आजादी, निगरानी न होने का दावाभारत निश्चित रूप से हमारा सरताज है, युवा डिजिटल आबादी ने बढ़ाया आकर्षण: एसबी शेखर

सांस की बीमारी! हो जाएं अलर्ट; H3N2 मामले में ICMR के सर्वे ने किया ये बड़ा खुलासा

Last Updated- March 24, 2023 | 6:28 PM IST
H3N2 influenza

सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक सर्वे में सामने आया है कि पिछले दो महीने से अधिक समय में अस्पतालों में भर्ती होने के श्वसन संक्रमण के 50 फीसदी मामले H3N2 इनफ्लुएंजा के हैं।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एक जनवरी से 20 मार्च के बीच H3N2 के कुल 1,161 मामले आये हैं जो मौसमी इन्फ्लुएंजा वायरस का उपस्वरूप है।

उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर मामलों में खांसी और बुखार के लक्षण हैं। मंत्री ने कहा कि H3N2 वायरल श्वसन संक्रमण है और इसके उपचार में एंटीबायोटिक की कोई भूमिका नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि किसी श्वसन संबंधी संक्रमण में कई बार बैक्टीरियल संक्रमण भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवा लेने की सलाह दे सकते हैं।

मंत्री ने जो आंकड़े जवाब में साझा किये, उसके अनुसार दिल्ली में H3N2 के सबसे ज्यादा 370 मामले दर्ज किये गये जिसके बाद महाराष्ट्र में 184, राजस्थान में 180 और कर्नाटक में 134 मामले हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय हालात पर नजर रख रहा है और H3N2 समेत इन्फ्लुएंजा मामलों के प्रबंधन में राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों का समर्थन करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं।

First Published - March 24, 2023 | 6:18 PM IST

संबंधित पोस्ट