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प्रधानमंत्री कार्यालय का नया परिसर कहलाएगा ‘सेवा तीर्थ’, जानें इसकी खासियत

अधिकारियों के अनुसार, ‘सेवा तीर्थ’ को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह सेवा-समर्पित कार्यशैली और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करे

Last Updated- December 02, 2025 | 5:11 PM IST
New complex housing Prime Minister's Office to be called 'Seva Teerth'

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के लिए बन रहे नए परिसर को ‘सेवा तीर्थ’ के नाम से जाना जाएगा। समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत बन रहा यह परिसर अब अंतिम चरण में है। इससे पहले इसे ‘एक्जीक्यूटिव इनक्लेव’ के नाम से जाना जाता था।

‘सेवा तीर्थ’ में और क्या-क्या होगा?

नया परिसर न सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय का मुख्य केंद्र होगा, बल्कि इसमें मंत्रिमंडल सचिवालय (Cabinet Secretariat), राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (National Security Council Secretariat) और इंडिया हाउस (India House) भी शामिल होंगे। ‘इंडिया हाउस’ में टॉप-लेबल की कूटनीतिक मुलाकातें और वार्ताएं आयोजित की जाएंगी।

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अधिकारियों ने बताया कि ‘सेवा तीर्थ’ एक ऐसा कार्यस्थल होगा, जिसे सेवा की भावना को प्रतिबिंबित करने के लिए डिजाइन किया गया है और जहां राष्ट्रीय प्राथमिकताएं मूर्त रूप लेंगी। उन्होंने कहा कि भारत के सार्वजनिक संस्थान एक शांत लेकिन गहन बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं।

‘सत्ता’ से ‘सेवा’ की ओर बढ़ रहा शासन का विचार

अधिकारियों के मुताबिक शासन का विचार ‘सत्ता’ से ‘सेवा’ और अधिकार से उत्तरदायित्व की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक भी है। राज्यों के राज्यपालों के आधिकारिक आवास ‘राजभवन’ का भी नाम भी बदलकर ‘लोक भवन’ रखा जा रहा है।

अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शासन के क्षेत्रों को ‘कर्तव्य’ और पारदर्शिता को प्रतिबिंबित करने के लिए नया रूप दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हर नाम, हर इमारत और हर प्रतीक अब एक सरल विचार की ओर इशारा करते हैं- सरकार सेवा के लिए है।’’

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कल्याण का बोध कराता है नया नाम

सरकार ने हाल ही में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक वृक्षों से घिरे मार्ग के पूर्ववर्ती नाम ‘राजपथ’ को बदलकर ‘कर्त्तव्य पथ’ किया था। प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास का नाम 2016 में बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था। अधिकारियों के मुताबिक यह नाम कल्याण का बोध कराता है, न कि विशिष्टता का, तथा यह प्रत्येक निर्वाचित सरकार के भविष्य के कार्यों की याद दिलाता है।

केन्द्रीय सचिवालय का नाम कर्तव्य भवन है, जो एक विशाल प्रशासनिक केंद्र है, जिसका निर्माण इस विचार के इर्द-गिर्द किया गया है कि सार्वजनिक सेवा एक प्रतिबद्धता है। अधिकारियों ने कहा, ‘‘ये बदलाव एक गहरे वैचारिक परिवर्तन का प्रतीक हैं। भारतीय लोकतंत्र सत्ता की बजाय जिम्मेदारी और पद की बजाय सेवा को चुन रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नामों में बदलाव मानसिकता में भी बदलाव है। आज, वे सेवा, कर्तव्य और नागरिक-प्रथम शासन की भाषा बोलते हैं।’’

(PTI इनपुट के साथ)

First Published - December 2, 2025 | 4:53 PM IST

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