रुपये में आज भी गिरावट जारी रही और यह 90 प्रति डॉलर के करीब पहुंच गया। डीलरों ने कहा कि सट्टेबाजों की शॉर्ट कवरिंग और आयातकों की ओर से डॉलर की मांग के कारण रुपये पर दबाव बना रहा।
कारोबार के दौरान रुपया 89.96 प्रति डॉलर तक गिर गया। बाद में इसने कुछ नुकसान की भरपाई की और कारोबार की समाप्ति पर 89.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो इसका नया निचला स्तर है। सोमवार को रुपया 89.56 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
डीलरों ने कहा कि संभवत: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर की बिक्री के जरिये मुद्रा बाजार में दखल देने से कारोबार के अंतिम घंटे में रुपये में कुछ सुधार दिखा। 90 प्रति डॉलर बाजार के लिए मनोवैज्ञानिक और तकनीकी बाधा बन गई है। डीलरों ने कहा कि इस स्तर पर केंद्रीय बैंक की मौजूदगी जरूरी है ताकि मुद्रा बाजार में अत्यधिक उतार चढ़ाव न आए।
कोटक सिक्योरिटीज के जिंस और मुद्रा प्रमुख अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ‘90 का स्तर बड़ा मनोवैज्ञानिक प्रतिरोध है और बाय-स्टॉप ऑर्डर का क्लस्टर शायद इसके ऊपर है। यही वजह है कि रिजर्व बैंक को 90 से नीचे सक्रिय रहना चाहिए। अगर रुपया इससे ऊपर पहुंचा तो वह तेजी से 91 के पार भी जा सकता है।’
इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में 4.7 फीसदी की गिरावट आ चुकी है और सभी एशियाई मुद्राओं में इसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। एक सरकारी बैंक के एक डीलर ने कहा कि डॉलर की निकासी से रुपये पर दबाव बना रह सकता है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, ‘भारतीय उत्पादों के निर्यात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे शुल्क के कारण भी रुपये में नरमी आई है।’