पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लागू करने के लिए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है। ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इसके तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए UPS को चुनने का एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और प्रोसेस तय किया गया है।
इस स्कीम के जरिए कर्मचारियों को पेंशन से जुड़ी सुविधाओं को एकीकृत रूप में पाने का विकल्प मिलेगा।
कौन कर सकता है नामांकन?
केंद्र सरकार के इन नियमों के तहत तीन तरह के कर्मचारी नामांकन करा सकते हैं:
मौजूदा कर्मचारी – जो 1 अप्रैल 2025 तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आते हैं।
नए भर्ती कर्मचारी – जो 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद केंद्र सरकार में शामिल होंगे।
रिटायर्ड कर्मचारी – जो पहले NPS के तहत कवर थे और 31 मार्च 2025 तक या तो रिटायर्ड हो चुके हैं, स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले चुके हैं, या फंडामेंटल रूल 56(j) के तहत रिटायर हुए हैं।
अगर कोई सब्सक्राइबर नामांकन से पहले निधन हो जाता है, तो उसकी कानूनी पत्नी (विवाहित जीवनसाथी) UPS योजना में शामिल हो सकती है।
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केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम UPS में नामांकन कैसे करें?
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) में नामांकन 1 अप्रैल 2025 से शुरू होगा। योग्य कर्मचारी Protean CRA पोर्टल (https://npscra.nsdl.co.in) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, वे अपने फॉर्म को भौतिक रूप से (फिजिकल फॉर्म) भी जमा कर सकते हैं।
यूपीएस और एनपीएस में से चुन सकेंगे सरकारी कर्मचारी
सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन सिस्टम (यूपीएस) और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में से किसी एक को चुनने का विकल्प देने का फैसला किया है। इस फैसले से करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।
एनपीएस को 1 जनवरी 2004 से लागू किया गया था। वहीं, 24 अगस्त 2024 को केंद्रीय कैबिनेट ने यूपीएस को मंजूरी दी। पहले पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू थी, जिसमें कर्मचारियों को उनकी अंतिम बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलता था।
यूपीएस और एनपीएस में क्या अंतर?
जानें UPS के बारे में-
सरकार ने नई यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) पेश की है, जो पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती है। यह स्कीम OPS की तरह निश्चित पेंशन देती है, लेकिन NPS की तरह योगदान आधारित बनी रहती है।
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UPSC स्कीम के तहत मिलेगा तय फॉर्मूले से भुगतान, जानिए आसान भाषा में पूरी प्रक्रिया
अगर सेवा 25 साल से ज्यादा की है तो मिलेगा सुनिश्चित भुगतान, 10 साल से कम वालों को नहीं मिलेगा लाभ
सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफॉर्म पेंशन स्कीम (UPS) के तहत भुगतान की प्रक्रिया और शर्तें तय कर दी गई हैं। यहां बताया गया है कि किसे कितना भुगतान मिलेगा और इसका फॉर्मूला क्या होगा:
अगर कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की है और ओवरएज, स्वैच्छिक रिटायरमेंट या रूल 56(झ) के तहत रिटायर हुआ है (लेकिन जिसे ‘पेनशन’ नहीं माना गया है), तो उसे यह फायदा मिलेगा।
अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% (यानि आधा वेतन) मिलेगा।
इसकी गणना इस फॉर्मूले से होगी:
सुनिश्चित भुगतान = (½ × औसत वेतन) × (पूरी सेवा के महीने / 300)
अगर सेवा 120 महीनों (यानि 10 साल) से कम है, तो कोई भुगतान नहीं मिलेगा।
अगर सेवा 300 महीनों (25 साल) से ज़्यादा है, तो अधिकतम सीमा 300 ही मानी जाएगी।
अगर कर्मचारी ने कम से कम 10 साल की सेवा की है, तो उसे हर महीने कम से कम ₹10,000 का भुगतान मिलेगा।
लेकिन यह तभी लागू होगा जब ऊपर दिए गए फॉर्मूले से निकली रकम ₹10,000 से कम हो।
अगर सेवा 10 साल से ज्यादा लेकिन 25 साल से कम है, तो भुगतान आनुपातिक रूप में किया जाएगा।
कुछ मामलों में सुनिश्चित भुगतान को कम किया जा सकता है:
अगर व्यक्तिगत कॉर्पस, तय बेंचमार्क कॉर्पस से कम है।
या फिर कर्मचारी ने अपने कॉर्पस का 60% तक निकाल लिया हो।
नई गणना इस तरह होगी:
स्वीकृत भुगतान = सुनिश्चित भुगतान × (व्यक्तिगत कॉर्पस / बेंचमार्क कॉर्पस) × (1 – निकासी प्रतिशत)
उदाहरण: यदि कॉर्पस ₹10 लाख था और 60% निकाला गया है, तो शेष 40% के अनुसार रकम दी जाएगी।
नोट: अगर किसी कर्मचारी का व्यक्तिगत कॉर्पस बेंचमार्क से कम है, तो वह रिटायरमेंट की तारीख तक उस अंतर को पूरा कर सकता है।