Tax saving tips: वित्त वर्ष 2024-25 खत्म होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, और नया वित्त वर्ष 2025-26 शुरू होने में सिर्फ 10 दिन रह गए हैं। ऐसे में जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था (old tax regime) को चुन रहे हैं, उनके पास टैक्स बचाने के लिए अब आखिरी मौका है।
ज्यादातर लोग न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, FY24 में 72% टैक्सपेयर्स ने नई टैक्स व्यवस्था (new tax regime) को अपनाया, और आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ सकती है। हालांकि, अभी भी कई करदाता पुरानी टैक्स व्यवस्था के जरिए टैक्स छूट के फायदे लेना पसंद करते हैं।
अगर आप भी पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स छूट पाना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए आखिरी मौका हो सकता है। सही निवेश से आप अपने टैक्स का बोझ कम कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: टैक्सपेयर्स ध्यान दें! मार्च 2025 में पूरे करें ये जरूरी टैक्स से जुड़े काम वरना लगेगा जुर्माना
सेक्शन 80C: टैक्स बचाने के लिए बेस्ट निवेश विकल्प
अगर आप इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं, तो सेक्शन 80C के तहत कई निवेश योजनाओं में पैसा लगाकर ₹1.5 लाख तक की कटौती का फायदा उठा सकते हैं। इस सेक्शन के तहत सुकन्या समृद्धि योजना (SSA), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और 5 साल की टैक्स-सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसी कई योजनाएं आती हैं। हर योजना की अपनी अलग लॉक-इन अवधि और रिटर्न दर होती है।
अगर आप कम से कम लॉक-इन पीरियड में निवेश करना चाहते हैं, तो ELSS आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिसका लॉक-इन केवल 3 साल है, लेकिन इसका रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
वहीं, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश पर आपको सेवानिवृत्ति (60 वर्ष) तक इंतजार करना होता है। EPF भी सेवानिवृत्ति तक का निवेश है, लेकिन आंशिक निकासी की सुविधा इसमें दी जाती है।
अगर आप गैर-बाजार जोखिम वाले निवेश चाहते हैं, तो सुकन्या समृद्धि योजना (SSA) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) बेहतर विकल्प हो सकते हैं। SSA में सालाना 8.2% और SCSS में 8.2% ब्याज मिलता है। वहीं, PPF में 7.1%, NSC में 7.7%, और पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में 7.5% का सालाना ब्याज मिलता है। टैक्स-सेवर बैंक एफडी का रिटर्न 6.5% से 7.5% तक होता है।
यदि आप लॉन्ग-टर्म प्लानिंग कर रहे हैं, तो PPF, EPF और NPS बढ़िया विकल्प हो सकते हैं। वहीं, जो लोग शॉर्ट-टर्म टैक्स सेविंग और अच्छा रिटर्न चाहते हैं, वे ELSS और 5 साल की टैक्स-सेवर FD का चुनाव कर सकते हैं। 31 मार्च से पहले सही निवेश करके आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपनी वित्तीय सुरक्षा भी मजबूत कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: टैक्स बचाने का स्मार्ट तरीका, जानिए टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग कैसे करता है काम
नया टैक्स बचाने से पहले अपने मौजूदा निवेशों की करें जांच
अगर आप टैक्स बचाने के लिए नया निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले यह देखें कि इसकी जरूरत है या नहीं। कई निवेश योजनाओं में लॉक-इन पीरियड होता है, यानी एक बार पैसा लगाने के बाद आप उसे तय समय से पहले नहीं निकाल सकते।
सबसे पहले यह जांचें कि आपने इस साल कितना निवेश किया है। हो सकता है कि आप पहले ही धारा 80C की सीमा पूरी कर चुके हों। EPF (कर्मचारी भविष्य निधि), जिसे आपकी सैलरी से हर महीने काटा जाता है, भी टैक्स बचत में शामिल होता है। इसी तरह, अगर आपके पास होम लोन है, तो उसका मूलधन (प्रिंसिपल) भी धारा 80C के तहत टैक्स छूट दिला सकता है।
इसलिए, नया निवेश करने से पहले अपने मौजूदा निवेशों को जरूर जांचें। हो सकता है कि EPF और होम लोन के रीपेमेंट से ही आपकी टैक्स बचत की जरूरत पूरी हो रही हो और आपको अलग से निवेश करने की जरूरत न हो।
अगर 2024 में जॉब बदली है तो फॉर्म 12B भरना जरूरी
अगर आपने 2024 में नौकरी बदली है, तो फॉर्म 12B भरना जरूरी है। यह फॉर्म आपके नए एम्प्लॉयर को आपकी पिछली सैलरी और टैक्स कटौती की जानकारी देने में मदद करता है, जिससे आपकी सैलरी से सही टैक्स कटे।
अपने टैक्स रिकॉर्ड सही रखने के लिए 31 मार्च तक फॉर्म 12B समिट करें। इससे आपका नया एम्प्लॉयर टैक्स कैलकुलेशन में गलती नहीं करेगा और सही TDS कटेगा।
यह भी पढ़ें: New TDS rules: 1 अप्रैल से लागू होंगे नए TDS नियम, निवेशकों को होगा फायदा; जानें क्या होगा बदलाव
सीनियर सिटीजन्स के मेडिकल खर्च पर भी मिलेगा टैक्स डिडक्शन, जानिए कैसे
भारत में आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत करदाता अपने और अपने परिवार के लिए चुकाए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं। इससे उनकी टैक्स योग्य आय कम होती है और उन्हें कम टैक्स देना पड़ता है।
लेकिन अगर आपने सीनियर सिटीजन्स (वरिष्ठ नागरिकों) के लिए कोई हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम नहीं भरा है, तब भी आप उनके मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इस धारा के तहत, 60 साल या उससे अधिक उम्र के माता-पिता या वरिष्ठ नागरिकों के इलाज पर किए गए खर्च के लिए 50,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन लिया जा सकता है।
यह सुविधा उन करदाताओं के लिए फायदेमंद है, जिनके माता-पिता या अन्य वरिष्ठ परिजन बीमा कवर के बिना इलाज करवा रहे हैं। इसलिए, अगर आपके परिवार में कोई सीनियर सिटिजन बिना स्वास्थ्य बीमा के है, तो उनके मेडिकल खर्च का बिल संभालकर रखें और टैक्स बचत का लाभ उठाएं।
यह भी पढ़ें: SCSS vs NSC: सीनियर सिटीजन के लिए कौन बेहतर? 5 साल के लिए ₹5 लाख के निवेश पर कहां ज्यादा रिटर्न? कैलकुलेशन से समझें
टैक्स बचाने के लिए ELSS फायदेमंद, लेकिन निवेश पर जोखिम भी
अगर आप Equity Linked Savings Scheme (ELSS) में निवेश करते हैं, तो इससे टैक्स बचाया जा सकता है। हालांकि, इस स्कीम में निवेश करने के बाद आपका पैसा 3 साल तक लॉक रहेगा।
इसके अलावा, ELSS एक जोखिम भरा निवेश भी है क्योंकि यह शेयर बाजार से जुड़ा होता है। शेयर बाजार की स्थिति अक्सर बदलती रहती है, जिससे इस स्कीम में रिटर्न का कोई निश्चित भरोसा नहीं होता। इसलिए, निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहने की क्षमता को जरूर समझें।
समयसीमा के अंदर निवेश करें
अगर आप टैक्स बचाने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो 31 मार्च का इंतजार न करें। आखिरी समय में वेबसाइट क्रैश हो सकती है या कोई तकनीकी दिक्कत आ सकती है, जिससे आपका निवेश समय पर पूरा नहीं हो पाएगा। अगर आपने तय समयसीमा के अंदर निवेश नहीं किया, तो उस वित्तीय वर्ष में आपको टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा।