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EDLI Scheme: नौकरीपेशा लोगों को EPFO के अंदर ही EDLI स्कीम के तहत एक अतिरिक्त बीमा कवर मिलता है, जो अनहोनी के वक्त उनके परिवार के लिए बड़ा राहत दे सकता है

Last Updated- October 24, 2025 | 3:27 PM IST
EPFO
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

अगर आप प्राइवेट कर्मचारी हैं तो हर महीने आपकी सैलरी से भी थोड़ा-थोड़ा पैसा कटता होगा और यह आपके PF अकाउंट में चला जाता होगा। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि यह पैसा बस रिटायरमेंट के काम आएगा, लेकिन असली खेल यही है। इसमें PF के साथ एक और स्कीम जुड़ी होती है जिसका नाम है Employees’ Deposit Linked Insurance Scheme (EDLI) है। हिंदी में इसे कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा स्कीम के नाम से जाना जाता है। यह कोई आम स्कीम नहीं, बल्कि सरकारी बॉडी EPFO की एक ऐसी लाइफ इंश्योरेंस फैसिलिटी है जो मुश्किल वक्त में परिवार को बड़ी राहत देती है। अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाए, तो उसके घरवालों को इसके तहत 7 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिल सकता है, वो भी बिना एक रुपया खर्च किए।

पिछले साल अक्टूबर में श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने इस स्कीम को लेकर अप्रैल 2021 से लागू बढ़े हुए बेनिफिट्स को ‘रेट्रोस्पेक्टिव’ तौर पर जारी रखने का ऐलान किया था। यानी अब नौकरी बदलने वालों या पुराने क्लेम्स वालों को भी इसका फायदा मिलेगा।

कर्मचारियों के लिए सुरक्षा कवच: EDLI स्कीम की पूरी कहानी

भारत में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा स्कीम (EDLI) एक बड़ा सहारा है। 1976 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस स्कीम की शुरुआत की थी। यह स्कीम कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) के साथ मिलकर काम करती है। इसका मकसद है कि अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान अचानक मृत्यु हो जाए, तो उसके परिवार को आर्थिक मदद मिले।

क्या है EDLI के फायदे?

EDLI स्कीम के तहत, अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को एकमुश्त राशि दी जाती है। यह राशि कर्मचारी की आखिरी सैलरी पर आधारित होती है। 28 अप्रैल, 2021 से EPFO ने इस राशि की अधिकतम सीमा 7 लाख रुपये रखी है । खास बात यह है कि इस स्कीम में कर्मचारी को कोई योगदान नहीं देना पड़ता। इसका पूरा खर्च एम्प्लॉयर उठाता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 0.5% देता है।

यह राशि प्रति माह अधिकतम 75 रुपये तक सीमित है। यह स्कीम हर उस कर्मचारी को कवर करती है, जो EPF का हिस्सा है। इसमें कोई अपवाद नहीं है। चाहे कर्मचारी की मृत्यु भारत में हो या विदेश में, उनके नॉमिनी को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा, यह कवरेज 24 घंटे लागू रहती है। यानी, यह सिर्फ काम के दौरान ही नहीं, बल्कि हर समय सुरक्षा देती है।

Also Read: EPFO ने किया साफ: नौकरी छोड़ने के बाद तुरंत मिलेगा 75% PF, एक साल बेरोजगारी पर पूरा पैसा निकलेगा

क्या है EDLI स्कीम की खास बात?

EDLI स्कीम की कई खासियतें इसे और भी उपयोगी बनाती हैं। यह स्कीम उन सभी कर्मचारियों पर लागू होती है, हालांकि, इसका कैलकुलेशन 15,000 रुपये प्रति माह के बेसिक सैलरी पर ही किया जाता है। इसका कैलकुलेशन इस तरह होता है: औसत मासिक सैलरी का 30 गुना, साथ ही 2.5 लाख रुपये का बोनस। हालांकि, कुल राशि 7 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती। इसके अलावा, इसमें कम से कम 2.5 लाख रुपये देने का प्रावधान है, जो 15 फरवरी, 2020 से लागू है।

EPF में शामिल हर कर्मचारी को इस स्कीम का लाभ अपने आप मिल जाता है। अगर कोई कंपनी चाहे, तो वह EDLI की जगह अपने कर्मचारियों के लिए कोई दूसरी ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकती है, बशर्ते उसका लाभ EDLI से कम न हो। जिन संगठनों में 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, उन्हें EPF एक्ट के तहत रजिस्टर करना होता है। इसके बाद उनके सभी कर्मचारी EDLI के दायरे में आ जाते हैं। लाभ पाने वालों में कर्मचारी का जीवनसाथी, अविवाहित बेटियां और 25 साल तक की उम्र के बेटे शामिल हैं।

EDLI कैसे कर सकते हैं क्लेम?

EDLI के तहत लाभ पाने के लिए प्रक्रिया काफी सरल है। कर्मचारी की मृत्यु के बाद, नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को फॉर्म 5 IF जमा करना होता है। इसके साथ कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, गार्जियनशिप या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (अगर लागू हो) और एक ब्लैंक चेक देना होता है। अगर एम्प्लॉयर का वेरिफिकेशन उपलब्ध न हो, तो फॉर्म को सांसद, विधायक, बैंक मैनेजर या गजेटेड ऑफिसर से वेरिफाई करवाया जा सकता है।

फॉर्म जमा करने के बाद, क्षेत्रीय EPF कार्यालय को 30 दिनों के अंदर क्लेम सेटल करना होता है। अगर इसमें देरी होती है, तो 12% सालाना ब्याज देना पड़ता है। यह सुनिश्चित करता है कि परिवार को समय पर मदद मिले।

एम्प्लॉयर्स के लिए क्या हैं नियम?

EDLI स्कीम एम्प्लॉयर्स को भी कुछ चीजों में छूट देती है। अगर कोई कंपनी चाहे, तो वह कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 (Miscellaneous Provisions Act, 1952) के सेक्शन 17(2A) के तहत EDLI से बाहर निकल सकती है। लेकिन इसके लिए उन्हें अपने कर्मचारियों के लिए ऐसी ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी होगी, जो EDLI के बराबर या उससे बेहतर लाभ दे। इससे यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों का हित सुरक्षित रहे।

EDLI स्कीम भारत के कर्मचारी कल्याण ढांचे का एक अहम हिस्सा है। यह न केवल कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा देती है, बल्कि एम्प्लॉयर्स के लिए भी इसे लागू करना आसान और किफायती है। यह स्कीम EPFO के उस बड़े लक्ष्य को पूरा करती है, जिसमें देश के कर्मचारियों और उनके परिवारों का सामाजिक और आर्थिक कल्याण सुनिश्चित करना शामिल है।

First Published - October 24, 2025 | 3:27 PM IST

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