facebookmetapixel
Dr Reddy’s Q2 Results: मुनाफा 14% बढ़कर ₹1,437.2 करोड़ पर पहुंचा, रेवेन्यू भी 10% उछलाकहीं आप फर्जी दवा तो नहीं ले रहे? CDSCO की जांच में मिला नकली कफ सिरप और 112 कम क्वालिटी वाली दवाएंभारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेलऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियतPiyush Pandey Demise: ‘दो बूंद जिंदकी की…’ से लेकर ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ तक, पीयूष पांडे के 7 यादगार ऐड कैम्पेनदिवाली के बाद किस ऑटो शेयर में आएगी रफ्तार – Maruti, Tata या Hyundai?Gold Outlook: जनवरी से फिर बढ़ेगा सोना! एक्सपर्ट बोले- दिवाली की गिरावट को बना लें मुनाफे का सौदा

ऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?

IIM बेंगलुरु और CRE मैट्रिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के टॉप शहरों में ऑफिस किराए लगातार बढ़ रहे हैं

Last Updated- October 24, 2025 | 3:37 PM IST
Office Space

त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद भी भारत का ऑफिस बाजार लगातार मजबूत बना हुआ है। IIM बेंगलुरु और CRE मैट्रिक्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 बड़े शहरों में ऑफिस किराए में पिछले एक साल में करीब चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह आईटी और फाइनेंशियल सर्विस की बढ़ती मांग, वर्क फ्रॉम होम का खत्म होना और नए प्रोजेक्ट की संख्या कम होना रही है। रिपोर्ट बताती है कि मुंबई, गुरुग्राम और दिल्ली जैसे शहर इस तेजी में सबसे आगे रहे, जबकि चेन्नई और नोएडा जैसे शहर पीछे रह गए।

मुंबई सबसे आगे क्यों रहा

मुंबई ने इस बार 3.6 प्रतिशत की तिमाही बढ़त के साथ देशभर में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। शहर के नरीमन पॉइंट, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, अंधेरी और ठाणे जैसे इलाकों में लगातार मांग बनी रही। नए ऑफिस प्रोजेक्ट कम बनने और निवेश फंड यानी आरईआईटी के बढ़ते इस्तेमाल से किराए में तेजी आई है। मुंबई में अच्छे और बड़े दफ्तरों की संख्या कम है। बड़ी कंपनियां यहां लंबे समय के लिए दफ्तर किराए पर लेना चाहती हैं। इसी वजह से मुंबई का ऑफिस बाजार और मजबूत हो गया है।

दिल्ली में इतनी तेजी क्यों आई

दिल्ली ने सालभर में किराए में 16 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की, जो पिछले पांच साल में सबसे ऊंची है। कनॉट प्लेस और बाराखंबा रोड जैसे मुख्य कारोबारी इलाकों में ऑफिस की मांग फिर बढ़ी है। अच्छे और बड़े दफ्तरों की कमी ने यहां किराए को और ऊपर पहुंचा दिया है। कंपनियां अब फिर से दिल्ली के केंद्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही हैं, जिससे यह शहर निवेशकों के लिए आकर्षक बन गया है।

गुरुग्राम का NH 48 इलाका क्यों चमका

दिल्ली के पास स्थित गुरुग्राम में भी ऑफिस किराए तेजी से बढ़े हैं। NH 48 के पास के इलाकों जैसे उद्योग विहार, साइबर सिटी और सेक्टर 32 में सालभर में करीब 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। फाइनेंशियल सर्विसेज और सलाहकार कंपनियों की ओर से लगातार मांग बनी हुई है। बेहतर सड़कें, मेट्रो कनेक्शन और नए बिजनेस हब के कारण गुरुग्राम अब दिल्ली एनसीआर का सबसे बिजी ऑफिस हब बन गया है।

बेंगलुरु का वाइटफील्ड क्यों आगे निकला

देश की तकनीकी राजधानी बेंगलुरु का कुल प्रदर्शन इस बार थोड़ा धीमा रहा, लेकिन वाइटफील्ड और दक्षिण बेंगलुरु ने बाकी सभी को पीछे छोड़ दिया। वाइटफील्ड में सालभर में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है। आईटी कंपनियां अब आउटर रिंग रोड और नए कॉरिडोर वाले इलाकों में दफ्तर खोल रही हैं। काम करने के हाइब्रिड तरीके ने भी इन जगहों की मांग बढ़ाई है।

नवी मुंबई और पुणे में तेजी क्यों बनी रही

नवी मुंबई ने पिछले तीन सालों में नौ प्रतिशत की औसत सालाना बढ़ोतरी दर्ज की है। एयरोली, घनसोली और राबले जैसे इलाकों में डेटा सेंटर और औद्योगिक ऑफिस की मांग लगातार बढ़ रही है। पुणे के हिंजवाड़ी इलाके में भी आईटी कंपनियों के विस्तार से सालभर में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इन दोनों शहरों में तकनीकी कंपनियों की मौजूदगी ने ऑफिस बाजार को नई ताकत दी है।

चेन्नई और नोएडा पीछे क्यों रह गए

हर शहर में तेजी नहीं दिखी। चेन्नई में किराए में गिरावट दर्ज की गई, जबकि नोएडा में भी कमी आई। इन दोनों शहरों में नए प्रोजेक्ट बहुत ज्यादा हैं लेकिन दफ्तरों की मांग उतनी नहीं बढ़ी। इससे किराए पर दबाव बना हुआ है।

निवेशकों के लिए क्या मतलब है

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले सालों में भारत का ऑफिस बाजार स्थिर और मजबूत रहेगा। मुंबई, गुरुग्राम और नवी मुंबई जैसे शहरों में अगले साल किराए में छह से आठ प्रतिशत तक की और बढ़ोतरी हो सकती है। इन इलाकों में खाली जगह बहुत कम है, जिससे अच्छे दफ्तरों की मांग बनी रहेगी। निवेशकों के लिए मुंबई का सीबीडी इलाका, बेंगलुरु का वाइटफील्ड, गुरुग्राम का एनएच 48 कॉरिडोर और नवी मुंबई उत्तर सबसे भरोसेमंद स्थान माने जा रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में मंदी के बावजूद भारत का ऑफिस बाजार अब भी मजबूत है और आगे चलकर यह निवेश के लिए एक भरोसेमंद जगह बन सकता है।

First Published - October 24, 2025 | 3:37 PM IST

संबंधित पोस्ट