अमेरिका द्वारा रूस की 2 प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकऑयल पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत के रिफाइनर इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित पश्चिम एशिया से अतिरिक्त कच्चा तेल खरीद सकते हैं।
2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस के खिलाफ अमेरिकी सरकार द्वारा उठाए गए सबसे सख्त उपायों के रूप में देखे जा रहे इन प्रतिबंधों से भारतीय रिफाइनरों की रूस से तेल खरीद घटने की उम्मीद है। भारत में आने वाले कुल रूसी तेल में से लगभग 60 से 70 प्रतिशत आपूर्ति ये दो कंपनियां करती हैं।
रिस्टैड एनर्जी में कमोडिटीज मार्केट्स के वाइस प्रेसीडेंट जैनिव शाह ने कहा, ‘भारत और तुर्की द्वारा रूसी तेल के आयात में कटौती की जा सकती है, जो इस समय करीब 20 लाख बैरल रोजाना है। वहीं चीन की सरकारी कंपनियों द्वारा रूस से खरीद रद्द किए जाने से पश्चिम एशिया के मीडियम सोर ग्रेड के तेल की खरीद को और समर्थन मिलेगा।’
रूस से तेल आयात में कमी की भरपाई भारत के रिफाइनर इराकी बसरा मीडियम कच्चे तेल से कर सकते हैं। भारत पहले से पश्चिम एशिया से तेल मंगाता रहा है। भारत के कुल तेल आयात में से 20 प्रतिशत इराक और 12 प्रतिशत सऊदी अरब और 10 प्रतिशत यूएई से आता है।
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तेल आपूर्ति करने वाले देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) भारत की अतिरिक्त मांग पूरी करने में पूरी तरह सक्षम हैं, क्योंकि यह समूह 2025 में उत्पादन बढ़ा रहा है। ओपेक और उसके सहयोगी देश बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए सितंबर में उत्पादन में की गई 22 लाख बैरल रोजाना की कटौती को वापस ले रहे हैं।
इराक, सऊदी अरब, यूएई, कुवैत आदि सहित 12 देशों का संगठन ओपेक कुल वैश्विक तेल उत्पादन का 40 प्रतिशत उत्पादन करता है, जबकि ओपेक प्लस में रूस भी शामिल है।
मैरीटाइम इंटेलिजेंस फर्म केप्लर में रिफाइनिंग और मॉडलिंग के प्रमुख अनुसंधान विश्लेषक सुमित रिटोलिया ने कहा, ‘भारत के साथ पहले से ही अधिकांश (पश्चिम एशिया, पश्चिम अफ्रीका और अमेरिका) क्षेत्रों के साथ सावधि अनुबंध या हाजिर खरीद व्यवस्था और लॉजिस्टिक्स मौजूद हैं।’
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने अमेरिका द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद सऊदी अरब, इराक और कतर सहित पश्चिम एशिया और अमेरिका से लाखों बैरल कच्चा तेल खरीदा है।
इस बीच व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने आज कहा कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा अनुरोध किए जाने पर रूस से तेल की खरीद को कम करना शुरू कर दिया है।