वित्त मंत्रालय ने गिफ्ट सिटी के इंडिया इंटरनैशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीएक्स) के माध्यम से सोने और चांदी में कारोबारी मात्रा बढ़ाने के उपायों पर विचार के लिए 4 नवंबर को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा, यह विचार-विमर्श आईआईबीएक्स पर बुलियन ट्रेडिंग की स्थिति पर केंद्रित होगा। इसमें आईआईबीएक्स एक प्रेजेंटेशन देगा जो बैंक को जोड़ने की नवीनतम स्थिति और अब तक के ट्रेडिंग वॉल्यूम पर केंद्रित होगा। साथ ही बोर्ड और आरबीआई की मंजूरी के बारे में बैंकों की प्रगति के बारे में बताया जाएगा। नामित बैंकों और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग यूनिट्स (आईबीयू) के माध्यम से ट्रेडिंग के वास्तविक परिचालन पर भी अद्यतन जानकारी दी जाएगी।
यह बैठक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हो गई है क्योंकि इससे पहले बीती 26 जून को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई थी। उस बैठक में उन्होंने प्रमुख हितधारकों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में बुलियन इकोसिस्टम के विकास में तेजी लाने का निर्देश दिया था।
बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए), राजस्व विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए), आईआईबीएक्स और प्रमुख सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है। बैठक में आईआईबीएक्स में बुलियन ट्रेडिंग में बैंकों की मौजूदा भागीदारी की समीक्षा की जाएगी और ट्रेडिंग वॉल्यूम और हितधारकों का जुड़ाव बढ़ाने के संभावित उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
सूत्र ने बताया कि आईआईबीएक्स बैंकों (नामित बैंकों और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग यूनिट्स दोनों) के शामिल होने पर एक विस्तृत अपडेट पेश कर सकता है। वह ट्रेडिंग वॉल्यूम के आंकड़े भी साझा कर सकता है। अधिकारी ने कहा, बैंक डीएफएस को बोर्ड और आरबीआई की मंजूरी लेने में हुई प्रगति और ट्रेडिंग के वास्तविक परिचालन के बारे में भी जानकारी देंगे।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस बैठक में बीती 6 अगस्त को हुई पिछली समीक्षा के बाद की प्रगति का जायजा लिया जाएगा। सूत्र ने बताया, इस बार बैंकों द्वारा वास्तविक ट्रेडिंग, विदेशी बैंकों की भागीदारी बढ़ाने और आईआईबीएक्स के ढांचे को अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम परिपाटियों के मुताबिक बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। बैठक में गोल्ड मेटल लोन जैसे नए व्यापार मॉडल और घरेलू बाजार में प्रचलित कंसाइनमेंट-आधारित मॉडल जैसी अन्य व्यवस्थाओं को शुरू करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
सूत्र ने बताया कि वित्त मंत्रालय ज्वैलरों के लिए प्रवेश मानदंडों को आसान बनाकर भागीदारी का विस्तार करने के प्रयासों की भी समीक्षा करेगा। आईएफएससीए बैठक में पात्र ज्वैलरों के लिए न्यूनतम नेटवर्थ की अनिवार्यता 25 करोड़ रुपये से घटाकर 15 करोड़ रुपये करने के अपने प्रस्ताव की जानकारी दे सकता है।