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यूपीआई से लेनदेन 4 लाख करोड़ रुपये के पार

Last Updated- December 12, 2022 | 10:06 AM IST

यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने एक बार फिर से दिसंबर 2020 में मात्रा के संदर्भ में 2 अरब लेनदेन को पार किया। यह जानकारी नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की ओर से जारी आंकड़ों से सामने आई है। यह लगातार तीसरा महीना है जब मात्रा के लिहाज से यूपीआई लेनदेन 2 अरब लेनदेन के पार चला गया।
दिसंबर 2020 में यूपीआई से 2.23 अरब लेनदेन हुआ जिसका कुल मूल्य 4.16 लाख करोड़ रुपये था। नवंबर में यूपीआई से 2.21 अरब लेनदेन हुआ था जिसका मूल्य 3.90 लाख करोड़ रुपये रहा था। यूपीआई सेवा शुरू होने के बाद से अक्टूबर 2020 में पहली बार इसने 2 अरब लेनदेन का आंकड़ा छुआ था जिसका मूल्य 3.86 लाख करोड़ रुपये था।
अक्टूबर 2016 में आरंभ होने के बाद से यूपीआई ने अक्टूबर 2019 में पहली बार एक अरब लेनदेन का आंकड़ा छूआ था। एक अरब लेनदेन की ऊंचाई पर पहुंचने में यूपीआई को जहां तीन वर्ष लगे वहीं यह संख्या दो अरब होने में महज एक वर्ष का समय लगा।
देश में डिजिटल भुगतान को अपनाने के लिहाज से साल 2020 एक महत्त्वपूर्ण वर्ष रहा है। कोविड-19 महामारी के शुरुआती महीनों लेनदेन की संख्या और मूल्य में मामूली कमी आई लेकिन उसके बाद इसमें बहुत तेज सुधार हुआ और यूपीआई, तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) और अन्य जैसे एनपीसीआई के अग्रणी भुगतान प्लेटफॉर्म ने आगामी महीनों में नई ऊंचाइयों को छुआ। इससे संकेत मिला कि आम लोगों ने डिजिटल भुगतान को बढ़ चढ़ कर अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है।
द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक- 2020-2025 के नाम से आई पीडब्यूसी की रिपोर्ट कहती है, ‘हमने महामारी के आने के बाद डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाने में वी आकार का सुधार देखा है। महामारी के प्रसार में तेजी आने के साथ ही लोगों ने डिजिटल प्लेटफार्म को अपनाना शुरू कर दिया। कारोबारी अपने ग्राहकों को भुगतान के लिए हर प्रकार की सुविधा देने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों को अपना रहे हैं। यूपीआई के माध्यम से सबसे अधिक लेनदेन सितंबर में दर्ज किया गया था और इसकी मात्रा पहले ही लॉकडाउन के पूर्व के स्तर पर पहुंच चुकी थी।’
रिपोर्ट आगे कहती है कि यूपीआई लेनदेन में तेजी बिल भुगतानों और मोबाइल फोनों का रिचार्ज ऑनलाइन करने और गैर जरूरी सामानों की खरीदारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर करने की उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई रुचि के कारण से है। कोविड-19 संकट के दौरान उपभोक्ताओं की धारणा में परिवर्तन आया है और लॉकडाउन हटने के बाद उन्होंने शिक्षा जैसे क्षेत्र में भी भुगतान का ऑनलाइन माध्यम अपनाना शुरू कर दिया है।
भारतपे के सह संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी अशनीर ग्रोवर ने कहा, ‘2021 में भारत में डिजिटल भुगतान को अपनाने में और अधिक तेजी नजर आने वाली है। इसमें यूपीआई और व्हाट्सऐप पे अग्रणी बने रहेंगे। साथ ही मेरा मानना है कि अगले वर्ष नगरों, छोटे शहरों और कस्बों में यूपीआई और डिजिटल भुगतानों में जबरदस्त तेजी आएगी।’ एनपीसीआई ने फेसबुक समर्थित व्हाट्सऐप को चरणबद्घ तरीके से यूपीआई प्लेटफॉर्म पर आने की अनुमति दे दी है।
तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) से दिसंबर में 35.569 करोड़ लेनदेन हुआ जिसका मूल्य 2.92 लाख करोड़ रुपये था। यह इस प्लेटफॉर्म का सर्वकालिक उच्च स्तर है। इसमें सालाना आधार पर मात्रा के लिहाज से 38.68 फीसदी और मूल्य के लिहाज से 38.58 फीसदी की वृद्घि हुई है। नवंबर में आईएमपीएस से 33.911 करोड़ लेनदेन हुआ जिसका मूल्य 2.76 लाख करोड़ रुपये रहा और अक्टूबर में इसके जरिये 31.9 करोड़ लेनदेन हुआ जिसका मूल्य 2.74 लाख करोड़ रुपये रहा।

First Published - January 1, 2021 | 9:06 PM IST

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