नैशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (NGHM) के अधिकार प्राप्त समूह की पहली बैठक 5 मई को होने जा रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) ने भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) द्वारा अगली पीढ़ी की तकनीक को लेकर किए जा रहे शोध के लिए धन की मांग करने की योजना बनाई है।
मंत्रालय अधिकार प्राप्त समूह के सामने प्रायोगिक परियोजना और शोध एवं विकास (आरऐंडडी) के लिए चालू वित्त वर्ष 2024 में 1,866 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव रखेगा।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘इलेक्ट्रोलाइजर और फ्यूल स्टाक जैसी अगली पीढ़ी की तकनीक को लेकर अपनी जरूरत के लिए हम एनजीएचएम से फंड मिलने का लक्ष्य रख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इस कोष से भेल को वैश्विक स्तर की हरित हाइड्रोजन तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी। हाइड्रोजन उत्पादन के लिए इलेक्ट्रोलाइजर सिस्टम विकसित करने के क्रम में भेल ने साझेदारी के लिए पहले ही रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किया है।
ग्रीन हाइड्रोजन बाजार अभी शुरुआती दौर में है और उल्लेखनीय मात्रा में निवेश के हिसाब से अभी ग्रीन हाइड्रोजन की पर्याप्त मांग नहीं है। इस कोष से भेल को वित्तीय बोझ घटाने में मदद मिलेगी। अधिकार प्राप्त समूह की बैठक की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव राजीव गाबा करेंगे।