एसऐंडपी ग्लोबल ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बजट (2023-24) में राजस्व वृद्धि का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है, लेकिन राजकोषीय घाटे को कम रखने की रफ्तार सुस्त और सतत रखी गई है।
एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग के डायरेक्टर, सॉवरिन ऐंड इंटरनैशनल पब्लिक फाइनैंस रेटिंग, एंड्रयू वुड ने कहा कि संभावित आर्थिक मंदी और महंगाई कम होने की स्थिति को देखते हुए वित्त वर्ष 24 के लिए सरकार की राजस्व प्राप्तियों का लक्ष्य थोड़ा महत्त्वाकांक्षी है, क्योंकि वित्त वर्ष 23 में हुई वृद्धि दर की तुलना में यह अधिक है।
वुड ने कहा कि भारत का राजकोषीय गणित (ब्याज भुगतान, डेट-टु-जीडीपी रेशियो) पिछले 15 साल से ज्यादा समय से बहुत स्थिर है और अगले कुछ साल तक यह स्थिर बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘राजकोषीय प्रदर्शन के हिसाब से स्थिति अभी तुलनात्मक रूप से कमजोर है, लेकिन आगे चलकर स्थिति खराब नहीं रहेगी।’