Stock Market Closing Bell, Tuesday, December 16, 2025: एशियाई बाजारों में कमजोर रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार (16 दिसंबर) को गिरावट में बंद हुए। वैश्विक बाजारों में गिरावट का असर घरेलू बाजारों पर भी पड़ा और प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स लाल निशान में रहे। विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बीच डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार जारी गिरावट ने बाजार के सेंटीमेंट्स पर नेगेटिव असर डाला। इसके अलावा फाइनेंशियल और मेटल शेयरों में बिकवाली ने बाजार को नीचे खींचा।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) गिरावट के साथ 85,025 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 84,620 अंक तक गिरा। अंत में यह 533.50 अंक या 0.63 फीसदी की गिरावट लेकर 84,679 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) बड़ी गिरावट लेकर 25,951 पर खुला और कारोबार के दौरान 25,834 अंक के नीचले स्तर तक गया। अंत में 167.20 अंक या 0.64 फीसदी गिरकर 25,860 पर बंद हुआ।
जियोजित इंवेस्टमेंट्स में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ”लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी और कमजोर वैश्विक माहौल के चलते रुपया नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर फिसल गया। इससे घरेलू शेयर बाजार गिरावट में आ गए। स्मॉल और मिडकैप शेयरों का प्रदर्शन लार्जकैप के मुकाबले कमजोर रहा। आईटी, मेटल, बैंकिंग और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली दिखी, जबकि कंजम्प्शन शेयरों से सीमित सहारा मिला।
उन्होंने कहा, ”मुद्रा में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेश को लेकर अनिश्चितता के कारण बाजार में अस्थिरता बनी रहने की उम्मीद है। अमेरिका-भारत व्यापार समझौते में प्रगति और रुपये की स्थिरता अहम रहेगी। वहीं, कमोडिटी कीमतों में नरमी और कंपनियों की कमाई को लेकर बेहतर आउटलुक मध्यम अवधि के लिए बाजार को सहारा देती दिख रही है।”
सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक और इटरनल सबसे ज्यादा नुकसान में रहे और इनमें 5 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। इनके अलावा एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, अल्ट्राटेक सीमेंट्स, बजाज फाइनेंस और एनटीपीसी में भी 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली।
वहीं दूसरी ओर, टाइटन और भारती एयरटेल के शेयरों में 1 प्रतिशत से अधिक की तेजी रही। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), एशियन पेंट्स और ट्रेंट भी बढ़त के साथ बंद हुए।
ब्रॉडर मार्केट में भी दबाव देखने को मिला। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.83 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 0.92 प्रतिशत टूट गया।
सेक्टर के लिहाज से देखें तो निफ्टी रियल्टी और निफ्टी प्राइवेट बैंक में 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट रही। इसके बाद पीएसयू बैंक इंडेक्स 0.89 प्रतिशत और निफ्टी आईटी 0.84 प्रतिशत फिसल गया। सकारात्मक पक्ष में निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और निफ्टी मीडिया ही ऐसे सेक्टर रहे जो हरे निशान में बंद हुए।
व्यापार घाटा में कमी आने का भी रुपये को कोई सहारा नहीं मिला। मंगलवार को इंट्रा-डे कारोबार में रुपया 36 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पहली बार 91 के स्तर को पार कर गया। सुबह 11.45 बजे, रुपया डॉलर के मुकाबले 91.14 पर ट्रेड कर रहा था, जो इसके पिछले बंद स्तर से 36 पैसे नीचे था। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली और भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर स्पष्टता की कमी के चलते रुपये पर दबाव बना रहा।
पिछले 10 कारोबारी सत्रों में रुपया 90 से गिरकर 91 प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। केवल पिछले पांच सत्रों में ही रुपये में 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, डॉलर में कमजोरी और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते रुपये में और ज्यादा गिरावट पर कुछ हद तक रोक लगी।
एशिया के शेयर बाजार मंगलवार को गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। इसकी वजह वॉल स्ट्रीट में आई गिरावट रही। निवेशक अमेरिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से जुड़े शेयरों से लगातार पैसा निकाल रहे थे। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 1.27 प्रतिशत गिरा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी लगातार दूसरे सेशन में नुकसान में रहा और 0.75 प्रतिशत टूट गया। वहीं, ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 लगभग सपाट रहा।
अमेरिका में वॉल स्ट्रीट के प्रमुख इंडेक्स सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए। निवेशक आर्थिक आंकड़ों से भरे व्यस्त सप्ताह की तैयारी कर रहे थे और फेडरल रिजर्व के संभावित उम्मीदवारों से जुड़ी खबरों के साथ-साथ नीतिनिर्माताओं के बयानों से ब्याज दरों के रुख के संकेत तलाश रहे थे। एसएंडपी 500 शुरुआती बढ़त गंवाकर 0.16 प्रतिशत फिसल गया। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में 0.09 प्रतिशत की हल्की गिरावट आई, जबकि टेक शेयरों वाला नैस्डैक कंपोजिट 0.59 प्रतिशत नीचे बंद हुआ।