Stock Market Closing Bell, Thursday, December 18, 2025: एशियाई बाजारों से कमजोर रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार भी गुरुवार (18 दिसंबर) को उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में सपाट बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी देखने को मिला। ऑटो और तेल कंपनियों के शेयरों में गिरावट ने आईटी शेयरों में तेजी के असर को सीमित कर दिया। इसी के साथ बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) मामूली गिरावट के साथ 84,518 अंक पर खुला। खुलते ही इसमें गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान यह 84,238 अंक तक फिसल गया था। अंत में 77.84 अंक या 0.09 फीसदी गिरकर 84,481 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) गिरावट लेकर 25,764 पर खुला। कारोबार के दौरान इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अंत में 3 अंक या 0.01 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 25,815 पर बंद हुआ।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”घरेलू शेयर बाजारों में वैश्विक संकेतों की कमजोरी के बीच उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिला। इस दौरान लार्जकैप शेयरों का प्रदर्शन मिडकैप और स्मॉलकैप के मुकाबले कमजोर रहा। लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद शुरुआती बढ़त को वैल्यू बाइंग और केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप से रुपये में आई मजबूती का सहारा मिला। हालांकि, अमेरिका-भारत ट्रेड डील को लेकर बनी अनिश्चितता के चलते बाजार की धारणा पर दबाव रहा और दिन के दूसरे हिस्से में मुनाफावसूली देखने को मिली। सेक्टर के लिहाज से आईटी और फाइनेंशियल सर्विसेज में निवेशकों की दिलचस्पी रही, जबकि ऑटो, ऑयल एंड गैस, केमिकल्स और फार्मा शेयरों में खासा दबाव देखने को मिला।”
उन्होंने कहा, ”आगे की बात करें तो बाजार की नजरें अमेरिका के कोर महंगाई (कोर इंफ्लेशन) और जॉबलेस क्लेम्स के आंकड़ों के साथ-साथ बैंक ऑफ इंग्लैंड (BoE), यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) और बैंक ऑफ जापान के ब्याज दर फैसलों पर रहेंगी, जो बाजार को आगे की दिशा के संकेत दे सकते हैं।”
सेंसेक्स की कंपनियों में टीसीएस सबसे ज्यादा बढ़त में रहा और इसमें 2 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। टेक महिंद्रा और इन्फोसिस में भी करीब 1.7 फीसदी की बढ़त रही। अदाणी पोर्ट्स, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एक्सिस बैंक अन्य प्रमुख बढ़त वाले शेयरों में शामिल रहे।
दूसरी ओर, सन फार्मा के शेयरों में 2.7% की गिरावट आई। इसकी वजह यह रही कि यूएसएफडीए ने कंपनी के बास्का प्लांट के निरीक्षण नतीजों को ऑफिशियल एक्शन इंडिकेटेड (OAI) के रूप में वर्गीकृत किया। टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और एनटीपीसी भी प्रमुख नुकसान उठाने वाले शेयरों में रहे।
ब्रॉडर मार्केट की बात करें तो बीएसई मिडकैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.3% की गिरावट दर्ज की गई। कुल मिलाकर बाजार का रुझान नकारात्मक रहा। बीएसई पर करीब 2,500 शेयरों में गिरावट आई, जबकि 1,644 शेयरों में तेजी देखने को मिली। सेक्टर के हिसाब से देखें तो बीएसई आईटी इंडेक्स में 1% से ज्यादा की तेजी रही। वहीं, पावर इंडेक्स में 1% की गिरावट आई और ऑटो सेक्टर 0.5% फिसल गया।
वैश्विक बाजारों में एशियाई शेयर बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे। इसकी वजह यह रही कि वॉल स्ट्रीट के निवेशक लगातार टेक्नोलॉजी शेयरों से दूरी बना रहे हैं और उनका ध्यान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगामी संबोधन पर टिका हुआ है। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 1.53% गिरा, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.36% नीचे आया, जबकि ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 0.3% की हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ।
अमेरिका में भी वॉल स्ट्रीट के प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। S&P 500 में 1.16% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि नैस्डैक कंपोज़िट सबसे ज्यादा टूटा और इसमें 1.81% की गिरावट आई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े कारोबार को लेकर बनी चिंताओं के चलते टेक्नोलॉजी शेयरों पर दबाव बना रहा। वहीं, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी 0.47% फिसल गया।