Top Flop IPOs in 2025: साल 2025 प्राइमेरी मार्केट के लिए बॉलीवुड इंडस्ट्री की तरह रहा, जहां हर शुक्रवार को एक पिक्चर बड़े पर्दे पर आती है। इस साल करीब 100 से ज्यादा मैनबोर्ड आईपीओ शेयर बाजारों में लॉन्च हुए। एक के बाद एक कंपनियां बाजार में उतरती रहीं और निवेशकों ने भी बढ़-चढ़कर उनमें पैसा लगाया। कई आईपीओ ने लिस्टिंग के दिन ही जबरदस्त मुनाफा देकर निवेशकों को खुश कर दिया। लेकिन कई इश्यू ऐसे भी रहे जिन्होंने निवेशकों को मायूस कर दिया।
फिल्मों में जैसे हर कहानी हिट नहीं होती, वैसे ही आईपीओ बाजार में भी हर निवेश सफल नहीं होता। कुछ इश्यू ऐसे भी रहे, जिन्होंने उम्मीदों पर पानी फेर दिया और निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ा। 2025 में कई आईपीओ ब्लॉकब्लास्ट साबित हुए तो कुछ बुरी तरह फ्लॉप हो गए। हम उन फिल्मों यानी आईपीओ की बात करेंगे बाजार के बड़े पर्दे पर अपना जलवा नहीं बिखेर सकें।
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम ग्लोटिस आईपीओ का है। सात अक्टूबर 2025 को लिस्ट हुआ यह इश्यू निवेशकों के लिए साल का सबसे बड़ा घाटे का सौदा रहा। 129 रुपये के भाव पर पेश किए गए आईपीओ के शेयर सिर्फ 83.70 रुपये पर लिस्ट हुए। निवेशकों को लिस्टिंग पर 35 प्रतिशत से ज्यादा का घाटा उठाना पड़ा। इतना ही नहीं शेयर वर्तमान में 58.35 रुपये पर चल रहा है, जो इश्यू प्राइस से 55 प्रतिशत कम है।
मुंबई स्थित तीसरी पीढ़ी की लॉजिस्टिक्स कंपनी ओम फ्रेट फॉरवर्डर्स आईपीओ के शेयर 8 अक्टूबर को शेयर बाजार में लिस्ट हुए। हालांकि, कंपनी की लिस्टिंग एक दम फिकी रही। कंपनी के शेयर एनएसई पर 81.5 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए। यानी निवेशकों को इश्यू प्राइस 135 रुपये के मुकाबले हर शेयर पर 40 प्रतिशत यानी 53.5 रुपये का भारी घाटा झेलना पड़ा। वर्तमान में शेयर का भाव 90 रुपये के करीब है, जो इश्यू प्राइस से 33 प्रतिशत कम है।
बीएमडब्ल्यू वेंचर्स आईपीओ ने भी निवेशकों को काफी मायूस किया। बीएमडब्ल्यू वेंचर्स के शेयर 1 अक्टूबर को शेयर बाजार में लिस्ट हुए। लेकिन ये बहुत ज्यादा डिस्काउंट पर लिस्ट हुए। कंपनी के शेयर एनएसई पर 78 रुपये पर लिस्ट हुए। यह इसके इश्यू प्राइस 99 रुपये के मुकाबले 21.21 फीसदी या 21 रुपये कम है। बीएमडब्ल्यू वेंचर्स कंपनी स्टील प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ा कारोबार करती है। इस इश्यू को 2.34 करोड़ शेयरों के मुकाबले 3.51 करोड़ शेयरों की बोलियां मिली थी।
टेक्नोलॉजी बेस्ड कंस्ट्रक्शन मटेरियल और सर्विसेज मुहैया कराने वाली कंपनी ऐरिसइन्फ्रा सॉल्यूशंस के आईपीओ ने भी निवेशकों को निराश किया। इश्यू 25 जून 2025 को बाजार में कमजोर शुरुआत के साथ लिस्ट हुए। बीएसई पर कंपनी का शेयर 209 रुपये पर लिस्ट हुए। जबकि इसका इश्यू प्राइस 222 रुपये था। इस तरह, निवेशकों को लिस्टिंग पर ही करीब 13 रुपये या 6 प्रतिशत का घाटा उठाना पड़ा। इतना ही नहीं, लिस्टिंग वाले दिन शेयर 174 रुपये पर बंद हुए, जो इश्यू प्राइस से करीब 22 कम है। वर्तमान में शेयर 123.75 रुपये पर ट्रेड कर रहे है। यह इश्यू प्राइस की तुलना में 44 प्रतिशत कम है।
जारो इंस्टीट्यूट आईपीओ का हाल भी कुछ खास नहीं रहा। इश्यू 30 सितंबर को अपने अपर प्राइस बैंड 890 रुपये पर सपाट लिस्ट हुए। हालांकि, लिस्ट होते ही शेयर में भारी गिरावट आई और शेयर दिन के अंत में 744.25 रुपये पर बंद हुआ, जो इश्यू प्राइस से 16 प्रतिशत कम है। शेयर का लिस्ट होने के बाद से प्रदर्शन खास नहीं रहा और वर्तमान में यह 551 रुपये पर चल रहा है, जो अपर प्राइस बैंड से 38 फीसदी कम है।
ये आंकड़े साफ बताते हैं कि हर आईपीओ मुनाफे की गारंटी नहीं होता। निवेश से पहले कंपनी की बुनियादी ताकत, बिजनेस मॉडल और उस समय के बाजार हालात को समझना बेहद जरुरी है। शरीफ आईपीओ के ट्रेंड में आकर निवेश करने से फायदा कम और नुकसान ज्यादा होने का जोखिम रहता है।