सितंबर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती लागू किए जाने के बाद खपत में और बढ़ोतरी देखी गई है तथा यह असर कुछ तिमाहियों तक जारी रहने की संभावना है। उपभोक्ता क्षेत्र की कंपनियों ने यह अनुमान जताया है। इन कंपनियों का कहना है कि मांग पर पहले से ही कुछ सकारात्मक असर दिखना शुरू हो गया है।
सीआईआई के एफएमसीजी समिट से इतर बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी सुधीर सीतापति ने कहा, ‘अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन मुझे लगता है कि यह काफी सकारात्मक होगा। यहां मौजूद सभी को यही लग रहा है। जीएसटी 2.0 की वजह से हमारे लिए अगली कुछ तिमाहियां अच्छी रह सकती हैं और उम्मीद है कि आने वाले साल भी अच्छे रहेंगे।’
सीतापति ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र कुछ तिमाहियों से शहरी क्षेत्र से आगे रहा है और लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘शहरी क्षेत्र थोड़ा सा धीमा रहा है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि अब जीएसटी 2.0 की वजह से इसके कई फायदे ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में ज्यादा मिलेंगे, क्योंकि खान-पान जैसी सभी श्रेणियां शहरी उपभोक्ता श्रेणियां हैं। मुझे उम्मीद है कि उद्योग के लिए शहरी मांग बहुत जल्द बढ़ेगी।’
पिडिलाइट इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक सुधांशु वत्स ने भी सीतापति जैसी ही बात कही। उन्होंने कहा, ‘5 प्रतिशत जीएसटी दर, जिसे हमने अपने ज्यादातर प्रमुख सामान या दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) पर लगाया है, वह बिल्कुल सही कदम है। इसका पहले से ही कुछ सकारात्मक असर हो रहा है और इसका लंबे समय तक लगातार सकारात्मक असर पड़ता रहेगा।’ वत्स ने बताया कि इससे देश में काम करने का और ज्यादा समान अवसर बनते है। उन्होंने कहा, ‘सभी अच्छी कंपनियां – देसी हो क्षेत्रीय या राष्ट्रीय या बहुराष्ट्रीय, अगर वे बेहतर ढंग से काम करती हैं, तो वे बाजी मारेंगी।’
बिस्किट बनाने वाली दिग्गज कंपनी पारले प्रोडक्ट्स को भी जीएसटी का असर पहले से ही नजर आने लगा है, खास तौर पर ग्रामीण खपत के मामले में। कंपनी को ग्रामीण क्षेत्रों में 9 से 10 प्रतिशत की मांग दिख रही है, जबकि शहरी क्षेत्र लगातार पीछे है, लेकिन फिर भी 5 से 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। पारले प्रोडक्ट्स में उपाध्यक्ष मयंक शाह ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि जीएसटी दर में कटौती का असर अगले 18 से 24 महीने तक और रहेगा तथा दर में कटौती की वजह से हम अच्छी वृद्धि देखेंगे और अगले कुछ महीनों में इसमें और तेजी ही आएगी।’
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आपूर्ति श्रृंखला अभी जीएसटी की नई दरों के हिसाब से ढल रही है और पुराना स्टॉक अगले 2 से 3 महीने में खत्म हो जाना चाहिए तथा दर में कटौती की वजह से असली वृद्धि तभी दिखनी शुरू होगी।