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सोना-चांदी का 70:30 फॉर्मूला क्या सच में काम करता है? जानें क्या बताया मोतीलाल ओसवाल के प्रतीक ओसवाल ने

मोतीलाल ओसवाल AMC के पैसिव कारोबार प्रमुख का कहना- कम लागत, पारदर्शिता और दीर्घकालिक रणनीति से बढ़ेगा निवेशकों का भरोसा

Last Updated- December 16, 2025 | 8:29 AM IST
Gold and Silver ETF

मोतीलाल ओसवाल ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के पैसिव कारोबार प्रमुख प्रतीक ओसवाल ने बताया कि भारत में पैसिव निवेश मुख्यधारा में आ रहा है और रणनीतिक रूप से सोने-चांदी में निवेश करने से पोर्टफोलियो पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है। देवांशु सिंगला को दिए ईमेल इंटरव्यू में उन्होंने रिटायरमेंट प्लानिंग में पैसिव फंड्स की भूमिका कैसे बढ़ेगी, दीर्घावधि में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर आकर्षक क्यों लगते हैं और सोने-चांदी में निवेश करने से जोखिम-समायोजित रिटर्न में कैसे सुधार हो सकता है, आदि के बारे में बातचीत की। मुख्य अंशः

भारत में आने वाले कुछ वर्षों में पैसिव निवेश पर आपका नजरिया क्या है?

भारत में पैसिव निवेश अब शुरुआती दौर से आगे बढ़कर मुख्यधारा की ओर पहुंच रहा है। निवेशक पारदर्शिता, कम लागत और सूचकांक-आधारित परिणामों की पूर्वानुमान क्षमता को अधिक तवज्जो दे रहे हैं। इक्विटी, फैक्टर इन्वेस्टमेंट और जिंस में व्यापक योजनाओं के विकल्पों के साथ पैसिव निवेश पोर्टफोलियो का महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं। अगले एक से दो वर्षों में हम खुदरा एसआईपी और संस्थागत भागीदारी दोनों के कारण स्थिर और संरचनात्मक वृद्धि की उम्मीद करते हैं।

क्या आने वाला साल 2026 पैसिव निवेश का रहेगा या ऐक्टिव फंड प्रबंधन का प्रदर्शन बेहतर होगा?

दोनों ही श्रेणियां महत्त्वपूर्ण हैं मगर पैसिव रणनीतियां बाजार में लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रही हैं। पैसिव निवेश में स्पष्टता है। निवेशक अपनी रणनीति और जोखिम के बारे में पूरी तरह जानते हैं। 2026 में व्यापक बाजार, फैक्टर और परिसंपत्ति आवंटन सूचकांक स्कीमों को अच्छी लोकप्रियता मिलने की संभावना है।

क्या आप पैसिव निवेश योजनाओं में अल्पकालिक निवेश के मुकाबले दीर्घकालिक, एसआईपी वाले निवेश में इजाफा देख रहे हैं?

हां, पैसिव निवेश फंडों में एसआईपी-आधारित भागीदारी में काफी मजबूती आई है। निवेशक अब इंडेक्स फंडों का अल्पकालिक रणनीतिक निवेश के बजाय दीर्घकालिक संपत्ति सृजन के साधन के रूप में अधिक उपयोग कर रहे हैं। यह बदलाव नियमों पर आधारित रणनीतियों के प्रति बढ़ती जागरूकता और सहजता के कारण हो रहा है। हमें उम्मीद है कि पैसिव निवेश योजनाओं में एसआईपी निवेश वृद्धि का प्रमुख चालक बना रहेगा।

पोर्टफोलियो में सोने और चांदी के साथ निवेश के फायदे आप कैसे बताएंगे? आप 70:30 के अनुपात में सोने और चांदी का निवेश क्यों पसंद करते हैं?

सोना स्थिरता लाता है और वैश्विक अनिश्चितता के दौरान सुरक्षा कवच का काम करता है। वही, चांदी औद्योगिक चक्र में तेजी लाती है जिससे दीर्घकालिक लाभ की संभावना बढ़ जाती है। ये दोनों मिलकर कीमती धातुओं का संतुलित निवेश बनाते हैं जो विभिन्न आर्थिक परिदृश्यों में अच्छा प्रदर्शन करता है। 70:30 का यह मिश्रण सोने की कम अस्थिरता का लाभ उठाता है और चांदी की वृद्धि के चरणों में उसकी तेजी को आकर्षित करता है। ऐतिहासिक रूप से इस संयोजन ने अकेले किसी भी धातु की तुलना में जोखिम-समायोजित बेहतर परिणाम दिए हैं।

अगले साल में बाजार जोखिम उठाने के इच्छुक निवेशकों के लिए आप क्या कहना चाहेंगे?

आसान और विविधता के साथ शुरुआत करें। निफ्टी 500 जैसे व्यापक बाजार सूचकांकों में मुख्य निवेश पहले दिन से ही प्रभावी एक्सपोजर देता है। मोमेंटम या क्वालिटी जैसे फैक्टर इंडेक्स में छोटा निवेश विविधीकरण और बढ़ा सकता है।

First Published - December 16, 2025 | 8:29 AM IST

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