नैस्डैक में लिस्टेड अमेरिका की प्रमुख चिप निर्माता कंपनी एनालॉग डिवाइसेज (ADI) ने भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादों (semiconductor products) के निर्माण की संभावनाओं का पता लगाने के लिए नमक से लेकर हवाई जहाज उड़ाने वाली टाटा ग्रुप के साथ हाथ मिलाया है। अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एनालॉग डिवाइसेज (ADI) ने एक बयान में कहा, “टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा मोटर्स और तेजस नेटवर्क्स ने ADI के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य रणनीतिक और व्यावसायिक सहयोग को बढ़ाना, भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण के अवसरों का पता लगाना, और टाटा के अनुप्रयोगों जैसे इलेक्ट्रिक वाहन और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में ADI के उत्पादों का उपयोग करना है।”
156 साल पुराने टाटा ग्रुप की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण शाखा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात राज्य में भारत की पहली सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट और असम राज्य में एक चिप-असेंबली और टेस्टिंग प्लांट बनाने के लिए कुल 14 अरब डॉलर का निवेश कर रही है। टाटा ग्रुप के सेमीकंडक्टर प्लांट के निर्माण को इस साल की शुरुआत में भारत सरकार ने हरी झंडी दी थी।
इस डील पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, “टाटा ग्रुप भारत में एक समृद्ध सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध है। हम सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में ADI के साथ साझेदारी करने और टाटा ग्रुप की कंपनियों तथा ADI के बीच सहयोग के अवसर तलाशने के लिए उत्साहित हैं, ताकि हमारे ग्राहकों की सेवा के लिए उन्नत उत्पादों को डिजाइन और पेश किया जा सके।”
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ADI के साथ समझौते के तहत, टाटा ग्रुप की ऑटोमेंकिंग यूनिट टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक वाहनों और तेजस नेटवर्क्स के टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर में भी इस चिप निर्माता के उत्पादों का उपयोग करेगा। हालांकि कंपनियों ने यह नहीं बताया कि भारत में कौन से उत्पाद बनाए जाएंगे या टाटा ग्रुप ADI के किन उत्पादों का उपयोग करेगा।
ADI के सीईओ और चेयरमैन विंसेंट रोश ने कहा, “ADI में, हम भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए टाटा ग्रुप के साथ मिलकर काम करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह संयुक्त प्रयास इस क्षेत्र में इनोवेशन और सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।”
उन्होंने कहा, “टाटा के दृष्टिकोण और क्षमताओं के साथ हमारे वास्तविक दुनिया के सेमीकंडक्टर सॉल्यूशन और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञता को मिलाकर, हम इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर अगली पीढ़ी के नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर तक अत्याधुनिक तकनीकों के विकास को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं। हम न केवल एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के भविष्य को भी आकार दे रहे हैं।”
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ताइवान जैसे ग्लोबल सेमीकंडक्टर पावरहाउस के प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्थापित करने के लिए जोर दिया है, जो प्रारंभिक असफलताओं के बावजूद भारत को दुनिया के लिए चिप निर्माता बनाना चाहते हैं।
इस महीने की शुरुआत में, महाराष्ट्र ने कहा था कि अदाणी ग्रुप और इज़राइल की टॉवर सेमीकंडक्टर 10 अरब डॉलर का निवेश करके एक चिप परियोजना पर काम करेंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर प्रमुख लार्सन एंड टुब्रो की सेमीकंडक्टर इकाई, जो वाहनों के लिए चिप्स डिजाइन करती है, भी भविष्य में एक फैक्ट्री बनाने की योजना बना रही है।
NXP सेमीकंडक्टर्स और माइक्रॉन (Micron) जैसी ग्लोबल कंपनियों ने भी भारत में निवेश और प्लांट स्थापित करने की योजनाओं की घोषणा की है।